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राजस्थान इतिहास

राजपूत : राजपूतो की उत्पति के सिद्दांत Topik-9

राजपूत काल 7-12 शताब्दी के मध्य का काल माना जाता है , राजपूतो की उत्पति के विषय में विभिन्न विद्वानों ने अपने-अपने मत प्रस्तुत किये है , राजपूतो को क्षत्रिय भी कहा जाता है इस विषय में जानकारी निम्नलिखित है —-

राजपूत
  1. विंसेट स्मिथ ने 7वि से 12वि शताब्दी के काल को राजपूत काल कहा है
  2. इस काल में सम्पूर्ण भारत में अलग-अलग क्षेत्रो में अलग-अलग वंशो ने राज किया जिसके कारण यह काल भारत में राजनितिक विखंडन का काल भी मन जाता है
  3. वेद उपनिषदों में राजपूतो को क्षत्रिय कहा गया
  4. नेणसी री ख्यात में इन्हें राजपुत्र कहा गया है
  5. कालिदास , कोटिल्य और बाणभट्ट ने इन्हें राजन्य कहा है

राजपूत

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  • राजपूत की उत्पति के प्रमुख सिद्दांत ———
    1. अग्निकुंड से उत्पति का सिद्दांत ———
      1. चंदरबरदाई ने अपने ग्रन्थ पृथ्वीराज रासो में इस सिद्दांत का उल्लेख किया है
      2. वशिष्ठ मुनि ने आबू पर्वत पर यज्ञ किया जिसकी ज्वालाओ से चार जातियों की उत्पति हुई जो निम्नलिखित है ——-
        1. गुर्जर-प्रतिहार
        2. चोहान
        3. सोलंकी/चालुक्य
        4. परमार
      3. इस सिद्दांत का समर्थन निम्नलिखित ने किया ——-
        1. मुहणोत नेणसी ने मारवाड़ री परगना री विगत में किया है
        2. सूर्यमल्ल मिश्रण ने अपने ग्रन्थ वंश-भास्कर में किया है
        3. जोधराज ने अपने ग्रन्थ हम्मीर रासो में इसका समर्थन किया
        4. कर्नल जेम्स टॉड ने किया
    2. विदेशियों से उत्पति का सिद्दांत ———
      • निम्नलिखित विद्वानों द्वारा राजपूतो को अलग-अलग विदेशी जातियों की सन्तान माना है ——–
        1. कर्नल जेम्स टॉड ———ये प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने राजपूतो को विदेशियों की सन्तान कहा ! इन्होने शको की सीथियन शाखा से उत्पति बताई
        2. विन्सेंट स्मिथ —–हूणों की सन्तान
        3. कनिघम ———कुशाणों की सन्तान
        4. इश्वरी प्रसाद ——विदेशियों की सन्तान
        5. D.R.भण्डारकर——-विदेशी ब्रहामणों की सन्तान बताया
    3. ब्राह्मणों से उत्पति का सिद्दांत ——–
      1. इस मत का समर्थन निम्नलिखित विद्वानों ने किया
        1. गोपीनाथ शर्मा
        2. D.R.भण्डारकर
      2. राजपूतो को ब्राह्मणों की सन्तान बताने वाले शिलालेख ——-
        1. आहड़अभिलेख
        2. कुम्भलगढ़ प्रशस्ति
        3. बिजोलिया शिलालेख
        4. घटियाला शिलालेख
        5. मंडोर अभिलेख
    4. सूर्यवंशी ,चन्द्रवंशी का सिद्दांत ———
      1. इस मत का समर्थन करने वाले विद्वान ——
        1. डॉ दसरथ शर्मा ने अपनी पुस्तक —–राजस्थान थ्रू द एजेज में किया है
        2. जगदीश सिंह गहलोत ने अपनी पुस्तक ——राजपूताने का इतिहास में किया है
      2. यह सिद्दांत मुख्य रूप से चारण और भाटो द्वारा प्रचलित किया गया
      3. अग्निपुराण , हर्षनाथ अभिलेख , हम्मीर महाकाव्य आदि में भी इस मत का समर्थन किया गया है
    5. वैदिक आर्यों की सन्तान ———
      • इस मत का समर्थन करने वाले विद्वान ——–
        1. डॉ गोरिशंकर हिराचंद ओझा ( G.H. ओझा )
        2. डॉ C.V. वेध
        3. डॉ पुसालकर
        4. डॉ लक्ष्मण स्वरूप
        5. डॉ रामचन्द्रन
        6. डॉ वाकणकर आदि
    6. मिश्रित जाती का सिद्दांत ———
      • यह सिद्दांत देने वाले विद्वान ——
        1. विशुद्धि नन्द पाठक
        2. D.P. चटोपाध्याय
  1. अग्निकुंड से उत्पति के आधार पर चार राजपूत जातियों का वर्णन है
    1. गुर्जर-प्रतिहार
    2. चोहान
    3. सोलंकी /चालुक्य
    4. परमार
  2. Topik-10 में गुर्जर-प्रतिहार राजवंश का वर्णन है
  3. और राजवंश का अगले टोपिक में ………

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