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हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें भाग – 1 ( 108 लोकोक्तियाँ , कहावतें ) टोपिक – 6

हमने पिछले पांच भागो में परीक्षा उपयोगी 540 मुहावरों का अध्ययन किया अब हम परीक्षा उपयोगी हिंदी लोकोक्तियाँ एवं कहावतें का अध्ययन करेंगे जो निम्नलिखित है ———–

हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें

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हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें ——————

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  1. अँधा बांटे रेवड़ी ( शिरनी ) फिर – फिर अपनों को दे ——
    • अपने अधिकार का लाभ अपनों को ही पंहुचाना
  2. अधजल घघरी छलकत जाए ———————
    • ओछा आदमी थोडा गुण या धन होने पर भी इतराने लगता है
  3. अब पछताए हॉत क्या जब चिड़िया चुग गयी खेत ——————
    • नुकसान हो जाने के बाद पछताना बेकार है
  4. आँख के अंधे नाम नैनसुख —————–
    • नाम बड़ा और गुण उसके विपरीत
  5. आटे के साथ घुन भी पिसता है ————-
    • दोषी व्यक्ति का साथी निर्दोष भी मारा जाता है
  6. आम के आम गुठलियो के दाम ————–
    • दोहरा लाभ होना
  7. उल्टा चोर कोतवाल को डांटे —————
    • दोषी होने पर धौंस जमाना
  8. ऊँची दुकान फीका पकवान —————–
    • केवल बाहरी दिखावा
  9. कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली ————–
    • छोटे आदमी की बड़े आदमी से क्या तुलना
  10. का वर्षा जब कृषि सुखानी —————–
    • अवसर निकल जाने पर सहायता व्यर्थ होती है
  11. खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे —————
    • शर्म के मारे क्रोध करने लगता है
  12. तबेले की बला बन्दर के सिर —————–
    • अपराध करे कोई , पकड़ा जाये कोई और सजा किसी और को मिले
  13. थोथा चना बाजे घना ————————-
    • कम ज्ञान या गुण रखने वाला बातें बढ़ – बढकर करता है
  14. भागते भुत की लँगोटी ही सही ————–
    • कुछ भी मिलने की आशा न हो और कुछ ही मिल जाये
  15. मान न मान में तेरा मेहमान ——————
    • जबरदस्ती का मेहमान
  16. अंडे सेवे कोई , बच्चे लेवे कोई —————
    • परिश्रम किसी का , लाभ किसी और को
  17. अंत भला सों भला —————————–
    • परिणाम अच्छा हो जाये तो सब कुछ अच्छा माना जाता है
  18. अंत भले का भला ——————————
    • कर भला , तेरा भी होगा भला
  19. अँधा क्या चाहे , दो आँखे ——————–
    • आवश्यक वस्तु की चाह सब को होती है
  20. अँधा पीसे कुता खाए ————————
    • एक की मजबूरी से दुसरे को लाभ हो जाता है
  21. अंधे अँधा ठेलिया दोनों कूप पडंत ———-
    • दो मुर्ख परस्पर सहायता करे तो भी किसी को लाभ नही होता
  22. अंधे की लकड़ी ——————————-
    • बेसहारे का सहारा
  23. अंधे के आगे रोना , अपना दीदा खोना ———-
    • जिसको अपने से सहानुभति नही , उसके सामने अपना दुखड़ा रोना बेकार है
  24. अंधे के हाथ बटेर ———————————-
    • अनायास कोई वस्तु मिल जाना
  25. अँधेर नगरी चौपट राजा , टके सेर भाजी टके सेर खाजा ————
    • जंहा मुखिया मुर्ख हो , वंहा अन्याय होता है
  26. अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता ———————
    • अकेला व्यक्ति कोई बड़ा काम नही कर सकता
  27. अक्ल बड़ी या भैंस ———————
    • शारीरिक शक्ति का महत्व कम है , बुद्धि का महत्व अधिक है
  28. अनमांगे मोती मिले , मांगे मिले न भीख ————–
    • सोभाग्य से कोई बढ़िया चीज अपने – आप मिल जाती है
  29. अपनी – अपनी ढफली , अपना – अपना राग ———–
    • सब अलग – अलग मनमाना काम करते है
  30. अपनी करनी पार उतरनी —————–
    • आप किया काम ही फलदायक होता है
  31. अपनी गरज से लोग गधे को भी बाप बनाते है ————–
    • अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए छोटे आदमी की भी खुशामद करनी पड़ती है
  32. अपनी गरज बावली —————–
    • स्वार्थी आदमी दुसरो की चिंता नही करता
  33. अपनी गली में कुता भी शेर होता है —————
    • अपने घर में सबका जोर होता है
  34. अपनी नींद सोना , अपनी नींद जागना ——————–
    • पूर्ण स्वतंत्र होना
  35. अपनी नाक कटे तो कटे दूसरों का सगुन तो बिगड़े ————-
    • दुष्ट लोग दुसरो का नुकसान करेंगे ही , भले ही अपना भी नुकसान हो जाये
  36. अपने पूत को कोई काना नही कहता ———————
    • अपनी खराब चीज को कोई खराब नही कहता
  37. अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनना ——————-
    • अपनी बड़ाई आप करना
  38. अलख पुरुष की माया , कहीं धुप कहीं छांया —————
    • ईश्वर की लीला देखिये – कोई सुखी है तो कोई दु:खी
  39. आई मौज फकीर की , दिया झोंपड़ा फूंक —————–
    • मौजी और विरक्त संत किसी की परवाह नही करते
  40. आग खायेगा तो अंगार उगलेगा ————————
    • बुरा काम करेगा तो फल भी बुरा ही मिलेगा
  41. आग लगने पर कुआ खोदना ———————
    • आवश्यकता पड़ने से पहले कुछ नही करना
  42. आगे जाये घुटने टूटे , पीछे देखे आँखे फूटे —————
    • जिधर जाये उधर ही मुसीबत
  43. आठ कनौजिया नौ चूल्हे ——————-
    • अलगाव की स्थिति
  44. आधा तीतर आधा बटेर ——————-
    • बेमेल चीजो का सम्मिश्रण
  45. आधी छोड़ सारी को धावे , आधी रहे न सारी पावे ——————
    • अधिक लालच करने से हानी होती है
  46. आप भला तो जग भला ——————–
    • भले आदमी को सब भले ही मिलते है
  47. आप मरे जग प्रलय ——————-
    • अपने मरने के बाद दुनिया में भले ही कुछ हुआ करे
  48. आप मरे बिन स्वर्ग न जावे —————–
    • बिना अपने किये , काम ठीक नही होता
  49. आपा तजे तो हरि को भजे ——————
    • स्वार्थ को छोड़ने से ही परमार्थ सिद्ध होता है
  50. आ बला गले लग ———————-
    • खाहमखाह मुसीबत मोल लेना
  51. आम खाने से काम , पेड़ गिनने से क्या काम ——————–
    • अपने मतलब की बात करो
  52. आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास ——————–
    • उच्च लक्ष्य लेकर चलना पर कोई घटिया काम करने लगना
  53. आसमान से गिरा खजूर में अटका ———————-
    • कोई काम पूरा होते – होते रह जाना
  54. इतनी सी जान , गज भर की जबान ———————-
    • अपनी उम्र के हिसाब से बहुत बोलना
  55. इधर कुआ उधर खाई —————————–
    • हर हालत में मुसीबत
  56. इन तिलों में तेल नही ———————
    • किसी लाभ की आशा न होना
  57. इस हाथ से ले उस हाथ से दे ——————–
    • कर्मफल तुरंत मिलता है
  58. ईंट की लेनी , पत्थर की देनी ——————
    • दुष्टता के बदले और अधिक दुष्टता
  59. ऊँगली पकड़ते पूंछा पकड़ना —————
    • थोडा सा आसरा पाकर पूर्ण अधिकार पाने की हिम्मत बढ़ना
  60. उतर गयी लोई तो क्या करेगा कोई —————
    • इज्जत न रहने पर आदमी निर्लज्ज हो जाता है
  61. उलटे बांस बरेली को ——————-
    • विपरीत कार्य करना
  62. उसी की जुती उसी का सिर —————-
    • जिसकी करनी , उसी को फल मिलता है
  63. ऊँट किस करवट बैठता है ——————
    • निर्णय किसके पक्ष में होता है
  64. ऊँट के मुंह में जीरा ——————-
    • खाने को बहुत कम मिलना
  65. उधो का न लेना , न माधो का देना —————-
    • निश्चिंत और बेलाग रहना
  66. एक अनार सौ बीमार ————————–
    • चीज कम और चाहने वाले ज्यादा होना
  67. एक और एक गयारह होते है ——————–
    • एकता में बल है
  68. एक तो करेला , दूजे नीम चढ़ा ———————
    • एक के साथ दूसरा दोष होना
  69. एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है ————–
    • एक बुरा आदमी सारी बिरादरी की बदनामी कराता है
  70. एक टकसाल के ढले है ————————–
    • सब एक जैसे है
  71. एक तवे की रोटी , क्या छोटी क्या मोटी ———————–
    • कोई भेदभाव नही है
  72. एक तो चोरी दुसरे सीना – जोरी —————————-
    • अपराध करके उलटे रॉब गांठना
  73. एक ही थेली के चट्टे – बट्टे —————————
    • एक जैसे दुर्गुण वाले
  74. एक मुंह दो बात ————————————–
    • अपनी बात से पलट जाना
  75. एक म्यान में दो तलवारे नही समा सकती ————–
    • समान अधिकार वाले दो व्यक्ति एक क्षेत्र में नही रह सकते
  76. एक हाथ से ताली नही बजती ————————-
    • झगड़े के लिए दोनों पक्ष जिम्मेदार होते है
  77. एक ही लकड़ी से सब को हांकना ——————–
    • छोटे – बड़े का ध्यान न रखकर सब के साथ एक जैसा व्यवहार करना
  78. एक साधे सब सधे , सब साधे सब जाये —————–
    • एक समय में एक ही काम हाथ में लेना चाहिए
  79. ऐसे बूढ़े बैल को कोन बांध भुस देय ———————
    • बुढा और बेकार आदमी दुसरे पर बोझ हो जाता है
  80. ओंखली में सिर दिया तो मुसल का क्या डर ——————-
    • कठिन कार्य हाथ में लेने पर कठिनाईयों से नही डरना चाहिए
  81. ओस चाटे प्यास नही बुझती ———————————
    • बहुत थोड़ी वस्तु से आवश्यकता की पूर्ति नही होती
  82. कंगाली में आटा गीला ————————
    • एक मुसीबत पर दूसरी मुसीबत आ पड़ना
  83. कबीर दास की उलटी बानी , बरसे कम्बल भीगे पानी ————–
    • उलटी बात करना
  84. कब्र में पांव लटकाए बैठा है ————————–
    • मरने वाला है
  85. कभी नाव गाड़ी पर , कभी गाड़ी नाव पर ————————
    • हालात बदलते रहते है
  86. करत – करत अभ्यास के जडमति होत सुजान ——————–
    • प्रयत्न करते रहना चाहिए , सफलता मिलेगी
  87. करमहीन खेती करे , बैल मरे या सुखा पड़े ———————
    • दुर्भाग्य हो तो कोई न कोई काम खराब होता ही रहता है
  88. कर ले सों काम , भज ले सों राम ———————–
    • कर्म करने और पूजापाठ में आनाकानी नही करनी चाहिए
  89. करे कोई भरे कोई ————————
    • किसी की करनी का फल कोई और भोगे
  90. कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमती ने कुनबा जोड़ा ——————–
    • बेमेल चीजे जोड़ – जोडकर कुछ बना लेना
  91. काजल की कोठरी में कैसो हु , सयानो जाय एक लीक काजल की लागिह सों लागिह —————-
    • बुरी संगती में कभी न कभी कलंक अवश्य लगेगा
  92. काजी जी दुबले क्यों शहर के अँधेरे से ————————–
    • अपनी चिंता न करके दुसरो की चिंता में घुलना
  93. काठ की हांड़ी एक ही बार चढती है ———————
    • धोखेबाजी हर बार नही चल सकती
  94. कान में तेल डाले बेठें है ———————
    • कुछ सुनते ही नही , दुनिया की खबर ही नही
  95. काबुल में क्या गधे नही होते ———————–
    • कुछ न कुछ बुराई सब जगह होती है
  96. काम का न काज का , दुश्मन अनाज का —————–
    • निक्कमा आदमी , खाने के लिए होंशियार
  97. काला अक्षर भैंस बराबर ———————
    • अनपढ़ , पढ़ा – लिखा न होना
  98. किसी का घर जले कोई तापे ———————
    • किसी के दु:ख पर खुश होना
  99. कुंजड़ा अपने बैरो को खट्टा नही बताता ——————
    • कोई अपने माल को खराब नही कहता
  100. कुछ दाल में काला है ——————–
    • कुछ – न – कुछ गड़बड़ अवश्य है
  101. कुते की दुम बारह बरस नली में रखो तो भी टेढ़ी की टेढ़ी ———————
    • लाख प्रयत्न करो , कुटिल व्यक्ति अपनी कुटिलता नही छोड़ता
  102. कुते के भोंकने से हाथी नही डरते ————————-
    • महापुरुष नीच व्यक्तिओ द्वारा निंदा करने से नही घबराते
  103. कै हंसा मोती चुगे कै भूखा मर जाये ———————–
    • प्रतिष्ठित व्यक्ति अपनी मर्यादा में रहता है
  104. कोई माल मस्त , कोई हाल मस्त —————————-
    • कोई अमीरी से संतुष्ट , कोई गरीबी में भी संतुष्ट
  105. कोठी वाला रोवे , छप्पर वाला सोवे ————————–
    • धनवान चिंतित रहता है , गरीब निश्चिंत है
  106. कोयल होय न उजली सौ मन साबुन धोई ——————–
    • स्वभाव नही बदलता
  107. कोयलों की दलाली में मुंह काला ——————–
    • बुरो के संग से कलंक लगता है
  108. कौन कहे राजाजी नंगे है ———————-
    • बड़े लोगो की बुराई नही होती

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शेष लोकोक्तियाँ / कहावतें ———————————- अगले भाग में टोपिक-7 में

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