बीकानेर का इतिहास : राठौड़ वंश Topik-38
हमने पिछे के भाग में बीकानेर का इतिहास शुरू से लेकर डूंगर सिंह तक का इतिहास पढ़ा , डूंगर सिंह का शासन काल 1872-1887 ई. तक था ,डूंगर सिंह ने डूंगरगढ़ कस्बा बसाया था , बीकानेर में पापड़ व भुजिया उद्दोग डूंगर सिंह के काल में स्थापित किये गये ,डूंगर सिंह के बाद इनके छोटे भाई महाराजा गंगासिंह शासक बने , आगे का बीकानेर का इतिहास निम्नलिखित है ————
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बीकानेर का इतिहास
- महाराजा गंगासिंह ( 1887-1943 ई. ) —————
- डूंगर सिंह के भाई थे
- राज्याभिषेक ————— 31 अगस्त 1887 ई.
- महाराजा गंगासिंह को आधुनिक भारत का भागीरथ भी कहा जाता है
- इन्हें बीकानेर केसरी के नाम से भी जाना जाता है
- शिक्षा – दीक्षा ————— मेयो कोलेज के प्रोफेसर रामचन्द्र दुबे के निर्देशन में हुई
- शासन व्यवस्था की शिक्षा ————— इजर्टन
- सैनिक शिक्षा ————— 1898 ई. में देवली ( टोंक ) सैनिक छावनी से प्राप्त की
- उपाधि ————— K.C.E.I. ( नाईट कमांडर ऑफ़ इंडियन अम्पायर )
- 1898 ई. में गंगासिंह के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर राजपुताना AGG मंत्रीमंडल द्वारा गंगासिंह को बीकानेर का राजकार्य सोंपा गया
- 1899 ई. में छपन्या अकाल पड़ा —————
- विक्रम संवत 1956 ई.
- राहत कार्य हेतु गंगासिंह ने गजनेर झील का निर्माण करवाया
- 1900 ई. में चाइना में बोक्सर युद्ध में अंग्रेजो का सहयोग किया
- अंग्रेजो ने महाराजा गंगासिंह को K.C.E.I. की उपाधि से सममानित किया
- 1901 ई. में बीकानेर में महारानी विक्टोरिया क्लब का निर्माण करवाया
- 1902 ई. में एडवर्ड सप्तम के राज्याभिषेक समारोह में भाग लेने हेतु गंगासिंह लन्दन पहुचे
- 1903 ई. में महाराजा गंगासिंह लार्ड कर्जन के दिल्ली दरबार में शामिल होने पहुंचे
- 1910 ई. में गंगासिंह ने न्यायपालिका एवं कार्यपालिका को प्रथक कर स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना की
- 1911 ई. में जोर्ज पंचम के राज्याभिषेक समारोह में भाग लेने हेतु लन्दन पंहुचे
- गंगासिंह ने गंग रिसाला नामक ऊँटो की प्रशिक्षित सैन्य टुकड़ी की स्थापना की थी
- 1914 ई. में प्रथम विश्व युद्ध में गंगासिंह ने अंग्रेजो की सहायता हेतु गंग रिसाला सेन्य टुकड़ी भेजी थी
- प्रथम विश्व युद्ध के समय इम्पीरियल वार कमेटी के एकमात्र अश्वेत सदस्य ————— गंगासिंह थे
- महाराजा गंगासिंह ने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्धों में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया था
- 1915 ई. में गंगासिंह ने लालगढ़ पेलेस / लालगढ़ महल का निर्माण करवाया
- लालगढ़ महल का उद्घाटन लार्ड होर्डिंग ने किया
- 1915 ई. में गंगासिंह पब्लिक पार्क का निर्माण करवाया
- इस पार्क में इजर्टन टैंक स्थित है
- पार्क का उद्घाटन लार्ड होर्डिंग ने किया
- 1913 ई. में महाराजा गगासिंह ने अंग्रेजो के साथ पुन: नमक संधि की
- 1919 ई. की वर्साय / वर्सालिज की संधि में हिस्सा लिया
- ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा महाराजा गंगासिंह को D.C.L. ( डॉक्टर ऑफ़ सिविल लो ) की उपाधि प्रदान की गयी
- महाराजा गंगासिंह ने लोक कल्याण विभाग ( P.W.D. ) की स्थापना की
- गंगासिंह के काल में राजस्थान का सबसे बड़ा रेलवे मार्ग बना था
- महाराजा गंगासिंह का शासन सिद्दांत —————
- दमन
- उत्पीडन
- निर्वासन
- गंगासिंह जी ने डूंगर कोलेज की स्थापना की थी
- 1921 ई. में महाराजा गंगासिंह ————— नरेंद्र मंडल के प्रथम चांसलर बने
- महाराजा गंगासिंह 5 वर्ष तक चांसलर के पद पर रहे
- यह भारतीय राजाओ का एक सगठन था
- अलवर के महाराजा जयसिंह ने नरेंद्र मंडल नाम सुझाया था
- 1921 ई. में महाराजा गंगासिंह ने गंगनहर की नीव रखी —————
- 1927 ई. में गंगनहर का कार्य पूर्ण हुआ यह नहर भारत की प्रथम सिंचाई परियोजना मानी जाती है
- सतलज नदी पर हुसेनवाली स्थान ( पंजाब )
- उद्घाटन —— लार्ड इरविन
- उद्घाटन स्थल ——- शिवपुरी हेडकवार्टर पर
- 1927 ई. के बटलर समिति के समक्ष गंगासिंह ने भारत सरकार की अपेक्षा ब्रिटिश क्राउन से अपना सम्बन्ध बनाये रखने की बात कही थी
- गंगासिंह ने तीनो गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था —————
- 1930 ई. में प्रथम गोलमेज सम्मेलन में शामिल हुआ
- 1931 ई. में द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में शामिल हुए लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण वापिस लोट आये
- 1932 में तीसरे गोलमेज सम्मेलन में गंगासिंह के प्रतिनिधि मनुभाई मेहता शामिल हुए
- गंगासिंह ने 1932 ई. में स्थानीय कार्यकर्ताओ पर अभियोग चलाया था
- इस अभियोग को बीकानेर षडयंत्र केस 1932 के नाम से जाना जाता है
- गंगासिंह ने जसनाथी सम्प्रदाय के अग्नि नृत्य को सरक्षण दिया था
- महाराजा गंगासिंह ने हिंदी भाषा को राजकीय भाषा घोषित किया
- 1937 ई. में गंगासिंह के 50 वर्ष शासनकाल पूर्ण होने पर बीकानेर में गोल्डन गंगासिंह ज्युबली संग्रहालय की स्थापना की
- गंगासिंह को अंग्रेजो ने मानद जनरल की उपाधि प्रदान की गयी
- यह अंग्रेजो द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्य सम्मान था
- करणी माता , गोगामेडी एवं रामसरोवर ( रुनेचा ) को आधुनिक रूप गंगासिंह ने दिया
- गंगासिंह ने बीकानेर में गंगासिंह होल व विक्रम निवास होल का निर्माण करवाया
- गंगासिंह की रानी भटियाणी को अंग्रेजो ने I.O.C.I. की उपाधि प्रदानं की
- I.O.C.I. ————— इम्पीरियल ऑफ़ द क्राउन ऑफ़ इंडिया
- 2 फ़रवरी 1943 ई. में बम्बई में महाराजा गंगासिंह की मृत्यू हुई
- शार्दुल सिंह ( 1943 – 30 मार्च 1949 ई. ) —————
- शार्दुल सिंह बीकानेर के अंतिम शासक थे
- शार्दुल सिंह ने शार्दुलपुर कस्बा बसाया
- शार्दुल सिंह के काल में गंगानगर के रायसिंहनगर में 30 जून 1946 ई. को बीरबल हत्याकांड किया गया
- बीकानेर राजस्थान की प्रथम रियासत थी जिसने भारत में विलेय पत्र पर हस्ताक्षर किये थे
- नोट : राजस्थान एकीकरण पर हस्ताक्षर करने वाले प्रथम शासक ————— अलवर के तेजसिंह थे
- राजपुताना के प्रथम शासक जिन्होंने विलेय पत्र पर हस्ताक्षर किये ————— बीकानेर के शार्दुल सिंह
- शार्दुल सिंह ने K.M. पन्निकर को सविधान सभा सदस्य के रूप में भेजा था
- 30 मार्च 1949 ई. को बीकानेर रियासत का विलेय किया गया
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