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Indian polity

भारत के राष्ट्रपति : president of india भाग – 1 Topik – 4

हमने पिछले भाग में मोलिक अधिकार , मूल कर्तव्य और राज्य के निति निदेशक तत्वों का अध्ययन किया अब हम भारत के राष्ट्रपति के बारे में विस्तृत अध्ययन करेंगे ————————-

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भारत के राष्ट्रपति

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भारत के राष्ट्रपति ———————-

राष्ट्रपति भारत का संवेधानिक प्रधान होता है
यह राष्ट्राध्यक्ष होता है किन्तु सरकार का अध्यक्ष नहीं होता
सरकार का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है |
राष्ट्रपति संघ की कार्यपालिका का नाममात्र का प्रधान होता है
शमशेर सिंह बनाम पंजाब राज्य के मामले में उच्चतम न्यायालय का मत है की ” राष्ट्रपति मात्र संवेधानिक या ओपचारिक प्रधान है ” , यह देश का प्रथम नागरिक है |

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  1. अनुच्छेद – 52 —————–
    • इस अनुच्छेद में उल्लेख किया गया है की भारत का एक राष्ट्रपति होगा
    • अथार्त इस अनुच्छेद में भारत के राष्ट्रपति पद का प्रावधान किया गया
  2. अनुच्छेद – 53 —————–
    • इस अनुच्छेद में संघ की कार्यपालिका की समस्त शक्तिया राष्ट्रपति में निहित होगी
  3. अनुच्छेद – 54 —————–
    1. इस अनुच्छेद में भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल का उल्लेख किया गया है
    2. इसके तहत राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचन मंडल द्वारा संपन्न होता है
    3. राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्येक सदस्य वरीयता के आधार पर मतदान करता है
    4. राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल में कोन – कोन शामिल होते है ——–
      1. संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
      2. राज्यों की विधानसभाओ के निर्वाचित सदस्य
      3. दिल्ली एवं पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्र की विधानसभाओ के निर्वाचित सदस्य ( यह प्रावधान 70 वे संविधान संशोधन , 1992 द्वारा जोड़ा गया )
    5. राष्ट्रपति के निर्वाचन में कोन भाग नहीं ले सकता ——————
      1. संसद के दोनों सदनों के मनोनीत सदस्य
      2. राज्य विधानसभाओ के मनोनीत सदस्य
      3. राज्य विधान परिषद के सभी सदस्य
      4. दिल्ली व पुडुचेरी विधानसभाओ के मनोनीत सदस्य
      5. विघटित की गयी विधायिका के सदस्य
  4. अनुच्छेद – 55 —————–
    • राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीती ( Manner of Election of President ) राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से किया जाता है
      1. अनुच्छेद – 55 ( क ) ——– राष्ट्रपति के निर्वाचन में भिन्न – भिन्न राज्यों के प्रतिनिधित्व को मापने में एकरूपता होगी |
      2. अनुच्छेद – 55 ( ग ) ——— राष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति ( Proportional Representation System ) के अनुसार एकल संक्रमणीय मत ( Single Transferable Voting ) द्वारा होगा एवं मतदान गुप्त होगा |
      3. अनुच्छेद – 55 ( ख ) ——– राज्यों के बीच ऐसी एकरूपता प्राप्त करने तथा संघ एवं सभी राज्यों के मध्य समतुल्यता प्राप्त करने के लिए उन मतो ( या मत के मूल्य ) की गणना की जाएगी , जिन्हें संसद या राज्य विधानसभा का प्रत्येक सदस्य देने का हक़दार है |
      4. मतो की गणना का तरीका निम्नलिखित होगा ————
      5. ( A ) किसी राज्य की विधानसभा के प्रत्येक निर्वाचन सदस्य के उतने मत होंगे जितने की एक हजार के गुणित उस भागफल में हो जो राज्य की जनसख्या को उस विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या में भाग देने पर आये |
        • यदि शेष 500 से ज्यादा बचता है तो प्रत्येक सदस्य के मतो की संख्या में एक और जोड़ दिया जायेगा
        • राज्य विधानसभा के एक सदस्य के मत मूल्य = राज्य की कुल जनसंख्या X 1 / राज्य विधानसभा के कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या X 1000
      6. ( B ) संसद के प्रत्येक सदन के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य के मतो की संख्या वह होगी जो उपर्युक्त राज्यों की विधानसभा ओ के सदस्यों के लिए नियत कुल मतो की संख्या को , संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या से भाग देने पर आये
        • संसद के एक सदस्य के मत का मूल्य = राज्यों की विधानसभा के सदस्यों का कुल मत मूल्य / संसद के कुल निर्वाचित सदस्य
      7. स्पष्टीकरण ————–
        • राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए जनसंख्या से आशय ———— 1971 की जनगणना द्वारा अभिनिश्चित की गयी जनसंख्या से है
        • 84 वें संविधान संशोधन – 2001 के द्वारा इस अनुच्छेद में यह प्रावधान किया गया की 2026 तक राष्ट्रपति के निर्वाचन में 1971 की जनसंख्या को आधार माना जायेगा |
      8. नोट —————–
        1. वह प्रत्याशी विजयी घोषित किया जायेगा जो न्यूनतम कुल मतों के आधे से एक अधिक मात प्राप्त करता है
          • न्यूनतम कोटा = कुल वेध मत + 1 / 2
        2. प्रत्येक मतदाता मत देते समय सभी प्रत्याशियो को वरीयता क्रम प्रदान करता है
          • मतगणना के समय सर्वप्रथम वरीयता के मत गिने जाते है |
          • यदि किसी को जीत के लिए निर्धारित मत नहीं प्राप्त होते तो द्वितीय चरण की गणना एकल संक्रमणीय मत के आधार पर होती है |
        3. राष्ट्रपति के निर्वाचन सम्बन्धी प्रावधान राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रप्ति निर्वाचन अधिनियम – 1952 में वर्णितकिये गये है

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विधानसभा में सीटो की संख्या व एक विधायक के मात की मूल्य से सम्बंधित सारणी ——————

क्र. स. राज्य विधानसभा में सितो की संख्या राष्ट्रपति चुनाव में विधायक का मत मूल्य
1 आंध्रप्रदेश 175 159
2 अरुणाचल प्रदेश 60 8
3 असम 126 116
4 बिहार 243 173
5 छतीसगढ़ 90 129
6 गोवा 40 20
7 गुजरात 182 147
8 हरियाणा 90 112
9 हिमाचल प्रदेश 68 51
10 तेलंगाना 119 132
11 झारखंड 81 176
12 कर्नाटक 224 131
13 केरल 140 152
14 मध्यप्रदेश 230 131
15 महाराष्ट्र 288 175
16 मणिपुर 60 18
17 मेघालय 60 17
18 मिजोरम 40 8
19 नागालेंड 60 9
20 ओडिशा 147 149
21 पंजाब 117 116
22 राजस्थान 200 129
23 सिक्किम 32 7
24 तमिलनाडु 234 176
25 त्रिपुरा 60 26
26 उतरप्रदेश 403 208
27 उतरांचल / उतराखंड 70 64
28 पश्चिमी बंगाल 294 151

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केंद्र शासित प्रदेश —————–

क्र. स. केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा में सीटो की संख्या राष्ट्रपति चुनाव में विधायक का मत मूल्य
1 दिल्ली 70 58
2 पुडुचेरी 30 16

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शेष ————————————– अगले भाग में टोपिक – 5 में

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