राजस्थान का एकीकरण Topik-1
राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में पूरा हुआ था , एकीकरण के समय भारत में कुल 562 रियासते थी तथा राजस्थान में 19 रियासते , 3 ठिकाने व 1 केंद्र शासित प्रदेश था , सवतंत्रता अधिनियम 1947 की धारा 8 के तहत देसी रियासतों से ब्रिटिश प्रभुत्व समाप्त हुआ राजस्थान के एकीकरण में कुल 8 वर्ष 7 माह 14 दिन का समय लगा था एकीकरण की विस्तृत जानकारी निम्नलिखित है ————–
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- राजस्थान में एकीकरण के समय 19 रियासते 3 ठिकाने और 1 केन्द्रशासित प्रदेश था
- 19 रियासते——
- जयपुर ————-मानसिंह 2nd (इसे “पोलो का पेल्ली भी कहते है)
- जोधपुर ————हनुवंत सिंह
- बीकानेर ———–सार्दुल सिंह
- जेसलमेर ———-रघुनाथ सिंह
- उदयपुर ———–महराना भूपाल सिंह (अपाहिज थे )
- डूंगरपुर ———–लक्ष्मण सिंह
- बांसवाडा ———-चन्द्रवीर सिंह
- प्रतापगढ़ ———-अम्बिका प्रसाद
- सिरोही ————अभयसिंह
- शाहपुरा ———-सुदर्शन देव सिंह
- किशनगढ़ ——–सुमेरसिंह
- टोंक ————-अजिजुदोला
- कोटा ————-भीमसिंह
- बूंदी ————–बहादुर सिंह
- झालावाड ———हरीशचंद्र देव सिंह
- अलवर ———–तेजसिंह
- भरतपुर ———–ब्रजेन्द्रसिंह
- धोलपुर ———–उदयभान सिंह
- करोली ————गणेश पाल वासुदेव सिंह
- 3 ठिकाने —––
- नीमराना —————(अलवर रियासत में )——ठिकानेदार–राव राजेन्द्र सिंह थे
- लावा ठिकाना ———-(जयपुर रियासत में )——-ठिकानेदार –बन्सप्र्दीप सिंह थे
- कुशलगढ़ ठिकाना —–(बांसवाडा रियासत में )—–ठिकानेदार –हरेन्द्र सिंह थे
- 1 केंद्र शासित प्रदेश —–
- 1. अजमेर मेरवाडा
- 19 रियासते——
- एकीकरण के समय छोटी बड़ी रियासते ————-
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- क्षेत्रफल की द्रष्टि से सबसे बड़ी रियासत ——————-मारवाड़
- क्षेत्रफल की द्रष्टि से सबसे छोटी रियासत ——————शाहपुरा
- जनसँख्या की द्रष्टि से सबसे बड़ी रियासत ——————-जयपुर
- जनसँख्या की द्रष्टि से सबसे छोटी रियासत —————–शाहपुरा
- राजस्थान की सबसे प्राचीन रियासत ————————मेवाड़
- राजस्थान की सबसे नविन रियासत ————————झालावाड (अंग्रेजो द्वारा स्थापित )
- एकीकरण के समय अंग्रेजो ने राजस्थान को 4 स्टेट एजेंसी में बाँट रखा था ————-
- उतर
- राजस्थान को 4 राजपूत स्टेट एजेंसी में विभाजित कर रखा था
- जयपुर राजपूत स्टेट एजेंसी ———(केंद्र –जयपुर )
- मेवाड़ राजपूत स्टेट एजेंसी ———-(केंद्र –उदयपुर )
- हाडोती राजपूत स्टेट एजेंसी ———(केंद्र — कोटा )
- पश्चिमी राजपूत स्टेट एजेंसी ———-(केंद्र –जोधपुर )
- राजस्थान को 4 राजपूत स्टेट एजेंसी में विभाजित कर रखा था
- भारतीय रियासती विभाग —————-
- मुख्यालय ——– नई दिल्ली
- स्थापना ————5 जुलाई 1947
- अध्यक्ष ————-सरदार वल्लभ भाई पटेल
- सचिव ————–V. P. मेनन
- कार्य ———— रियासतों का एकीकरण करना
- कोनसी रियासत राज्य के रूप में बनी रह सकती है —–
- जिस रियासत की कुल जनसँख्या न्यूनतम 10 लाख हो
- जिस रियासत की वार्षिक आय न्यूनतम एक करोड़ रु हो
सवतंत्रता अधिनियम 1947 की धारा 8 के तहत देसी रियासतों से ब्रिटिश प्रभुत्व समाप्त हुआ
देश में कुल 562 रियासते थी
राजस्थान का एकीकरण
- प्रथम प्रयास एकीकरण का ——————–वाइसराय लार्ड लीन लिथगो(1939)
- एकीकरण में कुल समय कितना लगा ———–8 वर्ष 7 माह 14 दिन
- एकीकरण कुल कितने चरणों में —————-7 चरण में हुआ
- 1948 में ——तिन चरण (प्रथम , द्वितय, तृतीय चरण )
- 1949 में ——दो चरण (चतुर्थ ,पांचवा चरण )
- 1950 में ——एक चरण (छठा चरण )
- 1956 में ——एक चरण (सातवा चरण )
- राजस्थान में एकीकरण पर सर्वप्रथम हस्ताक्षर करने वाले शासक ————– तेजसिंह ( अलवर )
- भारत में विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रथम शासक ————– शार्दुलसिंह ( बीकानेर )
- रियासती विलय सम्बन्धी समस्या के समाधान हेतु ————– नरेंद्र मंडल की बैठक हुई
- नरेंद्र मंडल ————–
- बैठक —– 25 जुलाई 1947 ई. में हुई
- अध्यक्ष ——माउन्ट बैटन
- इस बैठक में 2 प्रपत्र जारी किये गये —–
- instument of assession
- stand steel agreement
- वह रियासत जो अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखना चाहती थी उसे 2 शर्ते पूरी करनी होगी —-
- जनसंख्या 10 लाख से अधिक हो
- वार्षिक आय 1 करोड़ से अधिक हो
- नरेंद्र मंडल ————–
- प्रथम चरण : मत्स्य संघ (18 मार्च 1948) ————–
- इस चरण में 4 रियासतों और 1 ठिकाने का विलय किया गया
- 4 रियासते ——-
- अलवर
- भरतपुर
- धोलपुर
- करोली
- 1 ठिकाना —-नीमराना
- 4 रियासते ——-
- मत्स्य संघ के विलय पत्र पर सर्वप्रथम अलवर महाराजा तेजसिंह ने हस्ताक्षर किये
- मत्स्य संघ के ——
- राजप्रमुख———–उदयभान सिंह (धोलपुर )
- उपराजप्रमुख ——-गनेशपाल वासुदेव सिंह (करोली )
- प्रधानमंत्री ———-शोभाराम कुमावत (अलवर)
- राजधानी ———–अलवर
- उद्घाटन स्थल ——लोहागढ़(भरतपुर)
- उद्घाटनकर्ता ——-N. V. गोड्गिल(नरहरी विष्णु)
- कुल जनसंख्या ——-18.23 लाख
- वार्षिक आय ———-1 करोड़ 84लाख
- इस चरण में 4 रियासतों और 1 ठिकाने का विलय किया गया
- 2. द्वितीय चरण : पूर्व राजस्थान संघ (25 मार्च 1948) ————–
- द्वितीय चरण में 9 रियासते और 1 ठिकाने का विलय किया गया
- 9 रियासते —–
- कोटा
- बूंदी
- टोंक
- झालावाड
- शाहपुरा
- किशनगढ़
- प्रतापगढ़
- डूंगरपुर
- बांसवाडा
- 1 ठिकाना ——–( कुशलगढ़ )
- 9 रियासते —–
- पूर्व राजस्थान संघ के ———
- राजप्रमुख ————भीमसिंह ( कोटा )
- उपराजप्रमुख ———बहादुर सिंह
- वरिष्ठ उपराजप्रमुख —लक्ष्मण सिंह
- प्रधानमंत्री ————गोकुल लाल असावा
- उद्घाटन स्थल ——-कोटा
- उद्घाटनकर्ता ——–N. V. गोड्गिल(नरहरी विष्णु)
- राजधानी ————-कोटा
- वार्षिक आय ———-2 करोड़ रु
- 3. तृतीय चरण : सयुंक्त राजस्थान (18 अप्रेल 1948) ————–
- इस चरण में उदयपुर रियासत का विलय पूर्व राजस्थान संघ में किया गया
- और नाम बदलकर सयुंक्त राजस्थान कर दिया
- सयुंक्त राजस्थान संघ के ——-
- राजप्रमुख ————–महाराणा भूपाल सिंह
- उपराजप्रमुख ———–भीमसिंह ( कोटा )
- वरिष्ठ उपराजप्रमुख ——बहादुर सिंह ( बूंदी )
- कनिष्ठ उपराजप्रमुख—–लक्ष्मण सिंह ( डूंगरपुर )
- प्रधानमंत्री ————–माणिक्य लाल वर्मा
- उपप्रधानमंत्री ———–गोकुल लाल असावा
- उद्घाटन स्थल ———-उदयपुर
- उद्घाटनकर्ता ———–पंडित जवाहर लाल नेहरु
- राजधानी —————उदयपुर
- वार्षिक आय ————3 करोड़ 16 लाख
- 4. चतुर्थ चरण : वृहत राजस्थान ( 30 मार्च 1949 )
- चतुर्थ चरण में 4 रियासते और 1 ठिकाने का विलय किया गया
- 4 रियासते —–
- जयपुर
- जोधपुर
- बीकानेर
- जेसलमेर
- 1 ठिकाना ——–( लावा )
- 4 रियासते —–
- चतुर्थ चरण में ——
- महाराजप्र्मुख———————भूपाल सिंह
- राजप्रमुख ————————मानसिंह 2nd
- उपराजप्रमुख———————भीमसिंह
- वरिष्ट उपराजप्रमुख —————बहादुर सिंह
- कनिष्ट उपराजप्रमुख ————–लक्ष्मण सिंह
- परधानमंत्री ———————-हीरालाल शाशत्री
- उपप्रधानमंत्री ——————–माणिक्य लाल वर्मा
- राजधानी ————————जयपुर (पंडित सत्यनारायन राव समिति की सिफारिश पर )
- उद्घाटन स्थल ——————-जयपुर
- उद्घाटनकर्ता ——————–सरदार वल्लभ भाई पटेल
- राजस्थान के एकीकरण का अधिकांश कार्य पूरा होने के कारण 30 मार्च को ही राजस्थान दिवस मनाया जाता है
- चतुर्थ चरण में विभिन्न रियासतों को निम्नलिखित विभाग दिए गये
- बीकानेर रियासत ————-शिक्षा विभाग
- उदयपुर रियासत —————खनिज विभाग
- कोटा रियासत ——————वन वीभाग
- भरतपुर ————————कर्षि विभाग
- चतुर्थ चरण में 4 रियासते और 1 ठिकाने का विलय किया गया
- 5. पांचवा चरण : वृहतर /सयुंक्त वृहतर राजस्थान (15 मई 1949) ————–
- इस चरण में मत्स्य संघ का विलय वृहत राजस्थान में किया गया
- पांचवे चरण में विभिन्न पदों पर स्तिथि पूर्व के अनुसार थी जेसे——
- महाराजप्र्मुख———————भूपाल सिंह
- राजप्रमुख ————————मानसिंह 2nd
- उपराजप्रमुख———————भीमसिंह
- वरिष्ट उपराजप्रमुख —————बहादुर सिंह
- कनिष्ट उपराजप्रमुख ————–लक्ष्मण सिंह
- परधानमंत्री ———————-हीरालाल शाशत्री
- उपप्रधानमंत्री ——————–माणिक्य लाल वर्मा
- 6. छठा चरण : राजस्थान संघ ( 26 जनवरी 1950 ) ————–
- इस चरण में सिरोही रियासत के आबू देलवाडा का विलय बम्बई प्रान्त में कर दिया गया
- विभिन्न पदों पर स्तिथि पहले के समान थी जेसे —–
- महाराजप्र्मुख———————भूपाल सिंह
- राजप्रमुख ————————मानसिंह 2nd
- उपराजप्रमुख———————भीमसिंह
- वरिष्ट उपराजप्रमुख —————बहादुर सिंह
- कनिष्ट उपराजप्रमुख ————–लक्ष्मण सिंह
- परधानमंत्री ———————-हीरालाल शाशत्री
- उपप्रधानमंत्री ——————–माणिक्य लाल वर्मा
- 7. सातवा चरण : वर्तमान राजस्थान (1 नवम्बर 1956) ————–
- इस चरण में आबू देलवाडा तथा अजमेर मेरवाडा (केन्द्रशासित प्रदेश ) का राजस्थान में विलय किया गया (राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश पर )
- राज्य पुनर्गठन आयोग ——-
- गठन ——22 दिसम्बर 1953
- अध्यक्ष —–फेजल अली
- इस आयोग के राजस्थान से सदस्य——ह्रदय नाथ कुंजरू
- इस आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आबू देलवाडा तथा अजमेर मेरवाडा का राजस्थान में विलय किया गया
- राज्य पुनर्गठन आयोग ——-
- इस चरण में राज्यों को A B C श्रेणिया समाप्त कर दी गयी ( सविधान के सातवे संसोधन 1956 के अनुसार )
- मुख्यमंत्री———–मोहनलाल सुखाडिया
- राज्य के कार्यकारी प्रमुख को ही मुख्यमंत्रीखा जाने लगा
- राज्यपाल ———-गुरुमुख निहाल सिंह
- राज्य के सवेधानिक प्रमुख को ही राज्यपाल कहा गया
- सातवे चरण में जिलो की कुल संख्या ———–26 थी
- इस चरण में आबू देलवाडा तथा अजमेर मेरवाडा (केन्द्रशासित प्रदेश ) का राजस्थान में विलय किया गया (राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश पर )
- एकीकरण से सम्बन्धित महत्वपूर्ण कथन—-
- हनुवंत सिंह(जोधपुर) ———“आज स्वाधीनता दिवस नही अपितु शोक दिवस है “
- चन्द्रवीर सिंह (बांसवाडा)——“ये विलय पत्र नही अपितु मर्त्यु पत्र (डेथ वारेंट ) है “
- स्वतंत्रता प्राप्ति क बाद भारत में तिन श्रेणी के राज्य थे ————
- A श्रेणी —–
- वे राज्य जो पूर्व में प्रत्यक्ष ब्रिटिश नियन्त्रण में थे
- जेसे — बिहार ,बम्बई , मद्राश आदि
- इनके प्रमुख को राज्यपाल ( गवर्नर ) कहते थे
- B श्रेणी ——–
- वे राज्य जो स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद छोटी -बड़ी रियासतों के एकीकरण से बनाये गये थे
- जेसे —–राजस्थान , मध्य भारत आदि
- इनके प्रमुख को राजप्रमुख कहते थे
- C श्रेणी ——–
- ये वे छोटे राज्य थे जिन्हें ब्रिटिश काल में चीफ कमिशनर प्रान्त कहा जाता था
- जेसे —– अजमेर मेरवाडा , दिल्ली
- A श्रेणी —–
- 1956 में सविधान के 7वे संसोधन द्वारा A व B श्रेणी को समाप्त कर दिया तथा राजप्रमुख के स्थान पर राज्यपाल का पद सर्जित किया गया
- राज्य पुनर्गठन आयोग ————–
- 22 दिसम्बर 1953 ई.
- अध्यक्ष ————– फैजल अली
- सदस्य ————–
- सरदार पन्निकर
- ह्रदयनाथ कुंजरू
- कार्य ————– भाषा सम्बन्धी समस्याओ का अध्ययन कर रिपोर्ट केंद्र सरकार को सोपना
- आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 पारित कर सविधान में 7 वा संसोधन किया गया
- 7 वा सविधान संसोधन के तहत ————–
- आबू देलवाडा व अजमेर मेरवाडा का विलय राजस्थान में किया गया
- 7 वा सविधान संसोधन के तहत ————–
- पृथक संघ बनाने का प्रयास करने वाले शासक ————–
- राजपुताना संघ ————– मानसिंह द्वितीय
- वागड संघ ————– लक्ष्मण सिंह
- मेवाड़ संघ ————– भूपालसिंह
- हाडोती संघ ————– भीमसिंह ( कोटा के )
- जाट झंडा खतरे में ————– मानसिंह