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राजस्थान इतिहास

ताम्रपत्र : राजस्थान के ताम्रपत्र Topik-47

ताम्रपत्र में प्राचीन समय में जिस भूमि को राजा द्वारा दान किया जाता था उसका उल्लेख मिलता था भारत में भूमिदान की शुरुवात सातवाहन राजाओं ने की थी , विभिन्न ताम्रपत्र का उल्लेख निम्नलिखित है ————–

ताम्रपत्र

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राजस्थान के ताम्रपत्र —————–

  • राजा द्वारा अपने सामंत को , ब्रहामनो को , भिक्षुक को या मन्दिर को भूमि दान में दी जाती थी उस भूमी का उल्लेख ताम्रपत्र में होता था
  • भारत में भूमिदान की व्यवस्था ————— सातवाहन राजाओ ने शुरू की थी
  • ताम्रपत्र का आकार —————
    • 8 X 6
    • 12 X 8
  • भूमिदान का माप ————— हल —– बीघा में मापा जाता था
    • 1 हल = 50 बीघा
    • 1 बीघा = 25-40 बांस
  1. धुलेव का ताम्रपत्र —————
    1. 679 ई.
    2. उदयपुर
    3. किसकिन्धा ( कल्याणपुर ) के राजा भेटी द्वारा उब्बकर नामक ब्रहामन को भट्टीनाग गाँव दान में देने का उल्लेख मिलता है
    4. इस ताम्रपत्र में संवत को अश्वभुज संवत्सर कहा गया है
  2. ब्रोच – गुर्जर ताम्रपत्र —————
    1. 978 ई.
    2. कनिघम ने इस ताम्रपत्र के आधार पर राजपूतो को कुषाण ( यु-ची ) जाती का वंशज बताया था
    3. प्रतिहारो का गंगा से कावेरी तक अधिकार था यह जानकारी इस ताम्रपत्र से प्राप्त होती है
  3. आहड़ का ताम्रपत्र —————
    1. 1206 ई.
    2. यह ताम्रपत्र चालुक्य / सोलंकी शासक भीमदेव द्वितीय के शासन काल का है
    3. इस ताम्रपत्र में भीमदेव द्वितीय की उपाधियो का उल्लेख मिलता है —————
      1. महाराजाधिराज
      2. परमेश्वर
      3. परम भट्टारक
      4. नव सिद्धराज
    4. मूलराज प्रथम से भीमदेव द्वितीय तक की वंशावली का वर्णन मिलता है
    5. भीमदेव द्वितीय द्वारा रायकरण जाती के ब्रहामन रविदेव को मेदपाट ( मंडल , मेवाड़ ) दान में देने की जानकारी का उल्लेख मिलता है
  4. खेरोदा गाँव का ताम्रपत्र —————
    1. 1437 ई.
    2. उदयपुर
    3. इस ताम्रपत्र में एकलिंग मन्दिर को कुंभा द्वारा दान करने का उल्लेख मिलता है
  5. चिकली ताम्रपत्र —————
    1. 1483 ई.
    2. उदयपुर
    3. इस ताम्रपत्र में किसानो से वसूले जाने वाले करो का वर्णन मिलता है
  6. ढोल ताम्रपत्र —————
    1. 1574 ई.
    2. उदयपुर
    3. इस ताम्रपत्र में महाराणा प्रताप द्वारा सैन्य चौकी के निर्माण करवाने की जानकारी मिलती है
  7. पिपली ताम्रपत्र —————
    1. 1576 ई.
    2. उदयपुर
    3. इस ताम्रपत्र से हल्दीघाटी युद्ध के बाद महाराणा प्रताप द्वारा करवाए गये निर्माण कार्यो का वर्णन मिलता हें
    4. भामाशाह द्वारा महाराणा प्रताप को दी गयी आर्थिक सहायता का उल्लेख भी इस ताम्रपत्र में मिलता है
  8. किटखेडी ताम्रपत्र —————
    1. 1650 ई.
    2. प्रतापगढ़
    3. इस ताम्रपत्र में किटखेडी गाँव भट्ट विश्वनाथ नामक ब्रहामन को दान में देने का उल्लेख मिलता हें
    4. मेवाड़ की शेक्षणिक व्यवस्था का उल्लेख भी मिलता हें
  9. अंगोरा ताम्रपत्र —————
    1. 1809 ई.
    2. नागोर
    3. इस ताम्रपत्र से क्षत्रियो द्वारा ब्रहामणों को भूमि दान करने की जानकारी मिलती है
  10. लावा ताम्रपत्र —————
    1. 1558 ई.
    2. लावा
    3. विवाह के बदले भोला ब्रहामन द्वारा लिया जाने वाला मापा कर को उदयसिंह ने समाप्त किया था यह जानकारी इस ताम्रपत्र से मिलती है
  11. प्रतापगढ़ ताम्रपत्र —————
    1. 1817 ई.
    2. प्रतापगढ़
    3. इस ताम्रपत्र से महारावल सामंतसिंह द्वारा 1 रूपये पर 1 आना वसूला जाने वाला टंकी कर को समाप्त करने की जानकारी मिलती है

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