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राजस्थान की कला एवं संस्क्रति

लोकगीत : राजस्थान के प्रमुख लोकगीत Topik-32

लोकगीत हमारी संस्क्रति एवं सभ्यता के पहरेदार है , भावनाओ को प्रकट करने वाली वाणी को लोकगीत कहा जाता है , राजस्थान के लोक संगीत भाग में 4 टोपिक ( 1-लोकगीत , 2-लोक नृत्य , 3-लोक नाट्य , 4-लोक वाद्द यंत्र ) शामिल है इनमे से लोक नृत्य का अध्ययन पिछले भाग में हम कर चुके है , लोकगीत का अध्ययन इस भाग में करंगे ————–

 

लोकगीत

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राजस्थान के प्रमुख लोकगीत

  1. लोकगीत हमारी संस्क्रति एवं सभ्यता के रक्षक है
  2. भावनाओ को प्रकट करने वाली वाणी को लोकगीत कहा जाता है
  3. ऐसे गीत जिनमे कोई संदेश निहित हो , लोकगीत कहलाते है

कथन ————

  1. महात्मा गाँधी ————–
    1. लोकगीत स्थानीय लोगो की भाषा है
    2. यह गीत हमारी संस्क्रति के पहरेदार / रक्षक है
  2. रविन्द्रनाथ टेगोर ————–
    • लोकगीत हमारी संस्कृति के लिए सुखद संदेश लाने की एक कला है
  3. देवेन्द्र सत्यार्थी ————–
    • लोकगीत किसी संस्कृति के मुह बोले चित्र होते है
  1. राजस्थान का राज्य लोकगीत —————-
    1. ” केसरिया बालम पधारो नी म्हारे देश “
    2. यह गीत एक विरह गीत है
    3. इस गीत को प्रथम बार गवरी देवी ने गाया
    4. इस गीत को सर्वाधिक बार अल्हा जिल्हा बाई ने गाया
      • अल्हा जिल्हा बाई ——
        1. बीकानेर राजघराने की मांड गायिका
        2. गुरु ——– उस्ताद हुसेन बख्श
        3. 1982 ई. में इन्हें पदम् श्री पुरुष्कार से सम्मानित किया गया
        4. वर्ष 2003 में इन पर 5 रूपये का डाक टिकट जारी किया गया
  2. राष्ट्र गीत ————–
    1. ” वन्दे मातरम “
    2. लेखक ——– बकिम चन्द्र चटर्जी
    3. यह आनन्दमठ उपन्यास से लिया गया है
    4. 1896 ई. में सर्वप्रथम इसे कांग्रेस अधिवेशन में गाया गया
    5. 24 जनवरी 1950 ई. को राष्ट्र गीत के रूप में अपनाया गया
    6. राष्ट्र गीत को गाने में 65 सेकंड का समय लगता है
  3. राष्ट्र गान —————
    1. ” जन-गण-मन “
    2. रचियता ——– रविन्द्र नाथ टेगोर
    3. यह गीतांजली उपन्यास से लिया गया है
    4. इसे पहली बार 1911 ई. के कलकता अधिवेशन में गाया गया
    5. 24 जनवरी 1950 को राष्ट्र गान के रूप में अपनाया गया
    6. राष्ट्र गान को गाने में 52 सेकंड का समय लगता है

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  1. राजस्थान के प्रमुख लोकगीत —————-
    1. गोरबंध गीत ————–
      1. प्रसिद्ध ——– जेसलमेर + बीकानेर
      2. यह गीत ऊंट का श्रंगार करते समय गाया जाता है
      3. गोरबंध ऊंट के गले का एक आभूषन हें
      4. यह एक श्रंगारिक गीत है
    2. मूमल गीत —————-
      1. प्रसिद्ध ——–जैसलमेर
      2. यह एक प्रेम गीत है
      3. यह गीत महेंद्र व मूमल की प्रेमकथा पर आधारित है
      4. महेंद्र व मूमल की प्रेमकथा ——– काकनेय / काक / मसुरदी नदी के तट पर विकसित हुई
      5. महेंद्र के ऊंट का नाम ——– चीतल
      6. महेंद्र व मूमल की प्रेमकथा ——– मीनाक्षी स्वामी ने लिखी
    3. झोरावा —————-
      1. प्रसिद्ध ——– जेसलमेर
      2. यह एक विरह गीत है
    4. बिछुड़ा —————-
      1. प्रसिद्ध ——–हाडोती क्षेत्र
      2. विवाहित महिला को बिच्छु द्वारा डंक मारने के पश्चात अपने पति को दुसरे विवाह का संदेश देने हेतु गाया जाने वाला गीत
    5. मोरिया —————-
      1. प्रसिद्ध ——– सिरोही , जालोर
      2. यह गीत कन्याओ के द्वारा सगाई के पश्चात विवाह में हो रही देरी के लिए गाया जाता है
    6. काछबा गीत —————-
      1. प्रसिद्ध ——– जैसलमेर
      2. यह एक प्रेम गीत है
    7. चोरावा गीत —————-
      1. प्रसिद्ध ——– जेसलमेर
      2. यह गीत कक्का नृत्य के समय गाया जाता है
        • कक्का नृत्य ——-
          1. बसंत पंचमी पर आयोजित होता है
            • बसंत पंचमी —- माघ शुक्ल पंचमी
          2. प्यार /प्रेम के देवता कामदेव / रतीदेव को समर्पित है
    8. दारुड़ी गीत —————-
      1. प्रसिद्ध ——– मारवाड़ क्षेत्र
      2. पश्चिमी राजस्थान में विवाह के अवसर पर शराब परोसते समय दारुड़ी गीत गाया जाता है
    9. कलाल —————-
      • शराब विक्रेता व शराब खरीदने वाले के बीच होने वाले वाद-विवाद का वर्णन इस गीत में है
    10. दांका —————-
      • शराबी पति की झूटी प्रशंसा में गाया जाने वाला गीत
    11. चिरमी —————-
      1. प्रसिद्ध ——– मालवा क्षेत्र , हाडोती क्षेत्र
      2. विवाहित महिला द्वारा अपने ससुराल में बैठकर भाई व पिता की याद में पीहर जाने हेतु गाया जाने वाला गीत
      3. चिरमी के पोधे को संबोधित करके वधु अपने बही व पिता की प्रतीक्षा करती हुई यह गीत गाती है
    12. जीरा —————-
      • महिला द्वारा अपने पति को जीरा की फसल नही बोने की सलाह देने हेतु गाया जाने वाला गीत
    13. लावणी गीत —————-
      1. प्रसिद्ध ——– मारवाड़ , शेखावाटी
      2. प्रेमियो द्वारा लावणी गीत गाया जाता है
      3. यह एक विरह गीत है
      4. मोरध्वज भर्तहरी सेयुसमन आदि लावणीया प्रसिद्ध है
    14. हीड गीत —————-
      1. प्रसिद्ध ——– हाडोती , मेवाड़
      2. दीपावली के अवसर पर गाया जाने वाला गीत
      3. यह गीत छोटे बच्चो द्वारा टोलिया बनाकर दीपावली के अवसर पर गाया जाता है
    15. होली के अवसर पर गाये जाने वाले गीत —————-
      1. फाग
      2. रंगीला
      3. धमाल
      4. पेरा
      5. हकरा इत्यादि
    16. हालरिया गीत —————-
      • बच्चे को झुल्ला देते समय गाया जाने वाला गीत
    17. परणया गीत —————-
      • विवाहित महिला द्वारा अपने पति को प्रदेश जाने की सलाह देने हेतु गाया जाने वाला गीत
    18. हंस गीत —————-
      1. यह एक झगड़ालू गीत है
      2. इस गीत में गर्भवती महिला और उसके सास के बीच होने वाले झगड़े का वर्णन है
    19. सुपणा गीत —————-
      1. प्रसिद्ध ——– मारवाड़ क्षेत्र
      2. यह गीत महिला द्वारा अपने पति की याद स्वपन आने पर गाया जाता है
    20. कांगसियो गीत —————-
      • महिला द्वारा अपने रूप-सोंदर्य का वर्णन करते समय कांगसियो गीत गाया जाता है
    21. सहल गीत —————-
      1. यह अत्यंत मार्मिक गीत है
      2. यह गीत पत्नी द्वारा अपनी सहेलिओ से चिड़ने के पश्चात पति को घर आने का संदेश देने हेतु गाया जाता है
    22. हुमसिढो गीत —————-
      1. प्रसिद्ध ——– मेवाड़ क्षेत्र
      2. यह भीलो का युगल गीत है
      3. भील पुरुष व महिला दोनों मिलकर गाते है
    23. पटेल्या / बिछिया / लालर गीत —————-
      • यह पर्वतीय गीत है
    24. पंछिडा गीत —————-
      1. प्रसिद्ध ——– मेवाड़ क्षेत्र
      2. यह गीत मेलो में गाया जाता है
    25. धमाल —————-
      • यह होली के अवसर पर गाया जाता है
    26. आंगो – मोरिया —————-
      • महिलाओ द्वारा अपने घर की सुख – सम्रद्धि हेतु गाया जाने वाला गीत है
    27. हिचकी —————-
      1. प्रसिद्ध ——– मेवात क्षेत्र ( अलवर , भरतपुर )
      2. हिचकी का सम्बन्ध ——– याद से है
    28. ढोला – मारू —————-
      • प्रसिद्ध ——– सिरोही
    29. आडिया गीत —————-
      1. प्रसिद्ध ——– भरतपुर , अलवर
      2. यह गीत सुख सम्रद्धि हेतु गाया जाता है
    30. केवडा —————-
      1. वन एवं पर्वतीय क्षेत्रो में गाया जाने वाला गीत
      2. यह गीत मेवाड़ के मैदानी भागो में गाया जाता है
      3. केवडा एक वृक्ष है
    31. रसिया गीत —————-
      1. ब्रज क्षेत्र , भरतपुर
      2. भगवान श्री कृष्ण की प्रशंसा में गाया जाने वाला गीत
      3. ब्रज नृत्य के समय गाया जाने वाला गीत
    32. बादली गीत —————-
      1. प्रसिद्ध ——– मेवाड़ व हाडोती क्षेत्र
      2. यह गीत विरहणी स्त्री द्वारा वर्षा ऋतू में अपने पति की याद में गाया जाता है
    33. लोरी —————-
      • छोटे बच्चो को सुलाते समय गाया जाने वाला गीत

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  1. पक्षी से सम्बंधित लोकगीत —————-
    1. पपैया —————-
      1. यह एक प्रेम गीत है
      2. अविवाहित कन्या विवाहित पुरुष से प्रेम करती है एवं उसे मिलने हेतु उपवन में बुलाती है
      3. पुरुष द्वारा नही जाने पर कन्या द्वारा पपैया गीत गाया जाता है
    2. सुवटिया —————-
      1. प्रसिद्ध ——– मेवाड़ और पर्वतीय प्रदेशो में
      2. भील महिला द्वारा अपने प्रदेश गये पति के विरह में यह गीत गाया जाता है
    3. कुरंजा —————-
      1. प्रसिद्ध ——– मरुप्रदेश
      2. विवाहित महिला द्वारा अपने पति के विरह में यह गीत गाया जाता है
    4. कौआ / काग —————-
      • प्रसिद्ध ——– मारवाड़
      • यह गीत विरहणी स्त्री द्वारा अपने प्रियतम के घर आगमन की अभिलाषा में गाया जाता है
      • पश्चिमी राजस्थान में मेहमान आगमन का प्रतीक ——– कौआ पक्षी कोमाना जाता है
    5. कोयलडी —————-
      • यह विवाह के अवसर पर गाया जाता है
    6. कबूतर ——–
      • प्रसिद्ध ——– चुरू
    7. फुलचिड़ी —————-
      • यह गीत विवाह के अवसर पर गाया जाता है
    8. मोरिया —————-
      1. प्रसिद्ध ——– वागड एवं हाडोती क्षेत्र
      2. यह गीत कन्याओ के द्वारा सगाई के पश्चात विवाह में हो रही देरी के लिए गाया जाता है

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  1. विवाह से सम्बंधित गीत —————-
    • अगले भाग में —————- Topik-33 में

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