परमाणु टोपिक-5
परमाणु के पिछले भाग में हमने परमाणु की परिभाषा , डोल्टन का परमाणु सिद्दांत , अवपरमाण्विक कण ( इलेक्ट्रोन , प्रोटोन तथा न्युट्रोन ) के बारे में अध्ययन किया अब हम परमाणु के प्रकार एवं सरचना का अध्ययन करेंगे —-
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परमाणु
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- परमाणु के प्रकार ——————-
- समस्थानिक ( Isotops ) ————
- एक ही तत्व के दो या दो से अधिक परमाणु जिनका परमाणु क्रमांक समान ( प्रोटोन की संख्या समान ) हो तथा परमाणु भार अलग – अलग हो , समस्थानिक कहलाते है
- A1Z X , A2Z X
- हाइड्रोजन परमाणु के 3 समस्थानिक है ——-
- प्रोटेरियम ——– 11H ( प्रोटोन = 1 , न्युट्रोन = 0 )
- ड्युटेरियम ——- 21H ( प्रोटोन = 1 , न्युट्रोन = 1 )
- ट्यटोरियम ——- 31H ( प्रोटोन = 1 , न्युट्रोन = 2 )
- समभारिक —————–
- अलग – अलग तत्वों के परमाणु जिनका परमाणु भार समान होता है परन्तु परमाणु क्रमांक अलग – अलग होते है , समभारिक कहलाते है
- AZ1X , AZ2X
- उदाहरण ——–
- 4020Ca
- 4018Ar
- अलग – अलग तत्वों के परमाणु जिनका परमाणु भार समान होता है परन्तु परमाणु क्रमांक अलग – अलग होते है , समभारिक कहलाते है
- समन्युट्रोनिक ————————
- दो या दो से अधिक परमाणु जिनमे न्युट्रोनो की संख्या समान होती है , समन्युट्रोनिक कहलाते है
- उदाहरण ——
- 2311Na ( न्युट्रोन = 23 – 11 = 12 )
- 2412Mg ( न्युट्रोन = 24 – 12 = 12 )
- समइलेक्ट्रोनिक —————-
- दो या दो से अधिक अणु या आयन जिनमे इलेक्ट्रोन की संख्या समान होती है , समइलेक्ट्रोनिक कहलाते है
- उदाहरण ——-
- H2O ( इलेक्ट्रोन = 8 + 2 = 10 )
- NH3 ( इलेक्ट्रोन = 7 + 3 = 10 )
- CH4 ( इलेक्ट्रोन = 6 + 4 = 10 )
- आइसोस्टर्स ———————–
- दो या दो से अधिक अणु जिनमे परमाणुओ की संख्या तथा इलेक्ट्रोनो की संख्या समान होती है , आइसोस्टर्स कहलाते है
- उदाहरण ——-
- CO ( 6 + 8 = 14 )
- N2 ( 7 + 7 = 14 )
- आइसोडायफर ——————–
- दो या दो से अधिक परमाणु जिनमे न्युट्रोन – प्रोटोन ( N – P ) की संख्या समान होती है , आइसोडायफर कहलाते है
- 2311NA ( प्रोटोन = 11 , न्युट्रोन = 12 ) ( N – P ) ( 12 – 11 = 1 )
- 2512Mg ( प्रोटोन = 12 , न्युट्रोन = 13 ) ( N – P ) ( 13 – 12 = 1 )
- समस्थानिक ( Isotops ) ————
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- परमाणु की सरंचना ———————–
- परमाणु की सरंचना भिन्न – भिन्न समय पर भिन्न – भिन्न विद्वानों ने प्रस्तुत की है , जिन्हें परमाणु मोडल कहा जाता है
- सर्वप्रथम परमाणु मोडल जे . जे. थोमसन ने दिया था
- 1 जे. जे. थोमसन का परमाणु मोडल ————–
- यह प्रथम परमाणु मोडल है जिसे पलम पुडिंग मोडल कहते है
- भारतीय परिपेक्ष्य में इसे तरबूज मोडल कहते है
- थोमसन के अनुसार परमाणु एक धनावेशित गोला है जिसमे समान आवेश के इलेक्ट्रोन वितरित है
- 2 रदरफोर्ड का परमाणु मोडल —————
- रदरफोर्ड ने गीगर व मार्सडेन के साथ मिलकर स्वर्ण पत्र प्रयोग किया जिसे एल्फा – कण प्रकीर्णन प्रयोग भी कहते है
- रदरफोर्ड ने एल्फा – कण ( हीलियम के नाभिक ) लेकर उनकी 100 नेनोमीटर ( 107 मीटर ) मोटाई वाले स्वर्ण पत्र पर बोछार करवाई ! स्वर्ण पत्र के चारो और जिंक सल्फाइड ( ZNS ) से लेपित पर्दा रखा गया ! जिंक सल्फाइड का लेपन कण की दिशा जानने के लिए किया गया क्युकी जिंक सल्फाइड पर कण टकराने से चमक उत्पन्न होती है
- रदरफोर्ड के इस प्रयोग से प्राप्त परिक्षण व निष्कर्ष ————-
- अधिकांश एल्फा कण स्वर्ण पत्र में सीधे चले जाते है अथार्त परमाणु का अधिकांश भाग खाली है
- कुछ कण किसी कोण से विचलित हो रहे है अत: इलेक्ट्रोन की उपस्थिति है
- लगभग 1200 कणों में से एक कण ऐसा था जो वापस लोटकर आया यह कण केंद्र में धनावेश को दर्शाता है , इस केंद्र को नाभिक कहते है
- नाभिक की खोज का श्रेय ——- रदरफोर्ड को जाता है
- रदरफोर्ड ने बताया की परमाणु का सम्पूर्ण धनावेश उसके नाभिक में रहता है जिसके चारो और इलेक्ट्रोन वृताकार अथवा सर्पिल वृताकार पथो में चक्र लगाते है
- नोट—–
- मेक्सवेल के तरंग सिद्दांत के अनुसार इलेक्ट्रोन सर्पिल पंथ में घूमता हुआ अंत में नाभिक में जा गिरेगा जिससे परमाणु नष्ट हो जायेगा , जो सम्भव नही है !
- अत: रदरफोर्ड का परमाणु मोडल असफल रहा
- 3 बोर ( बोहर ) का परमाणु मोडल ———————–
- नील्स बोर ने सबसे पहले हाइड्रोजन परमाणु का मोडल बनाया
- नील्स बोर के परमाणु मोडल की प्रमुख अवधारणाये ————-
- परमाणु का सम्पूर्ण धनावेश उसके नाभिक में केन्द्रित होता है
- इलेक्ट्रोन नाभिक के चारो और स्थाई वृताकार पंथो में चक्कर लगाते है ,
- इन पंथो को —————- कक्षा / कोष या उर्जा स्तर कहते है
- इन कक्षाओ को ———— K , L , M , N या 1 , 2 , 3 , 4 से दर्शाते है
- प्रत्येक कक्षा में अधिकतम इलेक्त्रोनो की संख्या 2n2 होती है
- यहा n = कक्षा की संख्या
- जेसे : कक्षा – K ——-
- n = 1
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 2n2
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 2 ( 1 ) 2
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 2
- जेसे : कक्षा – L ——-
- n = 2
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 2n2
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 2 ( 2 ) 2
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 8
- जेसे : कक्षा – M ———
- n = 3
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 2n2
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 2 ( 3 ) 2
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 18
- जेसे कक्षा – N ———
- n = 4
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 2n2
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 2 ( 4 ) 2
- अधिकतम इलेक्ट्रोन = 32
- प्रशन —— किसी कक्षा में न्यूनतम इलेक्ट्रोनो की संख्या बताइए ?
- ( अ ) 1
- ( ब ) 2
- ( स ) 3
- ( द ) 4
- उतर ——–
- ( अ ) 1 इलेक्ट्रोन
- इलेक्ट्रोन केवल उन्ही कक्षाओ में चक्कर लगायेंगे जिनका कोणीय संवेग nh / 2पाई या h / 2पाई का गुणज है
- यंहा n = कक्षा की संख्या जेसे : 1 , 2 , 3 , 4
- h = प्लांक स्थिरांक
- h = 6.625X10-34 जुल / सेकंड
- इलेक्ट्रोन जब उर्जा का अवशोषण करता है ( अथार्त उर्जा को ग्रहण करता है ) तो निम्न उर्जा स्तर से उच्च उर्जा स्तर में चला जाता है
- इलेक्ट्रोन जब उर्जा का उत्सर्जन करता है ( अथार्त उर्जा का त्याग करता है ) तो वह उच्च उर्जा स्तर से निम्न उर्जा स्तर में चला जाता है
- उच्च उर्जा स्तर बाहर की तरफ तथा निम्न उर्जा स्तर अंदर होता है
- बोर के परमाणु मोडल की कमिया —————–
- भारी परमाणु पर लागु नही होता है
- अणु / योगिको के निर्माण की सफल व्याख्या न होना