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राजस्थान की कला एवं संस्क्रति

राजस्थान के प्रमुख मेले Topik-2

राजस्थान के प्रमुख मेले में मल्लिनाथ पशु मेला , रामदेव पशु मेला ,मानगढ़ मेला ,बजरंग पशु मेला ,खेजडली मेला , मानगढ़ धाम मेला , बेनेशवर मेला ,कपिलमुनि का मेला , गोपेश्वर मेला , सिताबाडी मेला , भर्तहरी का मेला ,राम-रावण मेला इत्यादि मेले लगते है , राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा मनाये जाने वाले महोत्सव ऊंट महोत्सव , पतंग महोत्सव , हाथी महोत्सव , मीरा महोत्सव , थार महोत्सव मरु महोत्सव इत्यादि मनाये जाते है जिनका निम्नलिखित विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है , राजस्थान के प्रमुख मेले निम्नलिखित है

राजस्थान के प्रमुख मेले

राजस्थान के प्रमुख मेले

  • मल्लीनाथ पशु मेला ————-
    1. मल्लिनाथ जी का मन्दिर तिलवाडा(बाड़मेर) में है
    2. चेत्र क्रष्ण एकादसी से शुक्ल पक्ष एकादसी तक भरता है
    3. राजस्थान का सबसे प्राचीन पशु-मेला है
    4. यह मेला थारपारकर और कांकरेज नस्ल के पशुओ क्रय-विक्रय हेतु प्रसिद है
    5. यह मेला लूणी नदी के तट पर भरता है
    6. पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा पशु मेला है
  • वीर तेजा पशु मेला —————-
    1. परबतसर (नागोर)
    2. भाद्रपद शुक्ल दशमी
    3. यह मेला नागोरी नस्ल के बैलो हेतु प्रसिद
    4. यह राजस्व की द्रष्टि से राज्य का सबसे बड़ा पशु मेला है
    5. पहले यह मेला पनेर ( अजमेर ) में भरता था
    6. लोकदेवता / नागो के देवता / वीर तेजाजी की स्मृति में इस पशु मेले का आयोजन होता है
  • बलदेव राम मिर्धा पशु-मेला ———–
    1. मेड़ता सिटी नागोर
    2. चेत्र शुक्ल एकम से पूर्णिमा तक
    3. बलदेव मिर्धा ( किसान नेता ) की स्मृति में इस मेले का आयोजन होता है
    4. अप्रेल 1947 से यह मेला संचालित है
    5. नागोरी नस्ल के लिए प्रसिद है
    6. यह मेला पशुपालन विभाग राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित किया जाता है
  • रामदेव पशु मेला —————
    1. मानासर ( नागोर )
    2. माघ शुक्ल एकम से पूर्णिमा तक
    3. इस मेले को मशाला मेला कहा जाता है
    4. यह मेला भी नागोरी नस्ल के पशुओ हेतु प्रसिद
  • जसवंत पशु मेला ———–
    1. भरतपुर
    2. आश्विन शुक्ल पंचमी से पूर्णिमा तक
    3. हरियाणवी नस्ल की भेंस हेतु प्रसिद
  • बसंती पशु मेला ———–
    1. भरतपुर
    2. माघ अमावश्या से माघ सुक्ल अष्टमी
    3. हरियाणवी नस्ल की भेंस हेतु प्रसिद
  • गोमती सागर पशु मेला ——–
    1. झालरापाटन ( झालावाड )
    2. वैशाख पूर्णिमा
    3. मालवी नस्ल के लिए प्रसिद्ध है
    4. हाडोती क्षेत्र का सबसे बड़ा पशु मेला है
  • पुष्कर पशु मेला / कार्तिक पशु मेला ——–
    1. पुष्कर ( अजमेर ) में भरता है
    2. कार्तिक शुक्ल 8 से मार्गशीर्ष कृष्ण 2 तक
    3. गीर नस्ल ( बेल की नस्ल ) के लिए प्रसिद्ध है
    4. यह मेला बेल , घोड़े एवं ऊंटो की बिक्री के लिए प्रसिद्ध
    5. राजस्थान में सर्वाधिक ऊंटो की बिक्री इसी मेले में होती है
  • बजरंग पशु मेला ———-
    1. भरतपुर
    2. आश्विन क्रष्ण द्वितीया से अष्टमी तक
    3. हरियाणवी नस्ल की भेंस हेतु प्रसिद
  • चन्द्रभागा पशु मेला ——–
    1. झालरापाटन ( झालावाड )
    2. कार्तिक शुक्ल 11 से मार्गशीष क्रष्णा 5 तक
    3. मालवी नस्ल के लिए प्रसिद्ध है
    4. यह मेला चन्द्रभागा नदी के किनारे आयोजित होता हें
  • गोगामेडी पशु मेला ———–
    1. गोगामेडी ( हनुमानगढ़)
    2. श्रावण पूर्णिमा से भाद्रपद पूर्णिमा तक
    3. यह मेला हरियाणवी नस्ल के लिए प्रसिद्ध है
  • महाशिवरात्रि पशु मेला ———
    1. करोली
    2. फाल्गुन क्रष्णा 13 से प्रारम्भ
    3. यह मेला हरियाणवी नस्ल के लिए प्रसिद्ध है
  • बदराना पशु मेला ——–
    1. बदराना ( नवलगढ़ )
    2. शेखावाटी क्षेत्र का सबसे बड़ा पशु मेला
  • सेवडीया पशु मेला ——–
    1. रानीवाडा ( जालोर )
    2. यह मेला चेत्र शुक्ल 11 को आयोजित होता है
  • बहरोड़ पशु मेला ——–
    • बहरोड़ ( अलवर )
  • गधो का मेला ——–
    1. लुनियावास ( जयपुर ) में ——– माघ शुक्ल 7 को
    2. सोरसन ( बारा ) में ———- माघ शुक्ल 7 को आयोजित
      • पशु मेलो का समापन @
  • कपिल मुनि का मेला ——–
    1. कोलायत ( बीकानेर ) में भरता है
    2. कातिक पूर्णिमा को भरता है
    3. सांख्य दर्शन के प्रवर्तक कपिल मुनि की स्मृति में यह मेला आयोजित होता है
    4. यह बीकानेर जिले का सबसे बड़ा मेला है
    5. यह मेला कोलायत झील के किनारे आयोजित होता है
      1. चारण जाती के लोग इस कोलायत झील का दर्शन नही करते
      2. राजस्थान में सर्वप्रथम दीपदान की परम्परा कोलायत झील से ही शुरू हुई थी
  • कपिल धारा का मेला ——–
    1. सिताबाडी ( बारा )
    2. कार्तिक पूर्णिमा
    3. इस मेले में सहरिया जनजाति के लोग सर्वाधीक भाग लेते है
    4. इसे सहरिया जनजाति का कुम्भ कहा जाता है
  • मानगढ़ धाम मेला ———-
    1. मानगढ़ पहाड़ी पर ( बांसवाडा )
      • मानगढ़ पहाड़ी पर गुरु गोविन्द गिरी का स्मारक बना हुआ है
    2. शरद पूर्णिमा
    3. अशोक गहलोत ने सरकार ने वर्ष 2012 में मानगढ़ घटना पर शताब्दी वर्ष मनाया
    4. इस मेले में भील सर्वाधिक आते है
    5. इस मेले को आदिवासिओ का मेला भी कहा जाता है
  • बेनेशवर मेला ———-
    1. नवाटापरा गाँव ( डूंगरपुर )
    2. सोम , माहि , जाखम नदी के संगम स्थल पर
    3. माघ पूर्णिमा को आयोजित
    4. विश्व में एकमात्र खंडित शिवलिंग की यंहा पूजा होती है
    5. इस मेले में भील जनजाति के लोग सर्वाधी आते है इसलिए इसे आदिवासिओ का कुम्भ कहते है
    6. बेनेशवर मन्दिर त्रिवेणी संगम ( सोम , माहि , जाखम नदी के संगम ) पर स्थित है
    7. इस मन्दिर का निर्माण संत मावजी ने करवाया था
  • खेजडली मेला ——-
    1. खेजडली गाँव ( जोधपुर )
    2. भाद्रपद शुक्ल दशमी
    3. यह विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला है
    4. 1730 ई. में जोधपुर शासक अभयसिंह के काल में घटित खेजडली घटना के उपलक्ष में विश्व का एकमात्र व्रक्ष मेला खेजडली में आयोजित होता है
    5. अमृतादेवी विशनोई और उनके पति रामोजी विशनोई के साथ खेजडली घटना में 84 गाँव के विशनोई 363 लोग शहीद हुए थे
  • कैलादेवी का मेला ——–
    1. त्रिकुट पहाड़ी , करोली
    2. कालीसिंध नदी के किनारे स्थित है
    3. चेत्र शुक्ल 1 से चेत्र शुक्ल 11 तक
    4. इसे लक्खी मेला भी कहा जाता है
    5. लंगुरिया गीत यंहा का प्रसिद्ध है
    6. कैलादेवी का मन्दिर त्रिकुट पहाड़ी ( करोली ) पर स्थित है
  • महावीर जी का मेला ——–
    1. महावीर जी का मन्दिर —- चांदपुर ( करोली ) में है
    2. चेत्र शुक्ल 13 से वैशाख कृष्ण 2 तक भरता है
    3. महावीर जी की जयंती —- चेत्र शुक्ल 13
    4. यंहा की लठमार होली प्रसिद्ध है
  • दशहरा का मेला ——–
    1. कोटा में भरता है
    2. देश में दशहरा का तीसरा सबसे बड़ा मेला कोटा का दशहरा मेला है
      1. प्रथम ——- मैसूर ( कर्नाटक )
      2. दूसरा ——- कुल्लू ( हिमाचल प्रदेश )
      3. तीसरा ——- कोटा ( राजस्थान )
    3. आश्विन शुक्ल 10
    4. दशहरा महोत्सव ————– जयपुर में मनाया जाता है
    5. भगवान श्री रामचन्द्र जी की सवारी ————– मेहरानगढ़ दुर्ग ( जोधपुर )
  • पुष्कर मेला ——–
    1. पुष्कर ( अजमेर )
    2. राजस्थान का सबसे रंगीन मेला है
    3. इसे मेरवाडा का कुम्भ कहा जाता है
    4. विदेशी पर्यटकों की द्रष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा मेला है
  • चन्द्रभागा मेला ——–
    1. झालरापाटन ( झालावाड )
    2. कार्तिक पूर्णिमा
    3. यह मेला चन्द्रभागा नदी की किनारे आयोजित होता है
  • गोपेश्वर मेला ————-
    1. घाटोल ( बांसवाडा )
    2. कार्तिक पूर्णिमा
  • देवझूलनी मेला ———-
    1. चारभुजा( राजसमन्द )
    2. भाद्रपद शुक्ल एकादशी
  • सिताबाडी मेला ——–
    1. बांरा
    2. ज्येष्ठ अमावश्या
  • खाटूश्याम जी मेला ———
    1. रींगस ( सीकर )
    2. फाल्गुन शुक्ल एकादशी व द्वार्द्शी
  • भर्तहरी का मेला ———-
    1. अलवर
    2. भाद्रपद शुक्ल सप्तमी
  • राम-रावण का मेला ———-
    1. चित्तोड़गढ़
    2. चेत्र शुक्ल दशमी
  • एकलिंगनाथ जी का मेला ——-
    1. केलाशपुरी ( उदयपुर )
    2. फाल्गुन क्रष्ण तेरस
  • चुन्घितिर्थ मेला ————
    1. जेसलमेर
    2. भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी
    3. यह मेला चुंघी नामक तीर्थ पर भरता है
  • विरपुरी मेला ————
    1. मंडोर ( जोधपुर )
    2. सावन मास के अंतिम सोमवार को
  • घोटीया अम्बा मेला ———
    1. बोडीगामा ( बांसवाडा )
    2. चेत्र अमावश्या
    3. इसे भील जनजाती का कुम्भ कहा जाता ह

राजस्थान के कुछ अन्य प्रमुख मेले ———–

मेलास्थान
राजस्थान में सिक्ख समाज का सबसे बड़ा मेलासाहवा ( चुरू )
धनोप माता का मेलाधनोप गाँव ( भीलवाडा )
हरणी महादेव का मेलाभीलवाडा
फूलडोल मेलाशाहपुरा ( भीलवाडा )
बारा
जौहर मेलाचितोडगढ़ दुर्ग में
घोटिया अम्बा का मेलाबोडीगामा ( बांसवाडा )
विक्रमादित्य मेलाउदयपुर
राम-रावण मेलाबड़ी सादड़ी ( चितोडगढ़ )
गोर मेलासियावा ( सिरोही )
गंगा दशहरा मेलाकामा ( भरतपुर )
भोजन थाली मेलाकामा ( भरतपुर )
गरुड मेलाबंशी पहाडपुर ( भरतपुर )
सीताबाड़ी का मेलासीताबाड़ी ( बांरा )
सीतामाता का मेलासीतामाता ( प्रतापगढ़ )
मेहंदीपुर बालाजी का मेलादौसा
सालासर बालाजी का मेलासुजानगढ़
कल्पवृक्ष मेलामंगलियावास ( अजमेर )
वीरपूरी का मेलामंडोर
नागपंचमी का मेलामंडोर
रामदेवरा / रुनेचा मेलारामदेवरा ( जैसलमेर )
रामदेवजी का मेलामसुरिया पहाड़ी ( जोधपुर )
रामदेव पशु मेलामानासर ( नागोर )
12 भाइयो का मेलाधोलपुर
चारभुजानाथ मेलागढ़बौर ( राजसमन्द )
डिग्गी कल्याण जी का मेलाडिग्गी ( टोंक )
बजरंग पशु मेलाउच्चेन ( भरतपुर )
बजरंग पशु मेलाबाड़मेर
तिलसवा महादेव मेलातिलसवा ( मांडलगढ़ )
चनणी-चेरी का मेला /
सेवको का मेला
करणी माता का मन्दिर ,
देशनोक ( बीकानेर )
मनसा माता का मेलाझुंझुनू
इंद्रगढ़ / बिजासण का मेलाबिजासण ( बूंदी )
डाडा पम्पाराम जी का मेलाविजयनगर ( श्री गंगानगर )
नारायणी माता का मेलासरिस्का जंगल ( अलवर )
  • पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किये जाने वाले मेले एवं उत्सव ———
मेले एवं उत्सव स्थान माह
ऊंट महोत्सवबीकानेरजनवरी
मरु महोत्सवजेसलमेरजनवरी
हाथी महोत्सवजयपुरमार्च
पतंग महोत्सवजयपुर14 जनवरी
मेवाड़ महोत्सवउदयपुरअप्रैल
ग्रीष्मकालीन महोत्सवमाउन्ट आबूमई-जून
मारवाड़ महोत्सवजोधपुरअक्टूबर
शरद महोत्सवमाउन्ट आबूदिसम्बर
थार महोत्सवबाड़मेर 
मेरा महोत्सवचितोडगढ़शरद पूर्णिमा
एडवेंचर स्पोर्ट्सकोटाफरवरी
शेखावाटी महोत्सवशेखावाटीफरवरी
बूंदी उत्सवबूंदीदिसम्बर
बेनेशवर मेलाडूंगरपुरफरवरी
महावीर जी का मेलाकरोलीअप्रैल
कजली तीजबूंदीअगस्त
चन्द्रभागा मेलाझालरापाटनअक्टूबर
ब्रज महोत्सवभरतपुरफरवरी
केलादेवी मेलाकरोलीअप्रैल
डीग महोत्सवडीग(भरतपुर )जन्माष्ठमी
बेलून महोत्सवबाड़मेरअप्रैल

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