राजस्थान की प्रमुख हवेलियां Topik-9
राजस्थान की प्रमुख हवेलियां बहुत ही सुंदर और आकर्षक है , आकर्षक जाली-झरोखो वाले भवन को हवेली कहा जाता है ,हवेली के द्वार / दरवाजा को पाल / ढयोडी कहा जाता था ,हवेली के द्वार पर जो चबूतरे बने होते थे उन्हें गवाक्ष कहा जाता था , इन हवेलियो की दीवारों पर चित्रण किया जाता था जिसे भीती चित्र कहा जाता था , भीती चित्र के लिए शेखावाटी की हवेलिया प्रसिद्ध है राजस्थान की प्रमुख हवेलियां निम्नलिखित है ———
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राजस्थान की प्रमुख हवेलियां
- आकर्षक जाली-झरोखो वाले भवन को हवेली कहा जाता है
- हवेलियों का नगर ———–जेसलमेर
- शेखावाटी की हवेलिय विश्व भर में प्रसिद है
- हवेली के द्वार / दरवाजा को पाल / ढयोडी कहा जाता था
- हवेली के द्वार पर जो चबूतरे बने होते थे उन्हें गवाक्ष कहा जाता था
- शेखावाटी की हवेलिया भित्ति चित्रों के लिए प्रसिद है
- 1000 हवेलियों का शहर ——-बीकानेर
- 1100 हवेलियो का नगर चुरू है यंहा श्रीमाल जी का कमरा है
- पटवो की हवेली ———-
- जेसलमेर में है
- जाली-झरोखो का नगर –जेसलमेर
- यंहा 5 हवेलियो का समूह है जो 7 मंजिल है
- सिंध , हिन्दू , मुग़ल ,यहूदी स्थापत्य कला का संगम
- यह जेसलमेर की सबसे लोकप्रिय हवेली है
- विश्व की सबसे आकर्षक कलाकृति की हवेली
- पीले पत्थरों से निर्मित
- निर्माण ——–
- 1805 में गुमानचंद पटवा द्वारा अपने 5 पुत्रो के लिए 5 समूह वाली हवेलि का निर्माण करवाया
- 18 वि सदी में निर्माण
- सालिमसिंह की हवेली ———–
- जेसलमेर में है
- निर्माण ——–
- जेसलमेर के प्रधानमंत्री सालिमसिंह द्वारा अपने निजी निवास के रूप में इस हवेली का निर्माण करवाया
- 1815 इशवी में
- यह हवेली जेसलमेर नगर की सबसे ऊँची इमारतो में से एक है
- इस हवेली में नाचते हुए मोर एवं कमल बने हुए है
- यह हवेली रंगीन चित्रकला के लिए प्रसिद है
- यह हवेली काष्ठ से निर्मित है जिसमे 38 बाल्कनिया , 48 झरोखे व खिडकिय है
- यह हवेली झरोखो व कंगुरो के लिए प्रसिद है
- इसे नोखन्ड़ी हवेली कहते है
- यह वर्तमान में 7 मंजिला इमारत है
- 7 वि मंजिल को मोती महल / जहाज महल कहते है
- उपनाम ——रूप महल / कमल महल
- नथमल की हवेली —————
- जेसलमेर
- निर्माण —-
- 1884-85 में निर्मित
- हाथी और लालू नामक दो मुस्लिम कारीगरों द्वारा निर्मित (ये दोनों भाई थे )
- पीले पत्थरों से निर्मित है
- यह हवेली भीती चित्रों के लिए प्रसिद है
- विश्व की एकमात्र ऐसी हवेली जिस पर किसि कलाकृति का दोहराव नही है
- हवेली के बहार लव-कुश नामक हाथी स्थित है
- मोदी की हवेली —————–
- झुंझुनू
- इस हेवेली को इसरदास मोदी हवेली तथा झेरोकास की हवेली कहा जाता है
- यह झुन्झुनु नगर की प्रसिद हवेली है
- यह हवेली भीती चित्रों के लिए प्रसिद है
- यह फ्रेशको पद्दति से बनी हुई हवेली है
- झुंझुनू की अन्य हवेलिया ———-
- खींचन की हवेली
- टीबडेवाला की हवेली
- श्री माल का कमरा ————-
- चुरू
- निर्माण —–मालचंद कोठारी
- निमाड़ी धोरा पर स्थित भवन
- वर्तमान में होटल संचालित
- यह एक तिन मंजिला हवेली है
- इस हवेली में कुल 1100 जाली झरोखे और खिडकिया है
- शेखावाटी के लोकगीतों में इस हवेली का गुणगान किया जाता है
- पटवो की हवेली ———-
- महनसर (झुंझुनू ) ———
- सोने-चांदी की हवेली
- पिलानी (झुंझुनू ) की हवेलिया ————–
- डाढाओ की हवेली
- लोयलका जी की हवेली
- रघुनाथ जी की हवेली ( पिलानी की सबसे प्राचीन हवेली )
- चिडावा की प्रमुख हवेलिया ———
- सेकसरिया जी की हवेली
- पोद्धार जी की हवेली
- डालमिया जी की हवेली दुलीचंद जी की हवेली
- डालमिया हवेली में —आला-गिला पद्दति (भीती-चित्र ) में निर्मित
- राम की सवारी विषय के चित्र
- नवलगढ़ ( झुंझुनू ) की प्रमुख हवेलिया ———–
- जिव राज जी की हवेली
- रूप निवास जी की हवेली
- पोद्दार जी की हवेली
- भक्तो की हवेली
- जालान की हवेली
- भगेरियो की हवेली
- कोटा की प्रमुख हवेलिया ———
- बड़े देवता की हवेली
- झालाओ की हवेली
- यह हवेली झाला झालिम सिंह द्वारा निर्मित
- आखेट चित्र (भीती चित्रण ) किया गया है
- बीकानेर की हवेलिया ————
- रामपुरिया की हवेली
- बच्छावतो की हवेली
- यह हवेली बीकानेर नगर की सबसे प्राचीन हवेली है
- बीकानेर की हवेलिया लाल पत्थरों से निर्मित है
- डांगा की हवेली
- मोहता की हवेली
- शाहपुरा(भीलवाडा ) की हवेली ——-
- केसरीसिंह बहारठ की हवेली
- जोधपुर की प्रमुख हवेलिया —————
- बड़े मिया की हवेली
- राखी हवेली
- पाल हवेली
- पाल गाँव (जोधपुर )
- पोकरण हवेली
- पुष्प हवेली
- पच्चिसा हवेली
- संगिदास थानवी की हवेली
- नालसिंह ढडडा की हवेली ———–
- फलोदी
- सुनहरी कोठी ————–
- टोंक
- निर्माण ——-वजिरुदोला
- इस हवेली में मुबारक महल है जंहा पहले बकरा-ईद पर ऊंट की बली दी जाती थी
- यहा स्वर्ण नक्कासी का कार्य होता है
- बागोर की हवेली ———–
- पिछोला झील के किनारे , उदयपुर
- निर्माण ———बागोर (भीलवाडा) के अमरचंद बडवा द्वारा
- इस हवेली में पगड़ियो का संग्रहालय संचालित है जिसमे विश्व की सबसे बड़ी पगड़ी रखी हुई है
- चितोडगढ़ की प्रमुख हवेलिया ————-
- भामाशाह की हवेली
- सलुम्बर की हवेली
- रामपुर ठिकाने की हवेली
- जयमल मेडतिया एवं फता सिसोदिया की हवेली
- गोरा व बादल की हवेलीया
- सीकर की हवेलिया ———-
- गोपाल जी सोमानी की हवेली
- बाला बक्शा बियानी की हवेली
- ये दोनों हवेलिया भीती चित्रों के लिए प्रसिद है
- यंहा पर धार्मिक चित्र आला-गिला पद्दति में बने हुए है
- दीवारों पर चित्रण करने की कला को भीती चित्रण कला कहते है
- बैजनाथ रुइया की हवेली ———
- रामगढ ( सीकर )
- पंसारी की हवेली ————
- श्री माधोपुर ( सीकर )
- लक्ष्मणगढ़ ( सीकर ) की प्रमुख हवेलिया ———-
- केडिया की हवेली
- राठी हवेली
- गनेडिया की हवेली
- मथुरा वालो की हवेली / नक्काडो की हवेली ———–
- जयपुर
- सूरजमल खेतान की हवेली ———–
- सूरतगढ़ (श्री गंगानगर )
- फतेहपुर (सीकर ) की प्रमुख हवेलिया ———-
- किशोर लाल जालान की हवेली
- महावीर प्रसाद गोयनका की हवेली
- चुरू की प्रमुख हवेलिया ———–
- मंत्रीजी की मोटी हवेली
- मालजी का कमरा
- रामनिवास गोयनका की हवेली
- सुराना का हवामहल
- सुरानो की हवेली
- दानचंद चोपड़ा की हवेली
- जयपुर की प्रमुख हवेलिया ————
- पुरोहित जी की हवेली
- चूरसिंह की हवेली
- रत्नाकर पुंडरिक की हवेली
- मोहनसिंह की हवेली ————
- उदयपुर
- मंडावा ( झुंझुनू ) की प्रमुख हवेलिया ———
- मंडावा हवेली
- रामनाथ गोयनका की हवेली
- रामदेव चोखानी की हवेली
- क्षत्रा की हवेली
- सागरमल ताडिया की हवेली
- बिसाऊ (झुंझुनू ) की प्रमुख हवेलिया ———
- पोद्दार हवेली
- जयदयाल केडिया की हवेली
- सीताराम सिग्तिया की हवेली
- हनुमान तकाडीया की हवेली
- फलोदी की प्रमुख हवेलिया ———-
- लालचंद टडडा की हवेली
- अमरचंद कोचर की हवेली