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राजस्थान इतिहास

राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व Topik-8

राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व

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राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व

  • 1 सागरमल गोपा ————–
    1. जन्म ————– 3 नवम्बर 1900 ई. में
    2. स्थान ————– जेसलमेर
    3. पिता ————– अखेराज गोपा ( ब्रहामन परिवार )
    4. उपनाम ————– थार केसरी
    5. इनके समकालीन जेसलमेर शासक ————– जवाहर सिंह थे
      • अखेराज सोनगरा जेसलमेर शासक जवाहर सिंह के दरबार में थे
    6. जेसलमेर शासक जवाहर सिंह ने अपने राज्य में पत्र-पत्रिकाओ के प्रकाशन पर रोक लगा रखी थी
    7. रोक लगी होने के बावजूद सागरमल गोपा ने जेसलमेर में सर्वहितकारिणी वाचनालय की स्थापना की थी
    8. सागरमल गोपा ने जवाहर सिंह के अत्याचारों के विरोध में गुंडाराज जेसलमेर पुस्तक लिखी
    9. 1921 ई. में गांधीजी के साथ असहयोग आन्दोलन की रुपरेखा में शामिल हुए
    10. अखेराज गोपा की मृत्यू के पश्चात 25 मई 1941 ई. को सागरमल गोपा को गिरफ्तार कर जेल में कैद किया
    11. जेल में रहते हुए सागरमल गोपा ने आजादी के दीवाने पुस्तक लिखी
    12. सागरमल गोपा की अन्य पुस्तक ————– रघुनाथ सिंह का मुकदमा
    13. 4 अप्रैल 1946 ई. को थानेदार गुमानसिंह ने सागरमल गोपाजी को जिन्दा जला दिया
      1. इस हत्याकांड की जाँच हेतु गोपाल स्वरूप पाठक नामक आयोग का गठन किया गया
      2. इस आयोग ने इस घटना को आत्महत्या करना बताया
    14. 1986 ई. में सागरमल गोपा के सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया
    15. सागरमल गोपा के सम्मान में इंदिरा गाँधी नहर की एक केनाल का नाम इनके नाम पर रखा गया
  • 2 अमरचंद बाठिया ————–
    1. जन्म ————— 1797 ई. में
    2. ये मूलत बीकानेर के निवासी थे
    3. और ग्वालियर में ज्वेलरी के व्यापारी थे
    4. अमरचंद जी को ग्वालियर का नगरसेठ और ग्वालियर का कोषाध्यक्ष बनाया गया
    5. ग्वालियर राजपरिवार द्वारा अमरचंद बाठिया को नगरसेठ की उपाधि दी गयी
    6. 1857 की क्रांति के समय इन्होने तात्या टोपे और लक्ष्मी बाई की आर्थिक सहायता की थी
    7. इसी कारण 22 जून 1858 को ग्वालियर के सरार्फा बाजार में इनको फांसी दे दी गयी झा पर इनका स्मारक बना हुआ है
    8. 1857 की क्रांति में राजस्थान का प्रथम शहीद ————— अमरचंद बाठिया थे
    9. अमरचंद बाठिया के उपनाम ———
      1. राजस्थान का प्रथम शहीद
      2. राजस्थान का मंगल पांडे
      3. भारत में 1857 की क्रांति का भामाशाह
  • 3 तात्या टोपे ————–
    1. ये मूलत महाराष्ट्र के येवला के निवासी थे
    2. तथा ग्वालियर में सामंत थे
    3. इनका मूल नाम रामचन्द्र पांडुरंग था
    4. 1857 कि क्रांति के समय तात्या टोपे ने नाना साहिब और लक्ष्मी बाई की सहायता की थी
    5. 1857 की क्रांति के दोरान तात्या टोपे ने राजस्थान में 2 बार प्र्वेश् किया —–
      1. प्रथम बार 9 अगस्त 1857 को भीलवाडा मार्ग से प्रवेस किया
      2. परन्तु कुवाडा युद्ध में रोबर्ट्स से पराजित हुआ
      3. दूसरी बार बांसवाडा मार्ग से प्रवेस किया
      4. बांसवाडा के शासक लक्ष्मण सिंह को पराजित किया
      5. कुछ समय तक बांसवाडा का शासन संचालन किया
    6. जेसलमेर रियासत को छोडकर अन्य सभी रियासतों में सहायता प्राप्त करने हेतु तात्या टोपे गया परन्तु असफल रहा
    7. बूंदी के शासक रामसिंह 2nd ने तात्या की अप्रत्यक्ष रूप से सहायता की थी
    8. सीकर का युद्ध ——–
      1. यह तात्या टोपे के जीवन का अंतिम युद्ध था
      2. इस युद्ध में होम्स की सेना से तात्या पराजित हुआ
      3. राव राजा भेरोसिंह ने तात्या को सीकर में घुसने से रोकने का प्रयाश किया
    9. नरवर के सामंत मानसिंह नरुका के विशवास-घात किया
    10. जिसके कारण 7 अप्रैल 1859 को तात्या को गिरफ्तार किया गया
    11. मध्यप्रदेश में के किनारे शिवपुरी (सिप्री) नामक स्थान पर 18 अप्रैल 1859 को फांसी दे दी गयी
    12. तात्या की फांसी का विरोध मेवाड़ के पोलिटिकल एजेंट सावर्स ने किया था
  • 4 केसरीसिंह बारहठ —————
    1. इनका जन्म 21 नवम्बर 1872 शाहपुरा रियासत के देवपुरा खेडा में हुआ
    2. उपनाम ————–राजस्थान केसरी
    3. पुस्तके ————–
      1. रूठी रानी
      2. प्रताप चरित्र
      3. दुर्गादास चरित्र
      4. राजसिंह चरित्र
    4. इन्होने अपना सारा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया
    5. 1902-1907 ई. तक कोटा में सुपर इंटेडेंट एथिनोग्राफी के पद पर कार्यरत थे
    6. 1903 ई. में लार्ड कर्जन के दिल्ली दरबार में शामिल होने के लिए दिल्ली गये मेवाड़ के महाराणा फतेहसिंह को चेतावनी रा चुंगटया के रूप में 13 सोरठे लिखकर भेजे जिन्हें पढकर फतेहसिंह जी पुन: मेवाड़ लोट आये
      • ये 13 सोरठे डिंगल भाषा में लिखे थे
    7. क्रन्तिकारी प्रतापसिंह बहारठ इन्ही के पुत्र थे
    8. 1910 ई. में वीर भारत सभा की स्थापना की
      • यह एक गुप्त क्रन्तिकारी सन्गठन था
    9. केसरीसिंह बारहठ 1914 ई. में महंत प्यारेलाल हत्याकांड के आरोप में दोषी थे और इनके सहयोगी —-
      1. जोरावर सिंह
      2. जोहरी मल
      3. हीरालाल जोहरी
      4. नारायण सिंह
    10. 1922 ई. में केसरीसिंह जी परिवार सहित कोटा पंहुचे थे
    11. इनका समस्त परिवार राजस्थान के स्वतन्त्रता आन्दोलन में न्योछावर हो गया
    12. 1929 ई. में केसरीसिंह बारहठ पूर्णत अहिंसावादी बने
    13. 14 अगस्त 1941 को केसरीसिंह बारहठ का निधन हो गया
    14. केसरीसिंह बारहठ के कथन ————–
      1. अपने पुत्र प्रतापसिंह बारहठ की शहादत पर कहा था —–
        • मेरा एक और सुपुत्र भारत मा की आजादी हेतु शहीद
      2. आजादी छीननी पड़ती है
  • 5 जोरावर सिंह बहारठ ———–
    1. इनका जन्म 12 सितम्बर 1893 को उदयपुर में हुआ
    2. ये केसरीसिंह बहारठ के भाई थे
    3. इन्होने दिल्ली में चादनी चोक में 23 दिसम्बर 1912 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल एवं वाइसराय लार्ड हार्डिंग्ज पर राजधानी दिल्ली स्थानांतरित करने के उपलक्ष में निकले जा रहे जुलुस के दोरान बम फेंका
    4. इस बमकांड में लार्ड हार्डिंग्ज बच गये
    5. इन्होने अपना नाम बदलकर अमरदास बैरागी रखा था
    6. जोरावर सिंह बारहठ को राजस्थान का चन्द्रशेखर आजाद भी कहा जाता है
    7. 17 अक्टूबर1939 को जोरावरसिंह का निमोनिया के कारण निधन हुआ
  • 6 प्रताप सिंह बहारठ———–
    1. जन्म ————– 24 मार्च 1893 को हुआ था
    2. जन्म स्थान ————– उदयपुर
    3. पिता ————– केसरीसिंह बारहठ
    4. माता ————– माणिक देवी
    5. केसरीसिंह बहारठ के पुत्र ,आजादी के दीवाने ,श्रेष्ठ साहित्यकार ,स्वतन्त्रता के अन्यतम उपासक
    6. इन्होने अपने चाचा जोरावर सिंह के साथ मिलकर 1912 ई. में लार्ड हार्डिंग्ज के दिल्ली आगमन पर बम फेंका था
    7. आसनाडा ( जोधपुर ) से प्रतापसिंह को गिरफ्तार किया गया
    8. प्रतापसिंह को बरेली ( उतरप्रदेश ) जेल में कैद किया गया
    9. अंग्रेजी सरकार के गुप्तचर विभाग के निर्देशक सर चार्ल्स क्लिव्लेंड ने जब इनसे दिल्ली बम-कांड के बारे में पूछताछ की तो प्रतापसिंह ने कहा था ——-
      1. मेरी मा रोती है तो उसे रोने दो ! अपनी एक मा को हंसाने के लिए में हजारो माताओ को नही रुलाना चाहता
      2. क्लिव्लेंड ने कहा था की तुम्हारी मा अपने गाँव में दिन-रात रोती रहती है यदि तुम बमकांड की जानकारी दे दो तो तुम्हे अभी जेल से मुक्ति दे दी जाएगी और तुम्हारी जागीर भी वापिस दे दी जाएगी
      3. जब प्रतापसिंह न्हीमाने तो उसने शारीरिक यातनाये देना प्रारम्भ कर दिया परन्तु प्रतापसिंह टस-से-मस नही हुवे और प्रतापसिंह ने स्पष्ट कहा —-
        • चाहे मेरे शरीर की बोटी-बोटी काटकर कुतो को खिला दो , में अपने पंथ से हरगिज डिगने वाला नही
      4. इन्ही जघन्य यातनाओ के कारण 7 मई 1918 को बरेली जेल में ही इन्होने भारत मा के चरणों में अपने प्राणों का उत्सर्ग किया
      5. चार्ल्स क्लिव्लेंड ने कड़ी यातनाये देने पर भी नही टुटा तो प्रतापसिंह के लिए कहा था ————–
        • मेने जीवन में इतना मजबूत पहली बार देखा है
  • 7 अर्जुनलाल सेठी ————
    1. जन्म ———— 9 सितम्बर 1880
    2. जन्म स्थान ———— जयपुर में जैन परिवार में हुआ
    3. प्रारम्भिक शिक्षा ———— जयपुर
    4. उच्च शिक्षा ———— प्रयागराज जी ( उतरप्रदेश )
    5. अर्जुनलाल सेठी की प्र्मुख रचनाये ————
      1. महेंद्र कुमार —— शुद्ध स्त्री
      2. मदन पराजय ——शुद्ध भक्ति
    6. जब इनको जयपुर के तत्कालीन महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय ने दीवान नियुक्त करने का प्रस्ताव किया तब अर्जुनलाल जी ने कहा था———-
      • अर्जुनलाल यदि राज्य की चाकरी करेगा तो भारत माता को गुलामी से मुक्त कोन कराएगा
    7. 1906 ई. में अर्जुनलाल जी ने जैन प्रचारक सभा की स्थापना की
    8. इन्होने क्रांति व आजादी का पाठ पढ़ाने के लिए 1907 में जयपुर में प्रथम राष्ट्रिय विद्यापीठ वर्धमान जैन विद्यालय की स्थापना की
    9. प्रताप सिंह बहारठ ,जोरावर सिंह बहारठ ,मानकचंद,मोतीचंद इसी विद्यालय के विद्यार्थी थे
    10. 1914 में निजाम हत्याकांड में बंदी बनाकर अर्जुनलाल जी को जयपुर कारगर में रखा
      1. निजाम हत्याकांड आरा ( बिहार ) में हुआ
      2. इसका नेतृत्व मोतीलाल एवं विष्णुदत ने किया
      3. इन दोनों को आजीवन कारावास की सजा हुई
    11. हार्डिंग बम केश में नाम आने पर इनको मद्रास की वेलुर जेल ( मद्रास ) में स्थानांतरित कर दिया गया
    12. वेलुर जेल में इन्होने 70 दिन का अनशन किया जो राजस्थान इतिहास में पहला अनशन मन जाता है
    13. 1920 में वेलुर जेल से रिहा कर दिया गया
    14. रिहा होने के बाद पुणा रेलवे स्टेशन ( महाराष्ट्र ) पर बाल गंगाधर तिलक ने अर्जुनलाल सेठी का स्वागत किया
    15. 1921 में सेठी जी अहिंसावादी बने
    16. 1929 में अर्जुनलाल सेठी ने ब्यावर में राजपुताना मजदुर संघ की स्थापना की
    17. सेठी जी हिन्दू – मुस्लिम एकता के समर्थक थे
      • ये मदरसों में मुस्लिम बच्चो को भी शिक्षा देते थे
    18. नरम दल एवं गरम दल के मध्य की कड़ी अर्जुनलाल सेठी को माना जाता है
    19. सेठी जी को क्रान्तिकारियो का गुरु माना जाता है
    20. राजपुताना में राष्ट्रीयता का जन्मदाता अर्जुनलाल सेठी थे
    21. 1931 ई. में सेठी जी ने जीवन का अंतिम भाषण सामाजिकता ( socialism ) पर दिया था
    22. इनका अंतिम समय मस्जिद में गुजरा और मृत्यू के बाद जलाने की जगह दफ़नाने की इच्छा व्यक्त की
    23. 1941 ई. में अर्जुनलाल सेठी का निधन हुआ
      • ख्वाजा साहब की दरगाह ( अजमेर ) के सामने सेठी जी को दफनाया गया
  • 8 सेठ जमनालाल बजाज ———–
    1. जन्म ———–4 नवम्बर 1889 को हुआ
    2. जन्म स्थान ———– काशी का बास गाँव ( सीकर )
    3. उपनाम ———– ———–
      • गांधीजी का पांचवा पुत्र
      • सम्पादकीय भामाशाह
      • गुलाम नंबर 4
        1. गुलाम नंबर 1 —– भारत माता
        2. गुलाम नंबर 2 —— राजस्थान
        3. गुलाम नंबर 3 ——- सीकर
        4. गुलाम नंबर 4 —— जमनालाल बजाज स्वयं को मानते थे
    4. ये प्रसिद उद्योगपति , समाजसेवी व क्रन्तिकारी थे
    5. इनको गांधीजी के पांचवा पुत्र सर्वप्रथम 1920 ई. में नागपुर अधिवेशन में कहा गया
    6. 1921 ई. में वर्धा ( महाराष्ट्र ) में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की
    7. उपाधि ———– रायबहादुर
      • सेठ जमनालाल बजाज ने जलियावाला बाग हत्याकांड के पश्चात इस उपाधि को पुन: लोटाया
    8. इन्होने अग्रेजो द्वारा प्रदत रायबहादुर का ख़िताब वापस लोटाकर देश के प्रति अपनी निष्ठा का परिचय दिया
    9. जमनालाल बजाज ने 1927 में जयपुर में चरखा-संघ की स्थापना की
    10. ये जयपुर राज्य प्रजामंडल के संस्थापको में से थे
    11. जयपुर प्रजामंडल के प्रथम अधिवेशन के बाद बजाज को बंदी बना लिया गया जिस पर गांधीजी ने कहा था ——बजाज की गिरफ्तारी को हम राष्ट्रिय प्रशन बना देंगे
    12. 1942 में इनका निधन हो गया (53 वर्ष की आयु में )
    13. 4 नवम्बर 1970 को सेठ जमनालाल की स्मृति में डाक टिकट जारी किया गया
    14. 1985 ई. में जमनालाल बजाज पुरुस्कार की शुरुवात की गयी
      • 1986 ई. में इस पुरुस्कार को रचनात्मक कार्य के लिए दिया गया
  • 9 जयनारायण व्यास ——–
    1. जन्म —————-18 फ़रवरी 1899
    2. जन्म स्थान —————- जोधपुर में हुआ
    3. पत्नी —————- गोरजा व्यास
    4. उपनाम —————-
      1. शेर-ए-राजस्थान
      2. लोकनायक / जननायक
      3. धुन का धणी
      4. लक्कड़-कक्कड़-फक्कड़
      5. मास्साब
    5. राजस्थान के प्रमुख स्वंतंत्रता सेनानी ,समाज सुधारक व कुशल राजनीतीज्ञ थे
    6. इन्होने निम्नलिखित समाचार -पत्र का प्रकाशन किया ——
      1. आगि-बान(अग्नि-बान) ——
        1. 1932 में शुरू
        2. राजस्थानी भाषा में प्रकाशित
        3. राजस्थानी भाषा का प्रथम समाचार-पत्र
        4. ब्यावर से प्रकाशित किया
      2. अखण्ड भारत —–
        1. 1938 में शुरू
        2. बम्बई से प्रकाशित
      3. तरुण राजस्थान ———
        1. 1928 में शुरू
        2. बम्बई से प्रकाशित
      4. PIP ——–
        1. दिल्ली से प्रकाशित
        2. अंग्रेजी भाषा में
    7. जयनारायण व्यास द्वारा रचित ग्रन्थ ———–
      1. गेर क़ानूनी लाग-बागे
      2. मारवाड़ री अवस्था
      3. पापा बाई री पोल
    8. सामंतशाही व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने वाले प्रथम व्यक्तित्व जयनारायण व्यास थे
    9. 1921 ई. में जयनारायण व्यास ने मारवाड़ हितकारिणी सभा का गठन किया
      • 1923 ई. में इसका पुनर्गठन किया गया
    10. जयनारायण व्यास को बंदी बनाकर सिवाना दुर्ग में रखा गया
    11. 1937 में बीकानेर महाराजा गंगासिंह ने व्यासजी के प्रति जेल में अच्छा व्यवहार करने हेतु मारवाड़ के अंग्रेज अधिकारी डोनाल्ड फोर्ड को पत्र लिखा
    12. 1948 में जोधपुर रियासत के प्रधानमंत्री बने
    13. जयनारायण व्यास मनोनीत व निर्वाचित दोनों मुख्यमंत्री रहे
    14. 2 बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने ——
      1. प्रथम बार ——1951-52
      2. दूसरी बार ——-1952-54
    15. जयनारायण व्यास को शेर-ए-राजस्थान कहा जाता है
    16. 14 मार्च 1963 को इनका निधन हो गया
    17. 1974 ई. में जयनारायण व्यास के सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया
  • 10 हीरालाल शास्त्री —————
    1. जन्म ————— जोबनेर ( जयपुर ) में हुआ
    2. पत्नी ————— रतना शास्त्री
    3. पुत्री ————— शांता बाई
    4. गीत —————
      1. जीवन कुटीर के गीत
      2. प्रलय प्रतीक्षा नमो: नम:
    5. आत्मकथा ————— प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र
    6. हीरालाल शास्त्री ने 1936 ई. में निवाई ( टोंक ) में जीवन कुटीर की स्थापना की
      1. जीवन कुटीर का संचालन ————— रतना शास्त्री ने किया
      2. वर्तमान में यह निवाई में वनस्थली विद्यापीठ है जो आवासीय बालिका संस्थान है
    7. 1942 ई. में हीरालाल शास्त्री ने जेंटलमेन एग्रीमेंट किया —————
      • जेंटलमेन एग्रीमेंट —————
        1. हीरालाल शास्त्री एवं मिर्जा इस्माइल के मध्य हुआ
        2. मिर्जा इस्माइल को आधुनिक जयपुर का निर्माता कहा जाता है
        3. हीरालाल शास्त्री ने जयपुर में खादी का प्रचार-प्रसार किया
        4. बाबा हरिश्चन्द्र ने जयपुर प्रजामंडल से अलग आजाद मोर्चे का गठन किया
    8. हिरालाल शास्त्री राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री बने
      • 30 मार्च 1949 ई. को मुख्यमंत्री मनोनीत किये गये
    9. 1974 ई. में हीरालाल शास्त्री का निधन हुआ
    10. 1976 ई. में हीरालाल शास्त्री के सम्मान में डाक-टिकट जारी किया गया
  • 11 गुरु गोविन्द गिरी ————-
    1. ये मूलत डूंगरपुर रियासत के बसिया ग्राम में बंजारा परिवार से सम्बंधित थे
    2. इन्हें भीलो का बावजी / मसीहा कहा जाता है
    3. भीलो में इनको गुरूजी कहते थे
    4. गुरु गोविन्द गिरी के शिष्य ————— सुर्जी भक्त थे
    5. भीलो में भक्त पंथ , धुणी पंथ एवं माला पंथ का प्रवर्तन किया
    6. इन्होने 1883 में भीलो को राजनेतिक रूप से संगठित करने हेतु सम्प सभा की स्थापना की जिसकी वार्षिक बैठक मानगढ़ की पहाड़ी पर होती थी
    7. गुरु गोविन्द गिरी ने भीलो में सामाजिक व धार्मिक जनजाग्रति हेतु भगत पंथ की स्थापना की
    8. गुरु गोविन्द गिरी ने भीलो को शराब छोड़ने हेतु प्रेरित किया जिसका व्यापक प्रभाव पड़ा
    9. इन्होने मूर्ति-पूजा का विरोध किया तथा भीलो में धुनी-प्रथा और माला-प्रथा का प्रचलन किया
    10. गुरु गोविन्द गिरी दयानन्द सरस्वती से प्रेरित थे
    11. इन्ही की प्रेरणा से भीलो में शुद्धि आन्दोलन चलाया गया
    12. 1883 ई. में गुरु गोविन्द गिरी ने सम्प सभा की स्थापना की
      1. सम्प सभा का मुख्यालय ————— सिरोही में
      2. 1903 ई. में सम्प सभा का प्रथम वार्षिक अधिवेशन हुआ था
      3. 1913 ई. में सम्प सभा की बैठक मानगढ़ पहाड़ी बांसवाडा में हुई
        1. इस सम्मेलन में मेवाड़ भील कोर ( M.B.C. ) ने गोलीबारी की
        2. इस हत्याकांड में 1500 भील शहीद हुए
        3. इसे मानगढ़ कांड के नाम से जाना जाता है
    13. गुरु गोविन्द गिरी को गिरफ्तार कर अहमदाबाद जेल में रखा गया
    14. 1930 में इन्हें सशर्त जेल से मुक्त किया गया
    15. इन्होने अपना अंतिम समय गुजरात के कम्बोई नामक स्थान पर व्यतीत किया
    16. 1931 में कम्बोई (गुजरात ) में इनकी मृत्यू हो गयी
  • 12 भोगीलाल पांड्या ——-
    1. इनका जन्म 13 नवम्बर 1904 को डूंगरपुर के सीमलवाडा गाव में हुआ
    2. भोगीलाल पांड्या डूंगरपुर प्रजामंडल के संस्थापक थे
    3. भोगीलाल पंड्या को वागड के गाँधी के नाम से जाना जाता था
      1. राजस्थान का गाँधी ————— गोकुल भाई भट्ट ( हाथल गाँव , सिरोही )
      2. चिडावा का गाँधी ————— मास्टर प्यारेलाल
      3. गांधीजी का पांचवा पुत्र ————— सेठ जमनालाल बजाज
    4. इन्होने आदिवासी समाज में ——
      1. आत्मस्वाभिमान की भावना
      2. शिक्षा का प्रकाश
      3. जागरूकता
      4. कुप्रथाओ से छुटकारा का दीप प्रज्वलित किया
    5. 15 मार्च 1938 को डूंगरपुर में वनवासी सेवा संघ की स्थापना की
    6. बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर 1 अगस्त 1944 को डूंगरपुर में भोगीलाल जी ने प्रजामंडल की स्थापना की
    7. 31 मार्च 1981 को इनका निधन हो गया
  • 13 हरिभाऊ उपाध्याय —————
    1. जन्म ————— भोरासा गाँव ( मध्यप्रदेश ) में हुआ
    2. उच्च शिक्षा ————— वाराणसी ( उतरप्रदेश )
    3. उपनाम ————— द साहब
    4. हरिभाऊ उपाध्याय ने निम्नलिखित पत्रिका का प्रकाशन किया —————
      1. ओदुम्बर पत्रिका ————— वाराणसी ( उतरप्रदेश )
      2. सरस्वती पत्रिका ————— अजमेर से प्रकाशन किया
    5. 1927 ई. में हटूंडी ( अजमेर ) में गाँधी आश्रम की स्थापना की
    6. हरिभाऊ अजमेर राज्य के मुख्यमंत्री रहे
    7. राजस्थान सरकार , खादी एवं समाज कल्याण मंत्री रहे
  • 14 मोतीलाल तेजावत ———–
    1. ये मूलत उदयपुर रियासत में झाडोल ठिकाने के कोल्यारी गाँव के निवासी थे
      • ये ओसवाल बनिया परिवार से सम्बन्धित थे
    2. मोतीलाल तेजावत झाडोल ठिकाने के कामदार के पद पर कार्यरत थे
    3. इन्होने पद का त्यागकर भीलो के पक्ष में आन्दोलन किया
    4. मोतीलाल तेजावत के उपनाम ——-
      1. आदिवासियों के मसीहा
      2. मोती बाबा
      3. बावजी
    5. मोतीलाल तेजावत जी ने भीलो में राजनेतिक एकता स्थापित करने हेतु एकी आन्दोलन प्रारम्भ किया
    6. मेवाड़ भील कोर के सेनिको द्वारा नीमडा हत्याकांड किया गया जिसमे 1200 भील शहीद हुए
    7. मोतीलाल तेजावत ने मेवाड़ सरकार के समक्ष 21 सूत्रीय मांगपत्र प्रस्तुत किया जिसे मेवाड़ की पुकार भी कहा जाता है
    8. मोतीलाल तेजावत ने नारा दिया —–न हाकिम , न हुकुम
    9. गांधीजी की सलाह से तेजावत जी ने आत्मसमर्पण किया इनको 7 वर्ष की जेल की सजा हुई
  • 15 विजयसिंह पथिक ———–
    1. जन्म————— 24 मार्च 1882
    2. जन्म स्थान —————उतरप्रदेश के बुलंद शहर के गुठावाली गाँव में हुआ
    3. मूल नाम —————भूपसिंह था
      • 1915 ई. में फिरोजपुरा कांड के पश्चात इन्होने अपना नाम परिवर्तित किया
    4. पिता ————— हिम्मत सिंह गुर्जर
    5. दादा ————— इन्द्रसिंह गुर्जर
    6. माता ————— कमला
    7. पत्नी ————— जानकी देवी
    8. ये रासबिहारी बोस के अनुयाई थे
    9. विजयसिंह पथिक चाचा बलदेव के साथ राजस्थान में पहली बार किशनगढ़ ( अजमेर ) आये थे
    10. राजस्थान में किसान आन्दोलन का जनक ————— विजयसिंह पथिक
    11. सशस्त्र क्रांति के आरोप में गोपालसिंह खरवा के साथ टोडगढ ( अजमेर ) में कैद किया गया
    12. यंहा से फरार हो गये
    13. 1916 में चितोडगढ़ के ओछ्डी गाँव में विद्या-प्रचारिणी सभा के सम्मेलन के समय साधू सीताराम दास के आग्रह पर बिजोलिया किसान आन्दोलन का नेतृत्व स्वीकार किया
    14. 1916 ई. में बिजोलिया किसान आन्दोलन के नेता बने
    15. 1917 ई. में विजयसिंह पथिक ने हरियाली अमावश्या के दिन किसान पंचायत बोर्ड की स्थापना की
      1. इसे उपरमाल पंच बोर्ड कहा जाता है
      2. इसमें 13 सदस्य थे
      3. सरपंच ————— मुन्ना पटेल
      4. सदस्य —————
        1. नानजी पटेल
        2. ठाकरी पटेल आदि
    16. पथिक ने उपरमाल डंका समाचार-पत्र का प्रकाशन किया
    17. बिजोलिया किसान आन्दोलन का प्रचार प्रसार प्रताप समाचार पत्र के माध्यम से किया
      • प्रताप समाचार पत्र का प्रकाशन कानपूर से गणेश शंकर विद्यार्थी द्वारा किया गया
    18. 1918 ई. में मध्य भारत राजपुताना सभा की स्थापना की
      1. मुख्यालय —————कानपूर था
      2. 1920 ई. में इसका मुख्यालय ————— अजमेर स्थानांतरित किया गया
    19. 1919 ई. में राजस्थान सेवा संघ की स्थापना की
      1. वर्धा ( महाराष्ट्र ) में
      2. 1920 ई. में अजमेर स्थानांतरित किया गया
    20. विजयसिंह पथिक ने राजस्थान केसरी समाचार पत्र का प्रकाशन किया
    21. विजयसिंह पथिक ने झंडा गीत की रचना की
    22. पथिक जी ने 1921 में अजमेर से नवीन राजस्थान समाचार-पत्र का प्रकाशन किया कुछ समय बाद इसका नाम बदलकर तरुण राजस्थान रखा गया
    23. 10 सितम्बर 1923 को विजयसिंह पथिक को बंदी बना लिया गया
    24. 1927 में इन्हें जेलसे मुक्त किया गया
    25. पथिक जी को क्रांती वाला बाबा कहा जाता था
    26. 28 मई 1954 ई. को विजयसिंह पथिक का अजमेर में निधन हुआ
  • 16 पंडित नरोत्तम लाल जोशी —————
    1. ये झुंझुनू के थे
    2. जयपुर राज्य प्रजामंडल आन्दोलन के प्रवर्तक थे
    3. इन्होने शेखावाटी जकात आन्दोलन का नेतृत्व किया
    4. प्रथम आम चुनाव में झुंझुनू के विधायक निर्वाचित हुए
    5. ये प्रथम विधानसभा अध्यक्ष भी बने
  • 17 रिशालदार मेहराब खां ——–
    1. ये मूलत करोली के निवासी थे
    2. कोटा राज्य की सेना के एक सेनिक पदाधिकारी थे और प्रमुख क्रन्तिकारी the
    3. इन्होने 1857 की क्रांति में कोटा के क्रांतिकारियों का नेतृत्व किया
  • 18 ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत———-
    1. 1857 की क्रांति के समय आउवा की क्रांति का नेतृत्व किया
    2. कुशालसिंह ने जोधपुर की राजकीय सेना +अंग्रेजी सेना को सयुंक्त रूप से 2 युद्ध हुए दोनों में पराजित किया
      1. बिथोड़ा का युद्ध (8 सितम्बर 1857)
      2. चेलावास का युद्ध (18 सितम्बर 1857)
      3. इन दोनों युद्धों का विस्तार से वर्णन Topik-1 1857 की क्रांति में किया गया है
    3. ठाकुर कुशाल सिंह ने किले का भार लाम्बिया के ठाकुर पृथ्वीसिंह को सोंपा
    4. कुशालसिंह ने कोठारिया के ठाकुर जोधसिंह के पास शरण ली
    5. होम्स नामक अंग्रेज अधिकारी के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने पृथ्वीसिंह को पराजित कर आउवा किले पर अधिकार किया
    6. कुशाल सिंह का सहयोग करने वाले ठिकाने -ठिकानेदार ———
क्रम संख्याठिकानेठिकानेदार
1आसोपशिवनाथ सिंह
2आलनियावासअजीतसिंह
3गुलरविशनसिंह
4लाम्बियापृथ्वीसिंह
5कोठारियाजोधसिंह
6सलुम्बरकेसरी सिंह
  1. 1860 इसवी में नीमच की सेनिक छावनी में कुशालसिंह ने आत्मसमर्पण किया
  2. इनके अपराधो की जाँच हेतु टेलर आयोग का गठन किया
  3. टेलर आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कुशलसिंह को अपराधमुक्त घोषित किया
  4. 1864 में कुशलसिंह की मृत्यू हुई
  • 19 डूगजी-जवाहर जी ———-
    1. मूल निवास ——-बठोठ पटोदा (सीकर )
    2. ये रिसालदार(शेखावाटी रेजिमेंट ) के पद पर कार्यरत थे
      • शेखावाटी रेजिमेंट का मुख्यालय झुंझुनू था
    3. इन्होने 1847 में नसीराबाद सेनिक छावनी को लुटा था
    4. डुंगजी को बंदी बनाकर अंग्रेजो ने आगरा दुर्ग में रखा
    5. जवाहर जी निम्नलिखित साथियों के सहयोग से डुंगजी को मुक्त करवाया —–
      1. लोटिया जाट
      2. करनीया मीणा
      3. सांवता नाइ
    6. जवाहर जी को बीकानेर महाराजा रतनसिंह ने संरक्ष्ण दिया था
  • 20 माणिक्यलाल वर्मा ———-
    1. इनका जन्म 4 दिसम्बर 1887 को बिजोलिया में हुआ
    2. मेवाड़ प्रजामंडल के संस्थापक-सदस्य रहे
    3. अजमेर में रहकर माणिक्यलाल वर्मा ने मेवाड़ का वर्तमान शासन नामक पुस्तक की रचना की
    4. माणिक्यलाल वर्मा को बंदी बनाकर कुम्भलगढ़ दुर्ग में रखा गया
    5. माणिक्यलाल वर्मा पर हुए अत्याचारों की आलोचना महात्मा गाँधी द्वारा यंग-इंडिया समाचार-पत्र में की गयी
    6. 1940 में माणिक्यलाल वर्मा को जेल से मुक्त किया गया
    7. वर्मा जी ने तत्कालीन महाराणा भूपालसिंह को अंग्रेजो से सम्बन्ध-विच्छेद करने के लिए कहा अन्यथा उदयपुर में भारत छोड़ो आन्दोलन करने की चेतावनी दी अत वर्माजी को बंदी बना लिया गया
    8. वर्माजी की पत्नी नारायनी देवी ने अपने पुत्र दीनबंधु और पुत्री सुशीला के साथ गिरफ्तारी दी थी
    9. माणिक्यलाल वर्मा एकमात्र ऐसे आंदोलनकारी जिनके पुरे परिवार ने अपनी गिरफ्तारी दी
    10. वर्मा जी उदयपुर में गठित संयुक्त राजस्थान के प्रधानमंत्री बने
  • 21 टिकाराम पालीवाल ——–
    1. इनका जन्म 1907 में दोसा में हुआ
    2. ये राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री थे
    3. ये भूमि-सुधारो के जनक होने के साथ अराजकता के उन्मुलक के रूप में जाने जाते है
  •  
  • 22 मोहन लाल सुखाडिया ———–
    1. राजस्थान के शताब्दी पुरुष ,आधुनिक राजस्थान के निर्माता
    2. मोहनलाल सुखाडिया निरंतर 17 वर्षो तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे (1954से लेकर 1971 तक)
    3. ये उदयपुर के निवासी थे
    4. ये सर्वाधिक लम्बी अवधि तक मुख्यमंत्री रहे
    5. 38 वर्ष की अल्पायु में ही मुख्यमंत्री बन गये थे
    6. 2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज का प्रारम्भ किया

इतिहास की महत्वपूर्ण महिलाये —————

  1. राजस्थान की प्रथम महिला विधायक ————— यशोदरा देवी ( बांसवाडा )
  2. राजस्थान की प्रथम महिला सांसद —————
    1. लोकसभा ———– गायत्री देवी
    2. राज्यसभा ———– शारदा भार्गव
    3. अनुसूचित जाती ( SC ) की प्रथम महिला सांसद ———– सुशीला बांगरू
    4. अनुसूचित जनजाति ( ST ) की प्रथम महिला सांसद ———– उषा मीणा
  3. राजस्थान की प्रथम महिला मुख्यमंत्री ————— वसुंधरा राजे
  4. राजस्थान की प्रथम महिला उपमुख्यमंत्री ————— कमला बेनीवाल
  5. राजस्थान में प्रथम महिला मंत्री ————— कमला बेनीवाल
  6. केंद्र सरकार में राजस्थान की प्रथम महिला मंत्री ————— गिरजा व्यास
  7. राजस्थान की प्रथम महिला राज्यपाल ————— प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
  8. प्रथम महिला जिला प्रमुख ————— नगेन्द्र बाला
  9. सुमन राव —————
    1. आइडाणा गाँव ( राजसमन्द )
    2. इन्होने फेमिना मिस इंडिया अवार्ड 2019 को जीता
  10. खेतु बाई —————
    1. बीकानेर
    2. इन्होने जीवनभर खादी के वस्त्रो में रहने का व्रत लिया
  11. सत्यभामा —————
    1. बूंदी के क्रन्तिकारी नित्यानंद सागर की पुत्रवधू थी
    2. गांधीजी की मानस पुत्री
  12. मणिबहन पांड्या —————
    1. भोगीलाल पांड्या की पत्नी
    2. वागड बा के नाम से विख्यात
  13. जानकी देवी बजाज —————
    1. सेठ जमनालाल की पत्नी थी
    2. 1956 ई. में पदम विभुषण से सम्मानित हुई
      • पदम विभूषण प्राप्त करने वाली राजस्थान की प्रथम महिला थी
    3. भूमिदान एवं कुपदान के तहत इन्होने 108 कुओ का दान किया था
  14. रतना शास्त्री —————
    1. हीरालाल शास्त्री की पत्नी थी
    2. जयपुर प्रजामंडल की स्थापना की
    3. वात्सल्य की मूर्ति
    4. 1945 ई. में पदमश्री से सम्मानित किया गया
    5. 1975 ई. में पदम भूषण से सम्मानित किया गया
    6. पदमश्री एवं पदम् भूषण दोनों पुरुस्कार प्राप्त करने वाली राजस्थान की प्रथम महिला थी
  15. अंजना देवी चौधरी —————
    1. रामनारायण चौधरी की पत्नी थी
    2. स्वतन्त्रता आन्दोलन में गिरफ्तार होने वाली प्रथम महिला थी
    3. बिजोलिया किसान आन्दोलन में सक्रिय रही
  16. नारायणी देवी वर्मा —————
    1. माणिक्य लाल वर्मा की पत्नी थी
    2. 1944 ई. में भीलवाडा में महिला आश्रम की स्थापना की
  17. काली बाई —————
    1. रास्तापाल गाँव , डूंगरपुर
    2. राजस्थान में साक्षरता की देवी
      • वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा कलि बाई साक्षरता पुरुस्कार भी दिया जाता है
    3. राजस्थान का एकलव्य
    4. इनका स्मारक गेव सागर झील के किनारे डूंगरपुर में है
    5. रास्तापाल कांड —————
      • डूंगरपुर के रास्तापाल गाँव में रियासती सेनिको द्वारा विद्यालय को बन्द किया गया और निम्नलिखित 2 अध्यापको के साथ मारपीट की गयी
        1. नाना भाई खाट ————— इनकी मारपीट के कारण मृत्यू हुई
        2. सेंगा भाई ————— इनको बचाने के प्रयास में भील बालिका कलि बाई वीरगति को प्राप्त हुई थी

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