राजस्थान के प्रमुख महल : जल महल , चन्द्र महल , बादल महल , हवामहल , इत्यादि Topik-8
जयपुर के हवामहल का निर्माण सवाई प्रतापसिंह ने 1799 ई. में करवाया था , यह भवन भगवान श्री कृष्ण एवं एवं राधाजी को समर्पित है , इसकी आकृति भगवान श्री कृष्ण के मुकुट के समान है राजस्थान के प्रमुख महलो का विस्तार निम्नलिखित है ——–
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1 हवामहल ———–
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- जयपुर
- निर्माण ——-
- 1799 ई. में
- सवाई प्रतापसिंह
- वास्तुकार ———– लालचंद उस्ता
- आकृति ————-भगवान श्री कृष्ण के मुकुट के समान
- यह भवन भगवान श्री कृष्ण एव श्री राधा को समर्पित है
- 1983 में इस हवामहल को संग्रहालय का रूप दिया गया
- यह 5 मंजिला महल हें ——-
- प्रथम मंजिल ———- शरद मन्दिर / प्रताप मन्दिर
- दूसरी मंजिल ——— रतन मन्दिर
- तीसरी मंजिल ——— विचित्र मन्दिर
- चोथी मंजिल ———- प्रकाश मन्दिर
- पांचवी मंजिल ——— हवा मन्दिर
- इसमें कुल खिडकिया ——— 953 है जो पूर्व दिशा में खुलती है
- कुल झरोखे —————— 365 हें
- सवाई प्रतापसिंह ने इस महल का निर्माण अपनी रानियो को तीज / गणगोर की सवारी दिखाने हेतु करवाया था
- यह लाल पत्थरों से निर्मित है अत : इसे लाल मन्दिर भी कहा जाता है
- शेखवाटी का हवामहल / खेतड़ी महल ———–
- झुंझुनू
- निर्माण ——–
- महाराजा भूपाल सिंह
- खेतड़ी के शासक महाराजा भूपालसिंह के द्वारा ग्रीष्म काल में विश्राम ग्रह के रूप में इसका निर्माण करवाया गया
- उपनाम——-
- शेखावाटी का हवामहल
- खेतड़ी का हवामहल
- राजस्थान का दूसरा हवामहल
- राजस्थान का भुलभुल्या महल
- वास्तविक भूल-भूल्या महल ——- लखनउ ( उतरप्रदेश में है )
- इस महल में अजीतसिंह के काल में विवेकानन्द जी ने उपदेश दिए थे
- चन्द्र महल / सिटी पैलेस —————
- जयपुर
- निर्माण ———–
- 1729-32
- सवाई जयसिंह
- वास्तुकार ——— विद्याधर चक्रवर्ती
- जयपुर के राजाओ का निवास स्थान
- इस महल में जयपुर राजाओ का निजी पोथिखाना स्थित है
- प्रवेश द्वार ——– सिरे ड्योडी कहलाता
- यह 7 मंजिला महल है ——-
- प्रथम मंजिल ——– चन्द्र महल / मन्दिर
- दूसरी मंजिल ——– सुख महल / मन्दिर
- तीसरी मंजिल ——– रंग महल / मन्दिर
- चोथी मंजिल ——— शोभा महल / मन्दिर
- पांचवी मंजिल ——– छवि महल / मन्दिर
- छठी मंजिल ———- श्रीनिवास महल / मन्दिर
- सातवी मंजिल ——— मुकुट महल / मन्दिर
- यंहा पर गोविन्द देवजी का मन्दिर है जिसका निर्माण सवाई जयसिंह ने करवाया था
- यंहा पर विश्व के सबसे बड़े चांदी के कलश स्थित है जिसका निर्माण माधोसिंह ने करवाया था
- इसमें मुबारक महल / वेलकम महल हें जिसका निर्माण माधोसिंह द्वितीय ने करवाया था
- मुबारक महल —– राजपूत – मुगल शेली में निर्मित है
- यंहा इश्वरी सिंह की छतरी है
- 1727 के बाद यह महल जयपुर कछवाह राजवंश का निवास स्थल था
- चन्द्र महल / सिटी पैलेस —————–
- उदयपुर
- निर्माण ———-
- 1559 ई. में
- महाराणा उदयसिंह ने पिछोला झील के किनारे नीव रखी थी
- महाराणा संग्रामसिंह के काल में निर्माण कार्य पूर्ण हुआ
- फर्ग्युसन ने इन् महलो की तुलना बीणडसर के महलो से की है
- प्रमुख महल ——–
- दिल सुख महल
- राय आगन महल
- मोती महल
- नव चोकी महल
- चितेरो की ओवेरी / तशविरा रो कारखानों
- मुबारक महल ———
- चन्द्र महल में , जयपुर
- चन्द्र महल का निर्माण ———सवाई जयसिंह
- मुबारक महल का निर्माण ——सवाई माधोसिंह द्वितीय
- अतिथियो के ठहरने के लिए
- चन्द्र महल में , जयपुर
- मुबारक महल —————
- सुनहरी कोठी में ( टोंक )
- सुनहरी कोठी का निर्माण —-इब्राहम खां
- मुबारक महल का निर्माण ———— वजिरुदोल्ला खां
- यह मुबारक महल बकरे ईद पर ऊंट की कुर्बानी के लिए प्रसिद है
- सुनहरी कोठी में ( टोंक )
- जल महल —————–
- जयपुर की मानसरोवर झील में स्थित है
- गर्भावती नदी के जल को रोककर सवाई जयसिंह ने मानसागर झील का निर्माण करवाया
- निर्माण ———
- सवाई जयसिंह
- निर्माण पूर्ण ——-सवाई प्रतापसिंह ने 1799 ई में करवाया
- सवाई जयसिंह ने अश्वमेघ यज्ञ के दोरान आमंत्रित ब्राहमणों को ठहराने के लिए इस जलमहल का निर्माण करवाया
- अंतिम हिन्दू नरेश सवाई जयसिंह था जिसने अश्वमेघ यज्ञ सम्पन्न करवाया
- इस यज्ञ का प्रमुख पुरोहित ———पंडूरिक रत्नाकर था
- यह महल पांच मंजिला है जिसकी उपरी मंजिल को चमेली महल कहा जाता है
- वर्तमान में यह पक्षी अभ्यारण्य के रूप में विकसित है
- जलमहल —————
- डीग
- निर्माण ——
- निर्माण प्रारम्भ —– महाराजा बदनसिंह
- निर्माण पूर्ण ——–महाराजा सूरजमल
- डीग को जलमहलो की नगरी कहा जाता है
- यह राजस्थान का सर्वश्रेष्ठ जलमहल है
- यंहा का प्रसिद जलमहल गोपाल महल है
- समोदा का महल ————-
- चोमू , जयपुर
- निर्माण ———- बिहारीदास
- वर्तमान में इस महल में होटल संचालित है
- यह महल राजस्थानी व हरियाणवी गानों की शूटिंग का केंद्र है
- इस महल के पास में पहाड़ी पर वीर हनुमानजी का मन्दिर स्थित है
- इस स्थान पर 25 मई 2019 को राजस्थान का चोथा रोप-वे स्थापित किया गया है
- इस महल में एक अन्य सुल्तान महल भी स्थित है
- यह पशु-पक्षिओ के चित्र हेतु प्रसिद है
- इस महल में एक शीशमहल है जिसका निर्माण शिवसिंह ने करवाया था
- बादल महल ———
- जेसलमेर दुर्ग में
- निर्माण —— सिलावटो द्वारा निर्मित
- उपनाम —– ताजिया टावर
- राजस्थान का सबसे ऊँचा बादल महल
- महारावल बेरीसाल को भेंट किया गया
- बादल महल ————
- कुम्भलगढ़ दुर्ग के लघु दुर्ग कटारगढ़ में स्थित
- इसी बदल महल में 9 मई 1540 को महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था
- इस महल के दो भाग है —-
- जनाना कक्ष / श्रंगार कक्ष
- जुनी कचहरी
- इस जुनी कचहरी में 9 मई 1540 को महाराणा प्रताप / किका का जन्म हुआ
- बादल महल —————
- नागोर दुर्ग में
- वास्तविक बादल महलो का आभास होता है
- इसे कलात्मक बादल महल भी कहते है
- बादल महल ————-
- जूनागढ़ दुर्ग / बीकानेर दुर्ग में
- यह बादल महल सोने की नक्कासी के लिए प्रसिद है
- रूठी रानी के प्रमुख महल —————–
- तारागढ़ दुर्ग की तलहटी में (अजमेर )——
- मारवाड़ के शासक राव मालदेव की रानी उमादे इस महल में रूठकर रही
- उमादे को रूठी रानी कहा जाता है
- यशोदा देव की पट्ट शिवालय ———-
- भीलवाडा
- पृथ्वीराज सिसोदिया की पत्नी तारा बाई इस मन्दिर में रूठकर रही थी
- इस मन्दिर को रूठी रानी का महल भी कहते है
- मांडलगढ़ दुर्ग में ————–
- मांडलगढ़ ( भीलवाडा )
- इस दुर्ग में एक महल को रूठीरानी का महल कहा जाता है जिसका निर्माण राव मालदेव ने करवाया था
- इस महल में कोई रानी रूठकर नही रही
- जयसमन्द झील के किनारे ————-
- उदयपुर
- इस झील के किनारे एक चित्रित हवामहल है जिसे रूठी रानी का महल कहा जाता है
- तारागढ़ दुर्ग की तलहटी में (अजमेर )——
- अलबर्ट होल ———–
- जयपुर
- निर्माण ———— सवाई रामसिंह द्वितीय ने
- प्रिंस ऑफ़ अलबर्ट के जयपुर आगमन पर 6 फ़रवरी 1876 को इसकी नीव रखी गयी
- वास्तुकार ———- जेकब स्वीटन
- उद्घाटन —-1887 ई. में माधोसिंह द्वितीय के काल में AGG ब्रेडफोर्ड द्वारा किया गया
- राजस्थान का प्रथम संग्रहालय स्थित है जिसे अलबर्ट संग्रहालय कहा जाता है
- यह भारत-फारसी शेली में निर्मित है
- जयपुर के राजा-महाराजाओ के चित्र चित्रित किये गये है
- रामबाग पैलेस ———–
- जयपुर
- निर्माण —– रामसिंह द्वितीय
- वर्तमान में होटल संचालित है
- सिसोदिया रानी का महल —————-
- जयपुर ( NH-11 के किनारे स्थित है )
- निर्माण ——–
- 1728 ई. में
- सवाई जयसिंह ने करवाया
- इस महल का निर्माण सिसोदिया रानी चन्द्राकंवर हेतु करवाया गया
- चन्द्र कंवर मेवाड़ महाराणा अमरसिंह द्वितीय की पुत्री थी
- इस महल में चन्द्र कंवर ने माधोसिंह को जन्म दिया था
- मोती डूंगरी महल ————
- जयपुर
- निर्माण ———सवाई माधोसिंह
- यह मोती डूंगरी पहाड़ी पर स्थित है
- इन महलो का पुनर्निर्माण मानसिंह द्वितीय की पत्नी गायत्री देवी ने अपने निजी निवास हेतु करवाया
- इन महलो को तख्तशाही महल भी कहते है
- विजय मन्दिर पैलेस / विजयगढ़ महल —————-
- विजयसागर झील में ,अलवर
- निर्माण —– अलवर शासक जयसिंह ने करवाया
- इस महल में सीतारामजी का मन्दिर स्थित है
- यंहा रामनवमी ( चेत्र शुक्ल 9 ) को मेला आयोजित होता है
- इसे विजयगढ़ महल भी कहा जाता है
- इसे अलवर का लेक पेलेस कहा जाता है
- इस महल की आकृति जहाज के समान है
- सरिस्का पैलेस —————-
- अलवर
- निर्माण ——–जयसिंह
- इस महल का निर्माण ड्यूक ऑफ़ एडिनबर्ग को शिकार करवाने हेतु किया गया
- वर्तमान में सरिस्का पैलेस होटल संचालित है
- विनय पैलेस —————-
- अलवर
- निर्माण ———- विनयसिंह
- अलवर का नक्कासीदार महल कहलाता है
- सिलीसेढ़ महल —————-
- सिलीसेढ़ झील के किनारे , अलवर
- निर्माण ——विनयसिंह ने
- ये सिलीसेढ़ झील के किनारे स्थित है
- सिलीसेढ़ झील का निर्माण ——विनयसिंह ने अपनी रानी सिला के नाम पर करवाया
- इसके पास में सेढ माता का मन्दिर स्थित है
- सुनहरी कोठी —————-
- टोंक
- निर्माण प्रारम्भ ——-वजिरूदोल्ला
- वास्तविक निर्माता —– इब्राहीम अली खांन
- प्रारम्भिक नाम ——–जरनीगार
- कांच व सोने की आकर्षक नक्कासी हेतु प्रसिद
- इस कोठी की छत सोने से निर्मित है
- राजस्थान का भव्य शीशमहल स्थित है
- इस कोठी में मुबारक महल स्थित है
- मुबारक महल ——–
- सुनहरी कोठी , टोंक
- मुस्लिम शेली में निर्मित
- बकराईद के दिन ऊंट की कुर्बानी दी जाती है
- ऊंट की कुर्बानी सर्वप्रथम 1817ई. में अमीरदोल्ला के काल में प्रारम्भ हुई थी
- उम्मेद भवन ——————-
- जोधपुर
- निर्माण ———-उम्मेदसिंह
- निर्माण अवधि —– 1928-1943
- वास्तुकार ——–
- विधाधर भट्टाचार्य
- सेमुअल स्विंटन जेकब
- हेनरी लेनचेटर
- इस भवन में कुल कमरे ——–347 कमरे है
- इस भवन का निर्माण अकाल राहत कार्य हेतु करवाया गया
- विश्व का सबसे बड़ा रियासती महल
- छितर के पत्थरों से निर्मित होने के कारण इसे छितर पैलेस कहा जाता है
- यह भवन छितर की पहाड़ी पर स्थित है
- अकाल राहत कार्यो से निर्मित राजस्थान की प्रथम इमारत
- यह भवन 3 भागो में विभक्त है ———
- राजपरिवार का निवास स्थल
- ताज समूह का होटल संचालित
- घडियो का संग्रहालय स्थित
- अजीत भवन ——————-
- जोधपुर
- निर्माण —— जोधपुर के प्रधानमंत्री सर अजीतसिंह ने करवाया
- प्रधानमंत्री अजीतसिंह ने यह महल जोधपुर शासक हनुवन्त सिंह को भेंट किया था
- भारत का प्रथम हेरिटेज होटल
- हेरिटेज होटल ———
- मार्च 2003 तक 75 वर्ष पूर्ण कर चुकी सांस्क्रतिक व ऐतिहासिक महत्व की इमारतो को हेरिटेज होटल की संज्ञा दी ज्ञ
- राइका बाग पैलेस ——————
- जोधपुर
- निर्माण ——-
- 1663 ई. में
- हाड़ी रानी जसवन्त दे द्वारा
- जसवन्त दे , जोधपुर शासक जसवन्त सिंह प्रथम की पत्नी थी
- स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपने जीवन के अंतिम उपदेश इसी स्थान पर दिए थे
- इन उपदेशो के समय जोधपुर शासक जसवन्त सिंह द्वितीय थे
- महाराजा जसवंतसिंह द्वितीय की पासवान नन्ही जान ने इस महल में महर्षि दयानन्द सरस्वती को झर दिया था
- थम्बा / एक थम्बा महल ——————
- मंडोर ( जोधपुर )
- इसे प्रेहरी मीनार भी कहा जाता है
- निर्माण ——
- 1715 ई. में
- अजीतसिंह ने करवाया
- पत्थरों की जलिओ वाला महल
- इस महल का निर्माण हल्के पीले खाटू / धाटू पत्थरों से हुआ है
- एक थम्बिया महल ——————
- डूंगरपुर में
- यह भगवान शिव का 3 मंजिला मन्दिर है
- बिजोलाई के महल ——————
- कायलाना झील के किनारे , जोधपुर
- निर्माण ——— महाराजा तख़्त सिंह ने करवाया
- शिकार गृह के लिए इन महलो का निर्माण करवाया
- जुना महल ——————
- डूंगरपुर
- निर्माण ——-
- रावल वीर सिंह ने करवाया
- 1282 ई. में
- धनाया पहाड़ी की तलहटी में स्थित है
- शुभचन्द्र ने इस महल को डूंगरपुर की राजधानी बनाया
- अबली मिणी का महल ——————
- मुकन्दरा हिल्स , कोटा
- निर्माण ——मुकुंद सिंह
- मुकन्दरा पहाडियो में स्थित है
- कर्नल जेम्स टॉड ने इसे छोटा ताजमहल कहा है
- इसे राजस्थान का दूसरा ताजमहल या हाडोती का ताजमहल भी कहा जाता है
- राजस्थान का ताजमहल ———जसवन्त थड़ा ( जोधपुर ) को कहा जाता है
- जसवन्त थड़ा का निर्माण 1906 ई. में जसवन्त सिंह द्वितीय की स्मृति में सरदारसिंह ने करवाया
- लालगढ़ पैलेस——————
- बीकानेर
- निर्माण ———महाराजा गंगा सिंह ने करवाया
- इसका निर्माण महाराजा गंगासिंह ने अपने पिता लालसिंह की स्मृति में लाल पत्थरों से करवाया
- इस महल के सामने लालसिंह की मूर्ति लगी हुई है
- 1937 के बाद बीकानेर के राठोड राजवंश का निवास स्थल यही महल था
- पंचमहल ——————
- बेराठ ( जयपुर )
- यह महल बानगंगा नदी के किनारे पर स्थित है
- यह 5 मंजिला महल है
- निर्माण ——– मिर्जा राजा मानसिंह प्रथम
- इस महल का निर्माण अकबर की विश्राम स्थली के रूप में करवाया गया
- काठमहल ——————
- झालावाड
- इसे रेन बसेरा भी कहा जाता है
- इस महल का निर्माण वन शोध संस्थान , देहरादून द्वारा करवाया
- 1936 ई. में लखनउ प्रदर्शनी में रखा
- झालावाड शासक राजेन्द्रसिंह 1936 में इसे लखनउ प्रदर्शनी से लेकर आये
- यह महल काष्ठ से निर्मित था जो आग में जलकर राख हो गया
- जगत निवास मन्दिर/ जगमन्दिर ——————
- पिछोला झील में , उदयपुर
- निर्माण प्रारम्भ —— कर्णसिंह
- निर्माण पूर्ण ——जगत सिंह प्रथम
- 1857 की क्रांति के समय मेवाड़ महाराणा स्वरूप सिंह ने अंग्रेज अधिकारी मेजर सावर्स व नीमच से भागे अंग्रेज परिवारों को इसी महल में शरण दी थी
- जहागीर के पुत्र खुर्रमको इसी महल में शरण दी थी
- जगत निवास महल / जगमहल ——————
- पिछोला झील में , उदयपुर
- निर्माण प्रारम्भ ———कर्णसिंह
- निर्माण पूर्ण ———– जगत सिंह द्वितीय
- वर्तमान में होटल लेक पैलेस संचालित है
- पिछोला झील ——————
- उदयपुर
- जगमंदिर और जगमहल दोनों इसी झील में स्थित है इनकी नीव कर्णसिंह ने रखी थी
- पिछोला झील का निर्माण ——– पिच्छू बंजारा के द्वारा राणा लाखा के काल में हुआ
- राजमहल ——————
- उदयपुर
- निर्माण ———उदयसिंह
- उदयपुर के राजपरिवार का निवास स्थल
- फर्ग्युसन ने इन महलो को विंडसर महल कहा है
- इस महल में महाराणा प्रताप का भाला स्थित है
- इस महल में दो भाग है——
- जनाना महल ——-
- श्रंगार महल
- नकारा महल
- मर्दाना महल ——–
- दिलखुस महल
- मोतीमहल
- राणा प्रताप के स्मारक के रूप में पहचाना जाता है
- जनाना महल ——-
- सज्जनगढ़ पैलेस ——————
- उदयपुर
- निर्माण प्रारम्भ ——– सज्जनसिंह
- निर्माण पूर्ण ———- फतेहसिंह व भूपालसिंह
- यंहा सोंरवेधशाला स्थित है
- इस महल में गुलाब उद्दान स्थित है
- उपनाम ——-
- वाणी – विलास
- उदयपुर की मुकुटमणी
- मानसून पैलेस
- फतेहसागर झील के किनारे स्थित है
- फतेहसागर झील का निर्माण फतेहसिंह ने करवाया था
- इसकी नीव ड्यूक ऑफ़ कनॉट ने रखी
- इसे कनोट झील भी कहते है
- डीग के जलमहल ——————
- डीग के जलमहलो का निर्माण सूरजमल जाट व बदनसिंह के द्वारा करवाया गया
- डीग के प्रमुख जलमहल ————-
- नन्दभवन
- केशवभवन
- फव्वारा महल
- सावन-भादो महल
- राजस्थान में जलमहलो की नगरी ———– डीग को कहा जाता है
- कदमी महल ——————
- आमेर दुर्ग ,जयपुर
- निर्माण ——मिर्जा राजा मानसिंह
- यह आमेर दुर्ग का सबसे प्राचीन महल है
- इसमें आमेर के शासको का राजतिलक होता था
- जूनागढ़ दुर्ग में महल ——————
- गंगा निवास महल
- कर्ण महल
- अनूप महल
- बादल महल
- जेसलमेर दुर्ग में महल ——————
- जवाहर विलास महल
- सर्वोतम महल
- ताजिया टावर
- बादल महल
राजस्थान के अन्य प्रमुख महल ——————
महल | स्थान |
---|---|
तुलाती महल | जोधपुर |
जहागीर महल | पुष्कर ( अजमेर ) जहागीर द्वारा निर्मित |
मानमहल | पुष्कर ( अजमेर ) आमेर के शासक मिर्जा राजा मानसिंह द्वारा निर्मित |
हाडी रानी के महल | सलुम्बर ( उदयपुर ) |
गोल महल | उदयपुर |
घोला महल | उदयपुर |
उदय विलास महल | डूंगरपुर |
अभेड़ा महल | कोटा इसे हाडोती का हवामहल कहते है निर्माण —-अभयसिंह |
खातर महल | चितोडगढ़ दुर्ग |
हवा बंगला | अलवर में |
रेशमा महल | सीकर |
अकबर के मृगया महल | रूपबास ( भरतपुर ) |
ओखा रानी का महल | अचलगढ़ दुर्ग ( सिरोही ) |
गुलाब महल | कोटा |
कोटा का हवामहल | कोटा निर्माण —विष्णुसिंह |
बनेडा महल | भीलवाडा निर्माण ——- सरदारसिंह |
सुख महल | बूंदी निर्माण ——- जेतसिंह |
1—सावन-भादो महल | डीग |
2—सावन-भादो झरना | जोधपुर |
3—सावन-भादो नहर | कोटा |
4—सावन-भादो झील | सिरोही |
5—सावन-भादो कड़ाईया | देशनोक ( बीकानेर ) |
1—-नवलखा महल | उदयपुर |
2—-नवलखा झील | बूंदी |
3—-नवलखा बावड़ी | डूंगरपुर |
4—-नवलखा दरवाजा | रणथम्भोर दुर्ग |
5—-नवलखा मन्दिर | पाली |
6—-नवलखा बुर्ज / स्तम्भ | चितोडगढ़ |
7—-नवलखा दुर्ग | झालावाड |