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हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें भाग – 4( 75 लोकोक्तियाँ / कहावतें ) टोपिक – 9

हमने पिछले भागो में हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें और मुहावरों का अध्ययन किया अब हम शेष आगे के परीक्षा उपयोगी हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें का अध्ययन करेंगे जो निम्नलिखित है ———————-

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हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें

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हिंदी लोकोक्तियाँ / कहावतें ———————–

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  1. बुढ़ापे में मिटटी खराब ————————–
    • बुढ़ापे में अनेक कष्ट
  2. बोए पेड़ बबुल के आम कहाँ से खाए ——————
    • जैसा कर्म करोंगे वैसा ही फल मिलेगा
  3. भूखे भजन न होय गोपाला ———————–
    • भूख लगती हो तो कोई काम नही होता
  4. भूल गये राग रंग भूल गयी छकड़ी तीन चीज याद रही नून तेल लकड़ी ——————
    • गृहस्थी के जंजाल में कोई सुध – बुध नही रहती
  5. भेड पे ऊन किसने छोड़ी ———————-
    • अच्छी चीज को सब लेना चाहते है
  6. भैंस के आगे बीन बजाये , भैंस खड़ी पगुराय ——————-
    • मुर्ख के आगे ज्ञान की बात करना बेकार है
  7. भौंकते कुते को रोटी का टुकड़ा ———————–
    • जो तंग करे उसको कुछ दे – दिला के चुप करा दो
  8. मतलबी यार किसके , दम लगाया खिसके ———————–
    • स्वार्थी को अपना स्वार्थ साधने से काम है
  9. मन के लड्डूओ से भूख नहीं मिटती ———————
    • मन में सोचने मात्र से इंच्छा पूरी नही होती
  10. मन चंगा तो कठौती में गंगा ———————–
    • मन की शुद्धता ही वास्तविक शुद्धता है
  11. मरज बढ़ता गया ज्यों – ज्यों दवा की ———————
    • सुधार कै बजाय बिगाड़ होता गया
  12. मरता क्या न करता ————————–
    • मज़बूरी में आदमी सब कुछ करता है
  13. मल्यागिरी की भीलनी चन्दन देत जलाय ———————–
    • बहुत सी चीज हो तो कद्र नही रहती
  14. मानो तो देव नही तो पत्थर ——————–
    • मानो तो आदर , नहीं तो उपेक्षा
  15. माया से माया मिले कर – कर लम्बे हाथ ———————
    • जहाँ धन हो वहां और धन आता रहता है
  16. माया बादल की छाया ———————
    • धन दौलत का कोई भरोसा नहीं
  17. मार के आगे भुत भागे ———————
    • मार से सब डरते है
  18. मुंह में राम बगल में छुरी ——————–
    • ऊपर से मित्र , भीतर से शत्रु
  19. मुंह चिकना , पेट खाली ——————–
    • केवल ऊपरी दिखावा
  20. मुंह मांगी मौत भी नही मिलती ——————
    • अपनी ईच्छा से कुछ नहीं होता
  21. मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक ———————
    • घूम – फिरकर एकमात्र ठिकाना
  22. मेरी तेरे आगे , तेरी मेरे आगे ——————-
    • चुगलखोर
  23. मेरी ही बिल्ली और मुझसे ही म्याऊ ——————
    • नौकर को मालिक के सामने अकड़ना नहीं चाहिए
  24. में की गर्दन पर छुरी ———————–
    • अंहकार का नाश
  25. म्याऊ के ठौर को कौन पकडे ———————
    • कठिन काम में कोई हाथ नहीं बंटाता
  26. यह मुंह और मसूर की दाल ———————-
    • अपनी ओकात से बढकर होना / करना
  27. योगी था उठ गया आसन रही भभूत —————–
    • पुराना गौरव समाप्त
  28. रंग लाती है हिना पत्थर पे घिस जाने के बाद ————————
    • दु:ख झेलते – झेलते आदमी का अनुभव और सम्मान बढ़ता है
  29. रघुकुल रीती सदा चली आई , प्राण जाये पर वचन न जाई ——————-
    • अपने वचन का पालन करना चाहिए
  30. रस्सी जल गयी पर ऐंठन न गयी ———————-
    • सर्वनाश हो गया पर घमंड नहीं गया
  31. राजहंस बिन को करे छीर नीर अलगाव —————–
    • न्याय करना बहुत कठिन काम है
  32. राम नाम कै आलसी और भोजन में होंशियार ——————–
    • केवल खाने – पिने का उत्साह है
  33. राम मिलाई जोड़ी , एक अँधा एक कोढ़ी ——————
    • बराबर का मेल हो जाता है
  34. राम – राम / राम नाम जपना पराया माल अपना ———————
    • ऊपर से भक्त , असल में ठग
  35. रोज कुआं खोदना , रोज पानी पीना ————————-
    • रोज कमाना और तब खाना
  36. लड़े सिपाही नाम सरदार के ——————–
    • काम किसी का , नाम किसी और का
  37. लड्डू कहे मुंह मीठा नही होता ———————
    • केवल कहने से काम नहीं बनता
  38. लातों के भुत बातों से नही मानते ——————–
    • धूर्त लोगो से कड़ाई से पेश आना चाहिए
  39. लाल गुदड़ी में नही छिपते ————————
    • उतम प्रकृति के लोगो का पता चाल ही जाता है
  40. लिखे ईसा पढ़े मूसा ———————-
    • गंदी लिखावट
  41. लोहा लोहे को काटता है ——————–
    • बराबर के लोग आपस में निपट सकते है
  42. वहम की दवा हकीम के पास भी नही है ———————
    • वहम सबसे बुरा रोग है
  43. वा सोने को जारिए जिससे फाटे कान ———————-
    • कीमती चीज भी यदि दु:ख देती है तो त्याज्य है
  44. विष सोने के बर्तन में रखने से अमृत नहीं हो जाता ————————–
    • किसी चीज का प्रभाव बदल नहीं जाता
  45. शक्ल चुडेल की , मिजाज परियो का ——————
    • बेकार का नखरा
  46. शक्कर खोर को शक्कर मिल ही जाती है ——————
    • कभी – कभी इष्ट वस्तु मिल ही जाती है
  47. शर्म की बहु नीत भूखी मरे ——————-
    • शर्म करने से कष्ट उठाना पड़ता है
  48. शेरो का मुंह किसने धोया ———————
    • सामर्थ्यवान के लिए कोई उपाय नहीं है
  49. सइया भये कोतवाल अब डर काहे का ————————–
    • अपने अधिकारियो से अनुचित लाभ उठाना
  50. सखी न सहेली , भली अकेली ———————-
    • अकेले रहना अच्छा है
  51. दाता से सुम भला जो तुरंत देय जवाब ——————–
    • आशा में लटकाए रखने वाले से तुरंत इंकार कर देने वाला अच्छा
  52. सबेरे का भुला साँझ को घर आ जाये तो भुला नहीं कहलाता ——————–
    • गलती करके सुधार लेने वाला दोषी नहीं कहलाता
  53. समय चुकी पुनि का पछताने ————————
    • अवसर खोकर पछताने से कोई लाभ नहीं
  54. समरथ को नहीं दोष गोसाई ———————-
    • बड़े आदमी पर कोन दोष लगाये
  55. सांच को आंच नहीं ——————-
    • सच्चे आदमी को कोई खतरा नहीं
  56. सांप का काटा पानी नहीं मांगता ———————–
    • कुटिल व्यक्ति की चाल में फसा व्यक्ति बच नहीं पाता
  57. सांप के मुंह में छछूंदर , निगले तो अँधा , उगले तो कोढ़ी ———————
    • दुविधा में पड जाना
  58. सांप निकल गया लकीर पिंटो ———————
    • अवसर बीत जाने पर चेष्टा व्यर्थ
  59. सांप मरे न लाठी टूटे ———————–
    • बिना बल प्रयोग के काम हो जाये
  60. सारी उम्र भाड ही झोका ————————
    • कुछ सिखा पाया नहीं
  61. सारी देग में एक ही चावल टटोला जाता है ——————–
    • जाँच के लिए थोडा सा नमूना ले लिया जाता है
  62. सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखाई देता है ———————-
    • पक्षपात में दुसरे पक्ष की नहीं सूझती
  63. सावन हरे न भादो सूखे ——————–
    • सदा एक सी दशा
  64. सिर तो नही फिरा है ———————
    • उलटी – सीधी बातें करते हो
  65. सिर मुंडाते ही ओले पड़ना ————————–
    • शुरू में ही विघ्न पड़ गया
  66. सुनते – सुनते कान बहरे हो गये ———————-
    • बार – बार सुनते – सुनते तंग आ गये है
  67. सूखे धन पड़ा क्या पानी ———————–
    • समय पर सहायता न मिली तो बेकार
  68. सूरज धुल डालने से नहीं छिपता ——————-
    • गुणी व्यक्ति का गुण प्रकट हो ही जायेगा
  69. सूरदास की कालि कमरी चढ़े न दूजो रंग ——————–
    • आदतें पक्की होती है , बदलती नहीं
  70. सेर को सवा सेर ——————-
    • एक से बढकर दूसरा
  71. सोने में सुगंध / सोने में सुहागा ——————-
    • गुण के साथ और कोई विशेषता
  72. सौ दिन चोर के , एक दिन साहूकार का ——————
    • सौ अपराध करें पर एक दिन फँस ही जायेगा
  73. सौ सुनार की एक लोहार की ———————–
    • कमजोर के सेंकडो प्रहार शक्तिशाली के एक आघात के समक्ष ढीले
  74. हंसा थे सों उड गये कागा भये दीवान ——————–
    • भले लोगो के स्थान पर बुरे लोगो के हाथ में अधिकार होना
  75. हजारो टांकी सहकर महादेव होते है ———————
    • कठिनाइया झेलते – झेलते आदमी ऊंचा पद प्राप्त करता है

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शेष लोकोक्तियाँ / कहावतें —————————- अगले भाग में टोपिक – 10 में

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