परीक्षा उपयोगी पाठ्यक्रम

INDIA G. K. , विज्ञानं , हिंदी , कम्प्यूटर , राजस्थान G. K.

राजस्थान की कला एवं संस्क्रति

मंदिर : राजस्थान के प्रमुख मंदिर टोपिक-5

भारत में मंदिर निर्माण मुख्यत तिन शेलियो में किया गया — नागर शेली ( उतर भारत में ) द्रविड़ शेली ( दक्षिण भारत में ) बेसर शेली ( यह नागर + द्रविड़ शेली का मिश्रण है — मध्य भारत में ) , राजस्थान में सर्वाधिक मंदिर जयपुर में स्थित है ,राजस्थान में एकमात्र रावण मंदिर , विभीषन मंदिर , लक्ष्मण मंदिर , इंदिरा गाँधी मंदिर, गंगा मन्दिर , सप्त गौमाता मंदिर इत्यादि मन्दिर स्थित है जो निम्नलिखित है ——–

मंदिर

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राजस्थान के प्रमुख मंदिर

  1. राजस्थान में सर्वाधिक मंदिर जयपुर में स्थित है
  2. मंदिर निर्माण की प्रमुख तिन शेलिया होती थी ——–
  3. 1—– नागर शेली
  4. 2—— द्रविड़ शेली
  5. 3 —— बेसर शेली
    1. नागर शेली ———
      1. उतर भारत में मंदिर निर्माण की शेली
      2. इस शेली में मुर्तिस्थल के चारो तरफ परिक्रमा स्थल होता था एवं उपर गुम्बंद बना होता था
      3. राजस्थान के अधिकांश मंदिर इसी शेली में निर्मित है
      4. इस शेली की तिन उपशेलिया है ——–
        1. पंचायतन शेली ———-
          • चार अन्य मुर्तिया व एक मुख्य मूर्ति
        2. एकायतन शेली ——–
          • एक मन्दिर समूह
        3. गुर्जर प्रतिहार / महामारू शेली ———
          1. प्रतिहार काल में विकसित शेली
          2. 8-12 सदी तक निर्मित मन्दिरों की शेली
          3. महामारू शेली की नवीनतम शेली भूमिज शेली है जिसके अंतर्गत मंदिरका गुम्बंद अनेक खंडो में विभक्त होता है
          4. प्रतिहारकालीन महामारू शेली के मन्दिरों की विशेषताए —
            1. एक ऊँचे चबूतरे पर निर्मित मन्दिर
            2. मुख्य गर्भमें केवल एक ही मूर्ति
            3. मूर्ति के चारो और परिक्रमा करने के लिए एक निश्चित मार्ग
            4. दरवाजा मन्दिर से भी विशाल
          5. प्रतिहारकालीन महामारू शेली के राजस्थान में प्रमुख मन्दिर ———
            1. सास -बहु का मन्दिर, नागदा (उदयपुर)
            2. जगत अम्बिका का मन्दिर , जगत (आहड़ , उदयपुर )
            3. हर्षनाथ मन्दिर , रेवासा (सीकर )
            4. दधिमती माता का मन्दिर , गोठ- मांगलोद (नागोर )
            5. सच्चियाय माता का मन्दिर , ओसिया ( जोधपुर )
            6. देलवाडा का जेन मन्दिर समूह , सिरोही
            7. किराडू के शिव मन्दिर , हाथमा गाँव ( बाड़मेर )
            8. हर्षद माता का मन्दिर , आभानेरी ( दोसा )
            9. मंडोर (जोधपुर ) के मन्दिर ——-
              1. सूर्य मन्दिर
              2. हरिहर मन्दिर
              3. महावीर स्वामी मन्दिर
            10. चितोडगढ़ दुर्ग में —–
              1. कालिका माता का मन्दिर
              2. कुम्भ स्वामी मन्दिर
              3. समिद्धेश्वर मन्दिर आदि
    2. द्रविड़ शेली —————
      1. इस शेली के मन्दिर दक्षिण भारत में बनाये जाते है
      2. इस शेली के मन्दिर निचे से वर्गाकार , बीच में से गुम्बदाकार एवं उपर से पिरामिड आकृति के होते है
      3. इस शेली के मन्दिरों का प्रवेश द्वार गोपुरम कहलाता है
      4. राजस्थान में द्रविड़ शेली का प्रथम मन्दिर ——चोपड़ा मन्दिर ( धोलपुर ) है
    3. बेसर शेली —————
      1. नागर शेली + द्रविड़ शेली = बेसर शेली
      2. बेसर शेली में नागर और द्रविड़ शेलियो का मिश्रण है
      3. मध्य भारत में मंदिर का निर्माण बेसर शेली पर आधारित
  • राजस्थान में एकमात्र मंदिर ————-
    1. इंदिरा गाँधी मन्दिर ——– अचरोल ( जयपुर )
    2. रावण मन्दिर ————–मंडोर ( जोधपुर )
    3. विभीषन मन्दिर ————केथुन ( कोटा )
    4. लक्ष्मण मन्दिर ————-भरतपुर
    5. गंगा मन्दिर —————–भरतपुर
    6. सप्त गोमाता मन्दिर ———रेवासा ( सीकर )
    7. रघुनाथजी चुण्डावत मन्दिर —–सीकर
    8. दाड़ी-मूंछ वाले राम-लक्ष्मण मन्दिर—–झुंझुनू
  • राजस्थान के प्रमुख सूर्य मंदिर ————-
    1. ओसिया ( जोधपुर ) ———-
      1. यंहा स्थित सूर्य मन्दिर का निर्माण वत्सराज प्रतिहार ने करवाया
      2. इसे राजस्थान का कोणार्क / भुवनेश्वर भी कहते है
      3. इसे ब्लेक पेगडा कहते है
    2. गलताजी ( जयपुर ) ———–
      1. यह गालव ऋषि की तपोभूमि है
      2. इसे मंकी-वेली कहते है
      3. भगवान सूर्य की यंहा सवारी निकाली जाती है
    3. बुढातित ( कोटा ) ———–
      1. दीगोद ( कोटा )
      2. यंहा सूर्य मन्दिर स्थित है
    4. झालावाड का सूर्य मन्दिर ——–
      1. झालरापाटन ( झालावाड )
      2. इसे सात सहेलियों का मन्दिर भी कहते है
      3. इस मन्दिर को पदमनाथ / चारभुजा / वैष्णव मन्दिर भी कहते है
      4. यंहा भगवान शिव की मूर्ति तांडव करते हुए है
      5. यह मन्दिर खजुराहो व महामारू शेली में निर्मित है
      6. इस मन्दिर की रथिका में विष्णुजी एवं सूर्य की मूर्ति एक साथ लगी है
    5. कालिका माता का मन्दिर ————-
      1. चितोडगढ़ दुर्ग में
      2. राजस्थान का सबसे प्राचीनतम सूर्य मन्दिर है
      3. निर्माण ——–713 ई
      4. यह मन्दिर भगवान सूर्य को समर्पित
      5. प्रतिहारकालीन महामारू शेली में निर्मित है
    6. गंगरार गाँव ( चितोडगढ़ ) ————
      1. गंगरार का सूर्य मन्दिर
      2. वर्तमान में इस मन्दिर को अबदेवी का मन्दिर कहा जाता है
    7. वरमान / ब्रहामन स्वामी का सूर्य मन्दिर ———-
      1. सिरोही
      2. वर्तमान नाम ——-ब्रहामन
      3. प्राचीन नाम ——–वरमान
    8. मंडोर (जोधपुर ) का सूर्य मन्दिर ——–
      • प्रतिहारकालीन महामारू शेली में निर्मित
  • राजस्थान में ब्रह्मा जी के प्रमुख मंदिर —————–
    1. पुष्कर ( अजमेर ) ————–
      1. इस जगह का उल्लेख पदम-पूराण में मिलता है
      2. इस मन्दिर का निर्माण ——-शंकराचार्य जी ने करवाया
      3. यह विश्व का सबसे बड़ा ब्रह्मा जी का मन्दिर है
      4. विश्व में ब्रह्माजी का एकमात्र मन्दिर जंहा विधिवत रूप से पूजा की जाती है
      5. इस मन्दिर का आधुनिक निर्माता गोकुल चंद पारिक है
    2. आसोतरा ( बाड़मेर ) ————-
      1. निर्माण ——-खेताराम जी महाराज
      2. इस मन्दिर में ब्रह्मा जी व सावित्री जी की प्रतिमा स्थित है
    3. छींछ ( बांसवाडा ) ————
      • इस मन्दिर में ब्रह्माजी की आदमकद मूर्ति लगी हुई है
    4. जालोर
    5. नागोर
  • राजस्थान में हनुमानजी के प्रमुख मंदिर ————-
    1. सालासर बालाजी मंदिर ———
      1. सुजानगढ़
      2. दाड़ी-मूंछ वाले बालाजी
    2. मेहंदीपुर बालाजी ( दोसा ) ———-
      1. यंहा हनुमान जी की बाल प्रतिमा स्थित है
      2. इसे भुत-प्रेत निवारक मन्दिर भी कहते है
    3. पांडूपोल हनुमान मंदिर ———–
      1. अलवर
      2. यहा शयन करते हुए हनुमान जी की प्रतिमा स्थित है
    4. अंजनी माता हनुमान मंदिर ————
      1. पांचना ( करोली )
      2. हनुमान जी की दुग्ध पान करते हुए प्रतिमा स्थित
  • राजस्थान में प्रमुख गणेश मंदिर ———–
    1. त्रिनेत्र गणेश मन्दिर ———-रणथम्भोर दुर्ग
    2. नृत्य गणेश ——————-अलवर
    3. बोहरा गणेश —————–उदयपुर
    4. बाजणा गणेश —————-सिरोही
    5. हेरम्ब गणपति / सिंह पर सवार गणेश ———बीकानेर दुर्ग
    6. मुरला गणेश —————डूंगरपुर
    7. खेड गणेश ————खेड ( बाड़मेर )
    8. खोडा गणेश ———–किशनगढ़ ( अजमेर )
    9. खड़े गणेश ————-कोटा
    10. काक गणेश ————-जेसलमेर
    11. मोती डूंगरी के गणेश ——-जयपुर
  • राजस्थान के प्रमुख मीरा मंदिर —————-
    1. चारभुजानाथ मन्दिर / मीरा मंदिर —————-
      1. मेड़ता सिटी ( नागोर )
      2. राव दुदा द्वारा निर्मित
      3. यंहा रेदास जी , तुलसीदासजी , मीरा जी की आदमकद प्रतिमाये लगी है
    2. कृष्ण मन्दिर / मीराबाई का मन्दिर ————-
      1. चितोडगढ़ दुर्ग में
      2. निर्माण ——राणा सांगा
    3. हरिहर मंदिर / मीरा मन्दिर —————
      1. केलासपुरी ( उदयपुर )
      2. निर्माण —-महाराणा कुम्भा
    4. जगत शिरोमणी मन्दिर ————-
      1. आमेर दुर्ग ( जयपुर )
      2. उपनाम ———
        1. लालजी का मन्दिर
        2. मीराबाई का मन्दिर
      3. निर्माण ——
        • मानसिंह प्रथम की रानी कनकावती ने अपने पुत्र जगतसिंह प्रथम की स्मृति में इस मन्दिर का निर्माण करवाया
      4. इस मन्दिर में भगवान श्री कृष्ण की वही मूर्ति है जिसकी पूजा मीरा बाई चितोडगढ़ दुर्ग में करती थी
        • यह मूर्ति चितोडगढ़ दुर्ग के मीरा मन्दिर से इस मन्दिर में मानसिंह प्रथम लेकर आये
  • सावित्री मंदिर / सरस्वती मंदिर ———-
    1. रत्नागिरी की पहाड़ि पुष्कर ( अजमेर )
    2. इस पहाड़ी पर राजस्थान का तीसरा रोप-वे स्थापित
    3. राजस्थान में मा सरस्वती का एकमात्र मन्दिर
    4. यंहा स्ववित्री व सरस्वती की प्रतिमाये स्थित
  • काचरिया मंदिर ———
    1. किशनगढ़ (अजमेर )
    2. निम्बार्क सम्प्रदाय का मन्दिर
  • रंगनाथ जी मंदिर ————-
    1. पुष्कर ( अजमेर )
    2. गोमुख शेली या द्रविड़ शेली में
    3. निर्माण ——
      1. 1844 ईस्वी में
      2. सेठ पूर्णमल द्वारा करवाया गया
    4. भगवान विष्णु को समर्पित
  • रणकपुर जेन मंदिर ———-
    1. निर्माण ——–
      1. 1439 ईस्वी में
      2. धारणकशाह( कुम्बा के मंत्री थे ) ने करवाया
    2. सादड़ी के निकट , पाली में स्थित है
    3. वास्तुकार ———-सोमपुर ब्रहामन देपाक
    4. यह मन्दिर मथई नदी के तट पर स्थित है
    5. यह मन्दिर सेवाडी पत्थर एवं सोनाना पत्थरों से निर्मित है
    6. जिस स्थान पर यह मन्दिर निर्मित है वह भूमि धारणकशाह को महाराणा कुम्भा द्वारा दान में दी गयी
    7. राणा द्वारा दान में दी गयी भूमि पर यह मन्दिर निर्मित होने के कारण इसे रणकपुर जेन मन्दिर कहा गया
    8. भगवान आदिनाथ को समर्पित
    9. 1444 खम्भों पर निर्मित
    10. प्रत्येक खम्भा अद्वितीय है
    11. भूमिज शेली व पंचायतन शेली में निर्मित
    12. फर्ग्युसन नेइस मन्दिर को देखकर कहा ——–
      • “मेने अपने जीवन में एसा सुंदर भवन नही देखा जिसमे स्तम्भो का वर्गीकरण इतना आकर्षक हो “
    13. उपनाम ———-
      1. स्तंभों का वन
      2. चोमुखा मन्दिर
      3. नलिनी विमान मन्दिर
      4. खम्भों का अजायबघर
      5. आदिनाथ जेन मन्दिर
    14. रणकपुर प्रशस्ति ————
      1. 1489 में
      2. प्रशस्तीकार——-देपाक
      3. नागरी+संस्कृत भाषा में लिखी गयी
      4. महाराणा कुम्भा की विजयो का उल्लेख
      5. इसमें यह बताया गया है की कालभोज और बप्पा रावल दो अलग-अलग व्यक्ति है
  • एकलिंगनाथ जी का मंदिर ————
    1. केलासपुरी ( उदयपुर )
    2. निर्माण ——
      1. काल भोज / बप्पा रावल
      2. 8 वि सदी में
    3. पुन: निर्माण ——–महाराणा रायमल
    4. पाशुपात / लकुलिस सम्प्रदाय का राजस्थान में एकमात्र मन्दिर
    5. यंहा चतुर्मुखी शिवलिंग है (जो राजस्थान में एकमात्र है )
    6. यह राजस्थान में भगवान शिव का सबसे बड़ा मन्दिर है
    7. मेवाड़ के गुहिल वंश के कुलदेवता
    8. मेवाड़ के महाराणा स्वयं को एकलिंगनाथजी का दीवान मानते थे
    9. इस मन्दिर का परकोटा राणा मोकल ने बनवाया
    10. मेला ——-
      • महाशिवरात्रि ( फाल्गुन क्रष्ण 13 ) पर
    11. ध्वजा की रस्म ——-
      1. चेत्र अमावश्या
      2. मेवाड़ का गुहिल राजवंश इस दिन इस मन्दिर में हीरो का नाग चढाते है
  • देलवाडा जेन मंदिर ————-
    1. देलवाडा ( माउन्ट आबू )
    2. निर्माण ——-
      1. 10 वि से 12 वि सदी के मध्य इन मन्दिरों का निर्माण हुआ
      2. गुजरात के सोलंकी शासको द्वारा निर्मित
    3. कला ——सोलंकी कला
    4. शेली ——नागर शेली
    5. भारत सरकार द्वारा 15 अक्टूबर 2008 को इन मन्दिरों पर डाक टिकट जारी किया गया
    6. ये 5 मन्दिरों का समूह है ———
      1. विमल वसही मंदिर ———–
        1. निर्माण —–
          1. 1031 ई. में
          2. विमल शाह ( ये गुजरात के चालुक्य शासक भीमदेव सोलंकी के मंत्री थे )
        2. इस मन्दिर की जमीन आबू के शासक घुघरु ने प्रदान की
        3. वास्तुकार —— कीर्तिधर
        4. सप्त धातु से निर्मित भगवान आदिनाथ की प्रतिमा स्थित है
          • इस प्रतिमा का निर्माण हीरो से किया गया है
        5. कर्नल जेम्स टॉड ने कहा ———–
        6. “ताजमहल को छोडकर देश की सबसे सुंदर इमारत विमल वसही का भवन है “
      2. लूणवसही मंदिर————
        1. इस मन्दिर को नेमिनाथ मन्दिर कहते है
        2. निर्माण ———
          1. 1280-81 में
          2. चालुक्य शासक धवल के मंत्री तेजपाल व वास्तुपाल ने करवाया
        3. वास्तुकार ——–शोभनदेव
        4. 1287 ई में इस मन्दिर की मूर्ति विजयसेन सूरी के हाथो से रखी गयी
        5. इस मन्दिर में नेमिनाथ जी की मूर्ति काले संगमरमर से निर्मित है
        6. इस मन्दिर को देवरानी-जेठानी का मन्दिर कहा जाता है
      3. भिमाशाह मंदिर ———–
        1. निर्माण ——-
          1. 15 वी सदी में
          2. भिमाशाह द्वारा निर्मित
        2. इस मन्दिर को पितलहर मन्दिर कहा जाता है
        3. यहा ऋषभदेव / आदिनाथ की 108 मन की प्रतिमा स्थित है
          • यह प्रतिमा पीतल से निर्मित है
      4. पार्शवनाथ मंदिर ———-
        1. पार्शवनाथ जी की प्रतिमा स्थित है
        2. संगमरमर से निर्मित
      5. महावीर मंदिर ———–
        • जेन धर्म के 24 वे तीर्थंकर महावीर जी की प्रतिमा स्थित है
  • भाडाशाह जेन मंदिर ———
    1. बीकानेर
    2. निर्माण ——–
      • भाडाशाह नामक जेन व्यापारी द्वारा निर्मित
    3. इस मन्दिर की नीव में पाणी के स्थान पर घी का प्रयोग किया गया
    4. भगवान सुमतिनाथ को समर्पित
    5. इसे त्रिलोकी दीपक प्रसाद मन्दिर भी कहा जाता है
  • 72-जीनालय ——–
    1. भीनमाल (जालोर )
    2. उतर भारत का सबसे बड़ा जेन मन्दिर
  • पार्शवनाथ मंदिर ———
    1. नकोड़ा ( बाड़मेर )
    2. यंहा संतिनाथ व भेरव नाथ की प्रतिमा स्थित है
  • आस पार्शवनाथ मंदिर ———
    1. लोद्रवा( जेसलमेर )
    2. मूमल महल के पास स्थित भवन
    3. पार्शवनाथ जी जेन धर्म के 23 वे तिर्न्थंकर थे
  • स्वर्ण जेन मंदिर————
    1. फालना ( पाली )
    2. जेन धर्म का प्रथम स्वर्ण मन्दिर
    3. फलना (पाली ) के गेट वेल ऑफ़ गोडवे को मिनी मुंबई कहा जाता है
  • ऋषभदेव मन्दिर ———
    1. धुलेव गाँव ( उदयपुर )
    2. यह मन्दिर कोयल नदी के किनारे स्थित है
    3. इस मन्दिर की मूर्ति पर अफीम और केशर चड़ाई जाती है
    4. चेत्र कृष्ण 8 को मेला लगता है
    5. यहा पर एक जेन मन्दिर है
    6. उपनाम —-
      1. काला बावजी
      2. केसरियानाथ जी
  • महावीर मंदिर ———–
    1. चांदना गाँव / महावीर जी —-करोली
    2. उपनाम ———–आहिंसानगरी
    3. यह मन्दिर घम्भीरी नदी के तट पर स्थित है
    4. महावीर जयंती पर भव्य मेला आयोजित होता है
    5. यंहा महावीर जी का मेला चार दिन तक आयोजित होता है
    6. मेले में आने वाला चढावा चमार जाती / चर्मकार जाती में वितरित किया जाता है
  • मुंछाला महावीर मंदिर ————
    1. घानेराव ( पाली )
    2. भगवान महावीर की मूंछो वाली मूर्ति
  • सतबिस देवरी मंदिर ———
    • चितोडगढ़
  • श्रंगार चंवरी मंदिर ———
    1. चितोडगढ़
    2. निर्माण ——वेलका
    3. राणाकुम्भा की पुत्री रमा बाई ( योगीश्वरी ) का विवाह स्थल
  • सोनीजी की नसिया ———
    1. अजमेर
    2. निर्माण ——
      1. मूलचंद सोनी
      2. मूलचंद के पुत्र टीकमचन्द्र ने इसका निर्माण कार्य पूर्ण करवाया
    3. सोनीजी की नसिया को राजस्थान का लाल मन्दिर कहते है
    4. भगवान आदिनाथ को समर्पित
    5. इसमें 2 भाग है —–
      1. नसिया —– सभी समुदाय के लिए
      2. अक्षर धाम —–
        1. सोने से निर्मित
        2. केवल जेन समुदाय के लिए
  • किराडू मंदिर ———
    1. बाड़मेर
    2. नागर शेली में निर्मित
    3. ह्ल्देश्वर पहाड़ी के निकट , हाथमा गाँव ( बाड़मेर )
    4. यंहा कुल 5 मन्दिरों का समूह है —-
      1. 1 विष्णु मन्दिर + 4 शिव मन्दिर
      2. यंहा का सबसे प्रमुख मन्दिर सोमेश्वर मन्दिर है
    5. इन्हें राजस्थान का खजुराहो कहा जाता है
    6. सहाबुद्दीन गोरी ने इन मन्दिरों को ध्वस्त करवाया
  • घुश्मेश्वर महादेव मंदिर ————
    1. सवाई माधोपुर
    2. इस स्थान पर भगवान शिव का 12 वा ज्योतिर्लिंग स्थित है
    3. राजस्थान का एकमात्र शिवलिंग जो 12 माह पाणी में डूबा रहता है
    4. इस स्थान पर कृत्रिम केलास पर्वत निर्मित है
    5. बनास नदी के तट पर स्थित है
    6. महाशिवरात्रि ( फाल्गुन कृष्ण 13 ) को मेला आयोजित होता है
  • अचलेश्वर महादेव मंदिर ———
    1. माउन्ट आबू ( सिरोही )
    2. इस मन्दिर में शिवलिंग के स्थान पर एक गहरा गडडा है जिसे ब्रह्म खडडा कहते है
    3. इस मन्दिर स्थल को भंवराथल भी कहते है
    4. इसी मन्दिर में दुरसा आढा की पीतल की प्रतिमा स्थित है
  • बेनेशवर महादेव मंदिर ———
    1. डूंगरपुर
    2. बेनेशवर धाम ——-सोम-माहि-जाखम नदी के संगम पर नवाटापरा गाँव ( डूंगरपुर ) में स्थित है
    3. इस स्थान पर खंडित शिवलिंग की पूजा होती है
    4. बेनेशवर धाम की स्थापना संत मावजी द्वारा की गयी
      • संत मावजी को बागड का धणी भी कहते है
    5. इस स्थान पर माघ पूर्णिमा को मेला आयोजित होता है जिसे आदिवासियों का कुम्भ कहा जाता है
  • सास-बहु का मंदिर / सहस्त्र मंदिर ———
    1. नागदा ( उदयपुर )
    2. प्रतिहारकालीन महामारू शेली में निर्मित
    3. यह मन्दिर भगवान विष्णु को समर्पित
    4. निर्माण —— काल भोज / बप्पा रावल
    5. इसमें बड़ा मन्दिर ——-सास का
      • छोटा मन्दिर ——-बहु का है
    6. इस मन्दिर की दीवारों व छज्जो पर महाभारत व रामायण चित्रित है
  • श्री नाथ जी का मंदिर ————-
    1. सियाड / नाथद्वारा ( राजसमन्द )
    2. निर्माण ——
      1. 1671-72 में
      2. महाराणा राजसिंह द्वारा
    3. वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ है
    4. इस मन्दिर की मूर्ति गोपाल , दामोदर इत्यादि पुजारी वृन्दावन से लेकर सर्वप्रथम कदमखेडी ( जोधपुर ) आये एवं तत्पश्चात इस मूर्ति को सियाड ( नाथद्वारा ) लेकर पहुंचे
    5. इस मन्दिर को सप्त ध्वजा मन्दिर भी कहते है
    6. प्रमुख मेला ——-कृष्ण जन्माष्ठमी (भाद्रपद कृष्ण 8 )
    7. यहा अन्नकूट महोत्सव ( कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा ) को आयोजित होता है
    8. राजस्थान में भगवान कृष्ण का सबसे बड़ा मन्दिर यही है
    9. इस मन्दिर में भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है
      • पूजा —- दिन में 8 बार की जाती है
    10. यहाँ की सांझी और पिछवाईया पुरे भारत में प्रसिद है
  • जगदीश मंदिर / जगन्नाथ मंदिर —————-
    1. जगदीश चोक ( उदयपुर नगर )
    2. निर्माण ——
      • महाराणा जगतसिंह प्रथम
    3. वास्तुकार ——– भागा , अर्जुन , मुकुंद
    4. ओरंगजेब ने इस मन्दिर को खंडित कर दिया था
    5. भगवान विष्णु को समर्पित
    6. उपनाम ——-
      1. सपनों में बना मन्दिर
      2. जगन्नाथ मन्दिर
      3. स्वप्न संस्क्रती का मन्दिर
      4. जगदीश मन्दिर
    7. महाराणा जगतसिंह ने इस मन्दिर के सामने अपनी धाय मा नोजू बाई के लिए एक मन्दिर बनवाया जिसे धाय-मन्दिर कहा जाता है
    8. नोट ——-
      • जगन्नाथ प्रशस्ति ——
        1. संस्कृत में
        2. लेखक —–कृष्ण भट्ट
        3. मेवाड़ राज्य का इतिहास
  • ऊषा मंदिर —————-
    1. बयाना दुर्ग ( भरतपुर )
    2. राजस्थान में एकमात्र उषा मन्दिर
    3. भगवान कृष्ण के पोत्र अनिरुद्ध की रानी उषा का मन्दिर
  • भन्डदेवरा शिवालय ————–
    1. रामगढ ( बारा )
    2. भगवान शिव के मन्दिरों का समूह
    3. भन्डदेवरा शिवालय का अर्थ ——-टुटा फुटा शिवालय
    4. इसे राजस्थान का दूसरा खजुराहो / हाडोती का खजुराहो कहा जाता है
    5. मलय वर्मा द्वारा निर्मित
  • जगत अम्बिका माता का मंदिर —————-
    1. जगत (आह्ड , उदयपुर )
    2. निर्माण ——
      1. 7 वि सदी में
      2. काल भोज / बप्पा रावल
    3. प्रतिहार कालीन महामारू शेली में निर्मित
    4. देवियों को समर्पित
    5. इसे मेवाड़ का खजुराहो कहते है
  • चन्द्रमोलिशवर / शीतलेश्वर ———
    1. झालरापाटन ( झालावाड )
    2. निर्माण ——–
      1. 689 ई. में
      2. वाष्पक द्वारा
    3. राजस्थान में तीर्थयुक्त देवालयों में सबसे प्राचीन मन्दिर
    4. यह भगवान विष्णु और शिव को समर्पित
  • परशुराम महादेव मंदिर ————-
    1. पाली
    2. इस स्थान पर चुने से शिवलिंग बनने के कारण इसे राजस्थान का अमरनाथ कहते है
    3. इस स्थान पर परशुरामजी ने तपस्या की थी
    4. परशुराम जयंती —— आखातीज (वैशाख सुक्ल 3 ) को मनाई जाती है
  • मातृकुण्डिया महादेव मंदिर ———-
    1. रासमी गाँव ( चितोडगढ़ )
    2. मेवाड़ का हरिद्वार
    3. निर्माण ——- परशुराम जी ने करवाया
  • कंवरी कन्या मंदिर ———–
    1. माउन्ट आबू ( सिरोही )
    2. यह एक प्रेम मन्दिर मन जाता है
    3. एक युवक व युवती के हाथ में विष का प्याला लिए हुए मूर्ति स्थित है
    4. इसे रसिया-बालम मन्दिर भी कहते है
  • कल्यानजी मंदिर ————
    1. डिग्गी ( टोंक )
    2. निर्माण ——– संग्राम सिंह ने
    3. यह कलह पीर के नाम से प्रसिद
    4. कुष्ठ रोग व बाँझ रोग के निवारक देव
  • द्वारिकाधीश मंदिर ————-
    1. कांकरोली ( राजसमन्द )
    2. निर्माण ——-राजसिंह
  • बिडला मंदिर ———–
    1. जयपुर
    2. निर्माण ——– गंगा प्रसाद बिडला
    3. संगमरमर से निर्मित
    4. उतर भारत का प्रथम वातानुकूलित मन्दिर
    5. इस मन्दिर के गर्भग्रह में लक्ष्मी नारायण जी मन्दिर स्थित है
  • खाटू श्यामजी मंदिर ———-
    1. रींगस
    2. निर्माण ——अभयसिंह सिसोदिया
    3. फाल्गुन सुक्ल 11 व 12 को मेला आयोजित होता है
  • कल्कि मंदिर ————–
    1. जलेबे चोक , जयपुर
    2. निर्माण ——सवाई जयसिंह
  • हर्षनाथ मंदिर ———-
    1. रेवासा ( सीकर )
    2. निर्माण —–गुवक प्रथम
    3. इनकी पूजा भेरव के रूप में की जाती है
  • जिण माता मंदिर —————–
    1. आडावाला पहाड़िया , सीकर
    2. निर्माण ——हटड चोहान
  • चरण मंदिर —————– जयपुर
  • नीलकंठ महादेव मंदिर —————–
    1. सरिस्का ( अलवर )
    2. कुम्भलगढ़ ( राजसमन्द )
  • कणसुआ शिव मंदिर —————– कोटा
  • शीतलेश्वर महादेव मंदिर —————– झालावाड
  • गोकर्नेश्वर महादेव मंदिर —————– बीसलपुर
  • ह्ल्देश्व्र मंदिर —————– पिपलुद
  1. तीर्थो का मामा —— पुष्कर
  2. तीर्थराज ————-पुष्कर
  3. कोंकण तीर्थ ———पुष्कर
  4. 100 मन्दिरों का नगर ———पुष्कर
  5. तीर्थो का भांजा ————मुचकुंड ( धोलपुर )
  6. तीर्थो की नानी ———-देवयानी ( साम्भर जयपुर )

 

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