चौहान वंश : सिरोही का देवड़ा चौहान वंश Topik-15
हमने पीछे के भाग में चौहान वंश रणथम्भोर के जालोर के चौहान का इतिहास पढ़ा , जालोर के चौहान वंश की स्थापना कीर्तिपाल चौहान ने की थी और जालोर के अंतिम व सबसे प्रतापी शासक कान्हडदेव चौहान थे इनका शासन काल 1296-1311 ई. तक था दहिया सरदार बिका के विस्वासघात के कारण 1311 ई. में अलाउद्दीन का जालोर पर अधिकार हुआ , सिरोही में चौहान वंश की स्थापना करने वाले राव लुम्बा थे इनका शासन काल 1311-1331 ई. तक था चोहानो की देवड़ा शाखा के संस्थापक राव लुम्बा ने चन्द्रवती को अपनी राजधानी बनाया चौहान वंश का आगे का इतिहास निम्नलिखित है —–
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सिरोही का देवड़ा चौहान वंश
- सिरोही को अर्बुद प्रदेश या अर्बुदांचल भी कहा जाता है
- अर्बुदा देवी का मन्दिर माउन्ट आबू ( सिरोही ) में है
- अर्बुदा देवी को राजस्थान की वैष्णो देवी कहा जाता है
- सिरोही के देवड़ा चोहान वंश की स्थापना करने वाला राव लुम्बा था
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चौहान वंश
- राव लुम्बा ( 1311-1331 ई.) ———————
- चोहानो की देवड़ा शाखा का संस्थापक माना जाता है
- राव लुम्बा ने परमारों से आबू व चन्द्रावती को छिना
- और चन्द्रावती को अपनी राजधानी बनाया
- 1320 ई. में अचलेश्वर महादेव मन्दिर का पुनर्निर्माण करवाया
- हटूडी गाँव को दान में दिया
- शिवभान ———————
- 1405 ई. में सरणवा पहाड़ी पर दुर्ग बनाया
- शिवभान ने शिवपुरी नगर बसाया
- सहसमल ———————
- 1425 ई. में सिरोही नगर की स्थापना की थी
- इसे मेवाड़ महाराणा कुम्भा ने पराजीत किया
- सहसमल ने अचलगढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया
- लाखा ( 1451-1483 ई.) ———————
- लाख ने पुन : सिरोही पर अधिकार किया
- 1451 में आबू पर अधिकार किया
- पावागढ़ (गुजरात ) में कालिका माता मन्दिर का निर्माण करवाया
- सिरोही में लाखनाव तालाब का निर्माण करवाया
- जगमाल ( 1483-1523 ई. ) ———————
- जगमाल का विवाह महाराणा रायमल की पुत्री आनंदी बाई से हुआ था
- यह आनंदी बाई को दुःख देता था
- इसी कारण महाराणा रायमल के पुत्र कुंवर पृथ्वीराज ने जगमाल को जहर दे दिया था
- जहर देने से 1523 में जगमाल की मृत्यू हुई
- इसकी 12 खम्भों की छतरी कुम्भलगढ़ में बनी हुई है
- अखेराज देवड़ा ( 1523-1527 ई. ) ———————
- अखेराज दिल्ली के सुल्तान अकबर के समकालीन था
- खानवा युद्ध ( 1527 ई.) में सांगा की और से बाबर के विरुद्ध युद्ध करते हुए मारा गया
- इसे उड़ना अखेराज भी कहा जाता है
- जोधपुर के लोहियाना दुर्ग का निर्माता
- सुरताण देवड़ा ———————
- 1575 ई. में अकबर की अधीनता स्वीकार की
- दताणी युद्ध ————-
- यह युद्ध 1583 ई. में हुआ
- सुरताण देवड़ा और जगमाल के मध्य हुआ
- जगमाल महाराणा प्रताप का भाई था
- इस युद्ध में जगमाल की मृत्यू हुई
- सुरताण देवड़ा विजयी हुआ
- शिवसिंह देवड़ा ———————
- 11 सितम्बर 1823 को अंग्रेजो से सहायक संधि की थी
- राजस्थान के एकीकरण में संधि करने वाली रियासतों में सिरोही अंतिम रियासत थी