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हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें भाग – 5( 75 लोकोक्तियाँ / कहावतें ) टोपिक – 10

हमने पिछले 4 भागो में हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें का अध्ययन किया अब तक 400 हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें का अध्ययन कर चुके अब शेष आगे की हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें निम्नलिखित है ———————-

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हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें

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हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें

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  1. हज्जाम के आगे सबका सिर झुकता है ——————
    • गरज पर सबको झुकना पड़ता है
  2. हड्डी खाना आसान पर पचाना मुश्किल —————–
    • घुस पाने वाला कभी न कभी पकड़ा जाता है
  3. हथेली पर संरसो नहीं जमती ———————
    • काम इतनी जल्दी नहीं हो जाता
  4. हमारे घर आओगे तो क्या लाओगे , तुम्हारे घर आयेंगे तो क्या दोगे ————————
    • हमे हर हाल में लाभ हो
  5. हर मर्ज की दवा ————————
    • हर बात का उपाय है
  6. हराम की कमाई , हराम में गंवाई ——————-
    • बेईमान का पैसा बुरे कामों में लाग जाता है
  7. हिंग लगे न फिटकरी , रंग भी चोखा होय ———————–
    • बिना कुछ खर्च किये काम बान जाये
  8. हाथ का दिया आड़े आए ——————
    • अपना कर्म ही फल देता है
  9. हाथ सुमरनी पेट कतरनी ——————
    • ऊपर से अच्छा मन से बुरा
  10. हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और ——————-
    • कीमती चीज भी यदि दु:ख देती है तो त्याज्य है
  11. हाथी के पांव में सबका पांव ———————-
    • बडो के रहते छोटो को क्या पूछना
  12. हाथी निकल गया दुम रह गयी ——————–
    • थोडा – सा काम अब शेष है
  13. होठों निकली कोठों चढ़ी ———————–
    • मुंह से निकली बात सब जगह फैल जाती है
  14. होनहार फिरती नही होवे बिस्वे बीस ——————-
    • भाग्य की रेखा नहीं मिटती
  15. होनहार बिरवान के होत चिकने पात ————————-
    • होनहार बालक के गुण बचपन से ही दिखाई देने लगते है
  16. अपना रख , पराया चख —————-
    • अपना बचाकर दुसरो का माल हडप करना
  17. अन्धो में काना राजा ——————–
    • मूर्खो में कम ज्ञान वाला भी आदर पाता है
  18. अपना हाथ जगननाथ ————————
    • अपना काम अपने ही हाथो में ठीक रहता है
  19. आम के आम गुठली के दाम ———————-
    • हर प्रकार का लाभ / एक काम से दो लाभ
  20. आगे कुआँ पीछे खाई ————————-
    • दोनों / सब और से विपति में फंसना
  21. उंखली में सिर दिया तो मुसल का क्या डर ———————–
    • जब द्रढ़ निश्चय कर लिया तो बाधाओं से क्या घबराना
  22. एक पंथ दो काज ———————-
    • एक काम से दोहरा लाभ होना /
    • एक तरकीब से दो कार्य करना /
    • एक साधन से दो कार्य करना
  23. कागज की नाव नहीं चलती ———————–
    • बेईमान को किसी कार्य में सफलता नहीं मिलती
  24. कहने पर कुम्हार गधे पर नहीं चढ़ता ——————
    • कहने से जिद्दी व्यक्ति काम नहीं करता
  25. कोऊ नृप होऊ हमे का हानी ——————-
    • अपने कामं से मतलब रखना
  26. कभी घी घना तो कभी मुटठी चना ——————-
    • परिस्थितिया सदा एक सी नहीं रहती
  27. काज परे कछु और है , काज सरे कछु और है ————————-
    • दुनिया बड़ी स्वार्थी है काम निकाल कर मुंह फेर लेती है
  28. गागर में सागर भरना ———————–
    • थोड़े में बहुत कुछ कह देना
  29. गरीब तेरे तीन नाम – झूठा , पापी , बेईमान —————————
    • गरीब पर ही सदेव दोष मढ़े जाते है /
    • निर्धनता सदेव अपमानित होती है
  30. गरजते बादल बरसते नहीं ———————
    • कहने वाले ( शोर मचाने वाले ) कुछ करते नहीं है
  31. गुरु कीजे जान , पानी पीवे छान ——————–
    • अच्छी तरह समझ बुझकर काम करना चाहिए
  32. घर बैठे गंगा आना ———————–
    • बिना प्रयत्न के लाभ / सफलता मिलना
  33. घर आये नाग न पूजे , बांबी पूजन जाय ——————–
    • अवसर का लाभ न उठाकर उसकी खोज में जाना
  34. चींटी के पर निकलना ———————–
    • बुरा समय आने से पूर्व बुद्धि का भ्रष्ट / नष्ट होना
  35. चोर की दाड़ी में तिनका ————————–
    • अपराधी का सशंकित होना /
    • अपराधी के कार्यो से दोष प्रकट हो जाता है
  36. जहाँ काम आवे सुई का करे तरवारी ———————-
    • छोटी वस्तु से जहाँ काम निकलता है वहां बड़ी वस्तु का उपयोग नहीं होता
  37. जननी जन्मभूमिशच स्वर्गादपि गरीयसी ——————-
    • मात्रभूमि का महत्व स्वर्ग से भी बढकर है
  38. जाकी रही भावना जैसी , हरी मूरत देखि तिन तैसी ——————–
    • भावनानुकुल ( प्राप्ति का होना ) ओरो को देखना
  39. जाको राखे साईंयां मारी सके न कोय ————————-
    • ईश्वर रक्षक हो तो फिर डर किसका , कोई कुछ नहीं बिगड़ सकता
  40. जो ताको कांटा बुवै ताहि बोय तू फुल ———————-
    • अपना बुरा करने वालो के साथ भी भलाई का व्यवहार करो
  41. झटपट की घानी आधा तेल आधा पानी ————————
    • जल्दबाजी का काम खराब ही होता है
  42. झूठ कहे सों लड्डू खाए सांच कहे सों मारा जाय ——————-
    • आजकल झूठे का बोलबाला है
  43. जैसी बहे बयार पीठ तब वैसी दीजे ———————-
    • समयानुसार कार्य करना
  44. टके का सौदा ना टका विदाई ———————-
    • साधारण वस्तु हेतु खर्च अधिक करना
  45. टेढ़ी ऊँगली किये बिना घी नहीं निकलता ——————
    • सीधेपन से काम नहीं चलता
  46. टके की हांड़ी गयी पर कुते की जात पहचान ली ——————-
    • थोडा नुकसान उठाकर धोकेबाज को पहचानना
  47. तीन लोक से मथुरा न्यारी —————————
    • सबसे अलग विचार बनाये रखना
  48. तीर नहीं तो तुक्का ही सही ——————–
    • पूरा नही तो जो कुछ मिल जाये उसी में संतोष करना
  49. तेते पांव पसारिये जेती लाम्बी सौर —————-
    • हैसियतअनुसार खर्च करना /
    • अपने सामर्थ्य के अनुसार ही कार्य करना
  50. तन पर नहीं लता पान खाए अलबता ——————-
    • अभावग्रस्त होने पर भी ठाठ से रहना /
    • झूठा दिखावा करना
  51. थोथा चना बाजे घना ————————–
    • गुणहीन व्यक्ति अधिक डींगे मारता है
  52. दमड़ी की हांड़ी भी ठोक बजाकर लेते है ———————–
    • छोटी चीज को भी देखभाल करके लेते है
  53. दूध का जला छाछ को फूंक – फूंक कर पीता है ——————–
    • एक बार धोखा खाया व्यक्ति दुबारा सावधानी बरतता है
  54. देव – देव आलसी पुकारा ———————-
    • आलसी व्यक्ति भाग्यवादी होता है
  55. धोबी का कुता घर का न घाट का ——————–
    • किधर का भी न रहना , न इधर का न उधर का
  56. न सावन सुखा न भादो हरा ———————-
    • सदैव एक सी तंग हालत रहना
  57. नेकी और पूछ – पूछ ——————-
    • भलाई करने में भला पूछना क्या ?
  58. पराधीन सपनेहु सुख नाहीं —————–
    • परतंत्र व्यक्ति कभी सुखी नहीं होता
  59. प्रभुता पाय काही मद नाहीं ———————
    • अधिकार प्राप्ति पर किसे गर्व नहीं होता
  60. पानी में रहकर मगर से बैर करना ——————
    • शक्तिशाली आश्रयदाता से बैर करना
  61. प्यादे से फरजी भयो टेढो टेढो जाय ——————-
    • छोटा आदमी बड़े पद पर पहुंचकर इतराकर चलता है
  62. फटा मन और फटा दूध फिर नहीं मिलता —————-
    • एक बार मतभेद होने पर पुन: मेल नहीं हो सकता
  63. बद अच्छा बदनाम बुरा ———————
    • कलंकित होना बुरा होने से भी बुरा है
  64. बकरे की मा कब तक खेर मनाएगी —————-
    • जब संकट आना ही है तो उससे कब तक बचा जा सकता है
  65. बावन तोले पाव रती ——————-
    • बिलकुल ठीक या सही – सही होना
  66. बांबी में हाथ तू डाल मंत्र में पढू ——————-
    • खतरे का कार्य दुसरो को सोंपकर स्वयं अलग रहना
  67. बिल्ली के भाग छींका टूटना ——————–
    • संयोग से किसी कार्य का अच्छा होना
  68. बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले न भीख ——————
    • भाग्य से स्वत: मिलता है इच्छा से नहीं
  69. बैठे से बेगार भली ———————-
    • खाली बैठे रहने से तो किसी का कुछ काम करना अच्छा
  70. भई गति सांप छछूंदर जैसी ———————
    • दुविधा में पड़ जाना
  71. भागते भुत की लंगोट भली ——————
    • हाथ पड़े सोई लेना
    • जो बच जाये उसी से संतुष्ट
    • कुछ नहीं से जो कुछ भी मिल जाये वह अच्छा
  72. मियाँ – बीबी राजी तो क्या करेगा काजी ——————-
    • यदि आपस में प्रेम है तो तीसरा क्या कर सकता है
  73. अँधा पिसे कुता खाए ——————–
    • मूर्खो की मेहनत का लाभ अन्य उठाते है , असावधानी से अयोग्य को लाभ
  74. जान बची और लांखो पाए —————
    • प्राण सबसे प्रिय होते है
  75. मेंढकी को जुकाम होना ———————–
    • नीच आदमियो द्वारा नखरे करना

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