त्यौहार : राजस्थान के प्रमुख त्यौहार Topik-17
हमने राजस्थान के प्रमुख त्यौहार के पीछे के भागो में हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों का अध्ययन किया , अब इस भाग में हम जैन धर्म के प्रमुख त्योहारों का अध्ययन करेंगे —-
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जैन धर्म के प्रमुख त्यौहार
- पर्युषण पर्व ——————–
- इस त्यौहार को क्षमापर्व / पर्वाधिराज कहा जाता है
- यह क्षमा याचना का त्यौहार है
- पर्युषण शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है ———- निकट रहना / निकट बसना
- यह त्यौहार शवेतामबर जेनो में ——————–
- भाद्रपद कृष्ण 12 से भाद्रपद शुक्ल 5 तक मनाया जाता है
- दिगम्बर जेनो में यह त्यौहार ——————–
- भाद्रपद शुक्ल 5 से भाद्रपद शुक्ल 14 तक मनाया जाता है
- पर्युषण पर्व का अंतिम दिन सवंत्सरी कहलाता है
- दशलक्ष्ण पर्व ——————–
- यह त्यौहार वर्ष में तिन बार मनाया जाता है ———-
- चेत्र शुक्ल पंचमी से चतुर्दशी तक
- भाद्रपद शुक्ल पंचमी से चतुर्दशी तक
- माघ शुक्ल पंचमी से चतुर्दशी तक
- यह गुणों को समर्पित त्यौहार है
- यह त्यौहार वर्ष में तिन बार मनाया जाता है ———-
- महावीर जयंती ——————–
- चेत्र शुक्ल तेरस
- जैन धर्म के 24 वे तीर्थंकर महावीर स्वामी के जन्म दिवस के उपलक्ष में यह त्यौहार मनाया जाता है
- इस दिन करोली में महावीर जी का मेला लगता है
- इस मेले में आने वाला चढावा कंजर जनजाति में वितरित किया जाता है
- ऋषभ जयंती ——————–
- चेत्र कृष्ण नवमी
- धुलेव गाँव ( उदयपुर ) में मेले का आयोजन होता है
- सुंगंध दशमी ——————–
- भाद्रपद शुक्ल दशमी
- इस दिन धार्मिक स्थानों पर सुंगंधित वस्तुए चढाई जाती है
- रोट तीज ——————–
- भाद्रपद शुक्ल तृतीया
- इस दिन बड़ी रोटी बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है
- पडवा ढोक ——————–
- आश्विन कृष्ण एकादशी
- यह क्षमा याचना का पर्व है
- रतनत्रय ——————–
- भाद्रपद शुक्ल तेरस
- अष्टान्हिका पर्व ——————–
- यह पर्व वर्ष में 3 बार मनाया जाता है
- आषाढ़ शुक्ल अष्टमी
- कार्तिक शुक्ल अष्टमी
- फाल्गुन शुक्ल अष्टमी
- यह पर्व वर्ष में 3 बार मनाया जाता है
- सोलह कारण ——————–
- भाद्रपद कृष्ण एकम से आश्विन कृष्ण एकम तक मनाया जाता है